बीएचयू में पॉसिबिलिटी ऑफ़ इम्पॉसिबिलिटी : कैनेडियन मल्टीकल्चरलिस्म एंड डायनामिक्स ऑफ़ नेशन बिल्डींग पर विशेष व्याख्यान

वाराणसी। बीएचयू में समाजशास्त्र विभाग और राजनीति विज्ञान विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से प्रोफेसर ब्रज सिन्हा (प्रोफेसर, धार्मिक अध्ययन और वैश्विक राजदूत, सस्केचेवान विश्वविद्यालय, कनाडा) द्वारा “पॉसिबिलिटी ऑफ़ इम्पॉसिबिलिटी : कैनेडियन मल्टीकल्चरलिस्म एंड डायनामिक्स ऑफ़ नेशन बिल्डींग” पर एक विशेष व्याख्यान का सम्बोधि सभागार , समता भवन में आयोजन किया। व्याख्यान की अध्यक्षता प्रोफेसर बिंदा डी. परांजपे, संकाय प्रमुख, सामाजिक विज्ञान संकाय और सह-अध्यक्षता प्रोफेसर अशोक कौल, प्रोफेसर एमेरिटस, समाजशास्त्र विभाग द्वारा की गई।
प्रोफेसर सिन्हा ने अपने व्याख्यान की शुरुआत संस्कृति की समर्थकारी और बाधक भूमिका को रेखांकित करते हुए की। इस संदर्भ में उन्होंने शिक्षाविदों को बहुसंस्कृतिवाद को एक अनुभवजन्य तथ्य के रूप में, एक मूल्य के रूप में और राष्ट्र निर्माण की एक विचारधारा के रूप में देखने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे कनाडा 1971 के बाद से बहुसंस्कृतिवाद को राष्ट्रीय नीति के रूप में अपनाने वाला दुनिया का पहला देश है। उन्होंने राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में बहुसंस्कृतिवाद की चुनौतियों को भी सामने रखा। उन्होंने तर्क दिया कि राष्ट्र निर्माण की विचारधारा के रूप में बहुसंस्कृतिवाद को स्वीकार करने का कोई भी प्रयास जातीय, नस्लीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को शामिल किए बिना अधूरा है।
प्रो. बिंदा डी. परांजपे ने भी राष्ट्र निर्माण में बहुसंस्कृतिवाद के ऐतिहासिक और समकालीन महत्व पर प्रकाश डाला। प्रो अशोक कौल ने सह-अध्यक्ष के रूप में अपने अवलोकन में व्यावहारिक स्तर पर बहुसंस्कृतिवाद की चुनौतियों को रेखांकित किया। उन्होंने भक्ति आंदोलन जैसे सांस्कृतिक समन्वयवाद में निहित संभावना की ओर ध्यान आकर्षित किया।
राजनीति विज्ञान विभाग की प्रो. सोनाली सिंह ने स्वागत भाषण दिया और समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ओम प्रकाश भारतीय ने धन्यवाद ज्ञापन किया। विशेष व्याख्यान डॉ. राजीव दुबे, समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित किया गया और डॉ. लालजी पाल, राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा सह-संयोजित किया गया था।
विभिन्न विषयों के संकाय सदस्य – प्रो. जयकांत तिवारी (पूर्व डीन और विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र), प्रो. ए.पी. सिंह (पूर्व विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र), प्रो. मनोज मिश्रा (एचओडी, एमपीसीआर), प्रो. अभिनव शर्मा, प्रो. सी.डी. अधिकारी, डॉ. डी.के. सिंह, डॉ. सुष्मिता सिंह, डॉ. अरुणा कुमारी, डॉ. मनोज वर्मा, डॉ. वी. के. लहरी, डॉ. प्रियंका झा, डॉ. दिव्या रानी, डॉ. अनुपमा सिन्हा, डॉ. शरद धर शर्मा, डॉ. श्रुति दुबे, डॉ. धीरज और डॉ. निधि मिश्रा ने व्याख्यान में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन शिवानी त्रिपाठी, अनमोल तिवारी, आनंदमय केशव, शुभम मिश्रा, व भाव्या ने किया। व्याख्यान के बाद प्रश्नोत्तर सत्र का रोचक दौर चला।