नगर पंचायत नगर बाजार के निकाय चुनाव के मतपत्र चोरी के मामले में पीठासीन और मतदान अधिकारी निलंबित
नगर पंचायत नगर बाजार के निकाय चुनाव के मतपत्र चोरी के मामले में पीठासीन और मतदान अधिकारी निलंबित
उप्र बस्ती जिले के नगर बाजार के निकाय चुनाव के मतपत्र चोरी के मामले में एफआईआर के बाद पीठासीन और मतदान अधिकारी प्रथम दोनों को निलंबित कर दिया गया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी/एडीएम कमलेश बाजपेयी ने इसकी पुष्टि की है।आरओ आशुतोष तिवारी की तहरीर के अनुसार नगर पंचायत नगर बाजार के अध्यक्ष और सभासदों के मतों की गिनती चल रही थी। मतपत्र लेखा में अंकित मतों में से अध्यक्ष के 48 और सभासद के 46 मत कम पाए गए। इस पर भाजपा सभासद पद के उम्मीदवार ने फिर से मतगणना की मांग की।आरओ ने मतगणना समाप्ति के बाद मतों की दोबारा गिनती कराने की बात कही। इसको लेकर हंगामा होने लगा। आरोप है कि मतदान कराने वाले कर्मियों ने मतदान के दौरान यह मतपत्र चुरा लिया था। सभासद पद के उम्मीदवार ने इसकी शिकायत किया कि मतगणना के समय टेबल के नीचे लाकर शेष मतपत्र फेंक दिया है। सभासद पद के उम्मीदवार की शिकायत पर अधिकारियों ने संज्ञान लिया और टेबल के नीचे खोजबीन की। खोजबीन के दौरान मतपत्र टेबल के नीचे फेंके मिले। जब मतपत्रों की गिनती की गई तो पता चला कि जितने मतपत्र कम मिल रहे थे। फेंके मतपत्र को मिलाने पर संख्या बराबर हो गई। उसके बाद हंगामा बढ़ गया। यह मामला जिला निर्वाचन अधिकारी/ डीएम प्रियंका निरंजन के संज्ञान में आया। उन्होंने एफआईआर के निर्देश दिए। नगर बाजार के आरओ/एसडीएम आशुतोष त्रिपाठी ने पीठासीन अधिकारी सहायक अध्यापक राजकुमार विश्वकर्मा और मतदान अधिकारी प्रथम जिला पंचायत कर्मी सतेंद्र सिंह के खिलाफ 134 लोकप्रतिनिधित्व एक्ट व आईपीसी 380 में मुकदमा दर्ज कराया। सोमवार को पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी प्रथम को निलंबित कर दिया गया। लेकिन पूरे घटना को लेकर सवाल उठ रहा है कि यदि मतपत्र पोलिंग स्टेशन पर चोरी हो गया था तो उसी कड़ी सुरक्षा के बीच चल रही मतगणना स्थल पर गणना टेबल के नीचे लाकर कैसे फेंका गया। प्रशासन व पुलिस की गतिविधियों पर सवाल उठ रहा है।
———–
एडीएम कमलेश बाजपेयी ने बताया कि चुनाव जैसे अति महत्वपूर्ण कार्य में चोरी व हेराफेरी करना गंभीर मामला है। संज्ञान में आते ही कानूनी कार्रवाई किया गया। फआईआर दर्ज कराने के साथ ही पीठासीन और मतदान अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच पुलिस की ओर की जा रही है। निलंबन के बाद इन दोनों की बर्खास्तगी से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।