नोएडा में बेटी के लिए छत के संघर्ष में पहले दामाद को खोया अब खुद चल बसी एक मां

नोएडा में बेटी के लिए छत के संघर्ष में पहले दामाद को खोया अब खुद चल बसी एक मां
नईदिल्ली। यूपी के शो-विंडो में घर खरीदारों के संघर्ष की सैकड़ों कहानियों के बीच गम की ऐसी दास्तां सुनाई दे रही है,जिसे सुनकर लोगों का दिल रोने के साथ सिस्टम के प्रति गुस्से का दिल में आग लग रही है। एक छत के लिए लाखों रुपये बिल्डरों को देने के बाद भी सालों से संघर्ष कर रहे हजारों लोगों में सौ से ज्यादा लोग बिना छत मिले इस दुनिया से चले गए। बिल्डरों के हाथों ठगे महसूस कर रहे ऐसे होम बायर्स के बीच सितंबर के पहले सप्ताह में एक बुजुर्ग महिला की मौत लोगों के बीच चर्चा का विषय ही नहीं गम व गुस्से का कारण बनी है।
बेटी परोमिता बनर्जी की शादी नोएडा में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले लड़के से करने के बाद नोएडा में एक छत के लिए घर की पूंजी से लेकर जेवरात तक गिरवी रखने के बाद सुपरटेक बिल्डर को लाखों रुपये देने के बाद छत की राह देख रही महिला की मौत ने लोगों को झकझोर दिया है। दामाद की मौत कोरोना कालखंड में होने के बाद मासूम बेटी के साथ रह रही बेटी परोमिता को छत दिलाने के लिए रोज भगवान से प्रार्थना करने वाली 65 साल की बुजुर्ग मां कनिका भटटाचार्य ने रक्षाबंधन के दिन दम तोड़ दिया। परोमिता का हाथ पकड़कर अस्पताल में अंत समय में कहां बेटी यहां कोई हमारी प्रार्थना नहीं सुन रहा है भगवान के घर जाकर उनसे तुमहारे घर के लिए गुहार लगाऊंगी। परोमिता की मां के निधन का समाचार मिलते ही सुपरटेक के हाथों ठगे महसूस कर रहे तमाम खरीदार श्रद्धांजलि देने पहुंच गए।
गौरतलब है सुपरटेक बिल्डर के ईकोविलेज 2 के सैकड़ों घर खरीदारों से लाखों रुपये लेने के बाद भी सालों से घर नहीं मिलने पर दर-दर ठोकर खा रहे हैं। यूपी रेरा से लेकर सुप्रीमकोर्ट के मी लार्ड तक गुहार लगाए इन घर खरीदारों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सुप्रीमकोर्ट की तरफ से सुपरटेक ईकोविलेज के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नियुक्त आईआरपी की तरफ से एक साल से ज्यादा अवधि बीतने के बाद भी इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया। जिसके कारण घर खरीदारों का गुस्सा आईआरपी के खिलाफ बढ़ता जा रहा है। सांसद से लेकर विधायक तक घर खरीदारों की समस्याओं को सुनकर आश्वासन का बताशा बांटने के अलावा कुछ नहीं किया। आज की तारीख में भी सुपरटेक ईकोविलेज 2 प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा है। घर खरीदार बैंक की ईएमआई के साथ किराए के घर पर रहने को मजबूर है। पति को कोरोना में खोने के बाद मासूम बेटी के साथ अकेले रहकर छत के लिए संघर्ष कर रही परोमिता ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की भी मांग कर चुकी है। बीजेपी सांसद डॉक्टर महेश शर्मा हो या कोई स्थानीय नेता सबकी तरफ से आश्वासन ही आज तक मिला है। मां को खोने के बाद न्याय की आस में सुपरटेक ईकोविलेज-2 के खरीदार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए समय मांग रहे हैं ताकि उनका एक छत के लिए संघर्ष कुछ कम हो सके। एक छत के लिए संघर्ष के पथ पर सीने में गम की गठरी लादे चल रहे घर खरीदारों को उम्मीद है एक दिन अपना घर मिलेगा।

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