केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज झंझारपुर और जोगबनी दौरे पर
अशोक झा, सिलीगुड़ी: भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे है। अपने चार घंटे के प्रवास के दौरान वे मधुबनी के झंझारपुर में एक रैली को संबोधित करेंगे। साथ ही अररिया के जोगबनी में सीमा सुरक्षा बल के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। पहले उन्हें शुक्रवार की रात बंगाल के सिलीगुड़ी में बितानी थी और शनिवार को अररिया के जाना था। लेकिन कार्यक्रम में बदलाव किया गया। जिससे जहां भाजपा नेताओं को निराशा हाथ लगी है वही विरोधियों को हमला करने का मौका मिल गया है।
मिली जानकारी के अनुसार अब
झंझारपुर में सभा को संबोधित करने के बाद गृहमंत्री अररिया जिले के नेपाल-भारत सीमा पर स्थित जोगबनी में नवनिर्मित केंद्रीय भवनों का उद्घाटन करेंगे। साथ ही बथनाहा स्थित एसएसबी के नवनिर्मित भवनों का भी वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री करीब चार घंटे तक बिहार में रहेंगे। शनिवार दोपहर करीब एक बजे शाह दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से वे हेलीकॉप्टर के जरिए 1:30 बजे झंझारपुर में आयोजित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे और वहां जनसभा को संबोधित करेंगे। झंझारपुर में जनसभा को संबोधित करने के बाद शाह हेलीकॉप्टर से अररिया के जोगबनी के लिए रवाना हो जाएंगे। अमित शाह करीब 3.30 बजे जोगबनी पहुंचेंगे, जहां वे नवनिर्मित केंद्रीय भवनों का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ बथनाहा एसएसबी के नवनिर्मित भवनों का भी वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करेंगे। जोगबनी में कार्यक्रम खत्म होने के बाद शाह हेलीकॉप्टर से वापस दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचेंगे और वहां से शाम पांच बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। इस बीच वे पार्टी के नेताओं से चुनावी तैयारियों की जानकारी लेंगे।
क्या हैं अमित शाह के झंझारपुर आने के मायने
इसी क्षेत्र से सांसद रहे नीतीश मिश्रा का कहना है कि अमित शाह झंझारपुर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में झंझारपुर सीट जनता दल यूनाईटेड के खाते में थी। तब भाजपा-जदयू के साथ में जदयू के रामप्रीत मंडल ने जीत हासिल की थी लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव के जनादेश से उलट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़कर जदयू के महागठबंधन में शामिल होने का असर इस सीट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को जरूर मिलेगा। भाजपा नेता नितिन मिश्रा ने कहा की जातीय समीकरणों के आधार पर देखें तो राजद और जदयू के साथ होने से महागठबंधन को यहां मजबूती मिलेगी। वजह पिछड़ा और अतिपिछड़ा बहुल सीट है। शाह की इस सभा से पहले भाजपा ने चौंकाते हुए मिथिलांचल से निषाद समाज के नेता हरि सहनी को बिहार विधान परिषद में न केवल नेता प्रतिपक्ष बनाया, बल्कि मिथिला में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया गया है। मायने यह कि भाजपा इस क्षेत्र में इस वर्ग के वोटरों को साथ लाने का बड़ा दांव खेल चुकी है। इसलिए अभी यह मानना संभव नहीं है कि भाजपा मिथिलांचल में सहयोगी दलों के भरोसे रहने के मूड में है। राजनीतिक जानकर यह भी कह रहे हैं अमित शाह की रैली मिथिलांचल में झंझारपुर सीट पर अगड़ी जाति को साधने की कोशिश है। इसी क्षेत्र से सांसद रहे नीतीश मिश्रा आते हैं। नीतीश बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के पौत्र हैं। वह इस सीट एक बार सांसद रह चुके हैं। भाजपा में वह सक्रिय भी हैं और काम करने के अलग तरीके के कारण नीतीश मिश्रा को पसंद करने वाले लोग ठीकठाक हैं। संभव है कि शाह के स्टेज पर नीतीश मिश्रा को आगे करने का प्रयास हो यानी नाम घोषित किए बगैर भाजपा बताने का प्रयास करेगी कि वह पिछड़ी जाति के लोगों का सम्मान दे रही है तो अगड़ी जाति की पीठ पर भी उसका हाथ है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक साल के भीतर छठी बार बिहार आ रहे हैं। सितंबर, 2022 में पूर्णिया और किशनगंज का दौरा करके उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद किया था। शाह की जनसभा को सफल बनाने के लिए भाजपा नेता जी जान से लगे हुए हैं। जदयू राजीव रंजन ने गृह मंत्री अमित शाह से पूछा ये सवाल: 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के प्रधानमंत्री मोदी का वादा अभी तक पूरा क्यों नहीं हुआ?
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