होली में केमिकल युक्त रंग से बचें, हर्बल रंग से मनाएं खुशियों का त्यौहार

सावधानी हटी तो आपके और बच्चों के चेहरे व आंखों को भारी नुकसान पहुंच सकता

 

अशोक झा, सिलीगुड़ी: होली का त्योहार रंगों, मस्ती और खुशियों से भरा होता है, लेकिन कई बार इन रंगों में मौजूद केमिकल्स हमारी त्वचा और बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। खरीदने से पहले इन रंगों की जांच जरूर कर लें। नकली और केमिकल से बना रंग इस समय ज्यादा बिक रहा है। ऐसे में यदि सावधानी हटी तो आपके और बच्चों के चेहरे व आंखों को भारी नुकसान पहुंच सकता हैं। आंखों की रोशनी भी जाने का खतरा रहता है। इसलिए इस होली केमिकल वाले रंगों से दूर रहना ही बेहतर होगा। 14 मार्च को होली मनाई जाएगी। त्योहार में सावधानी नहीं बरतने पर रासायनिक रंग चेहरे को बदरंग कर सकते हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक न तो कोई खुले में बेच रहे लोगों पर कार्रवाई की गई है और न ही बेचने को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। ऐसे में सिलीगुड़ी के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण भोपालिका का कहना है कि ऐसे रंगों से बचने की सलाह दे रहे हैं। इस त्योहार में लोग कपड़े पर रंग डालने के साथ ही चेहरे पर भी लगा देते हैं, जो त्वचा के लिए काफी नुकसानदायक है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि इन रासायनिक रंगों को त्याग कर पूरी तरह इको फ्रेंडली होली मनाएं।
हरे रंग में मिला रहे काॅपर सल्फेट, आंखों के लिए है खतरनाक:
जानकार बताते हैं कि हरा रंग काॅपर सल्फेट से, परपल क्रोमियम आयोडाइड, सिल्वर एल्युमीनियम ब्रोमाइड से और काला रंग लेड आक्साइड को मिलाकर तैयार किया जाता है। चमकदार बनाने के लिए अक्सर रंग में कांच का बुरादा भी मिलाया जाता है। खासकर हरे रंग में। हरे रंग में मौजूद काॅपर सल्फेट अगर आंखों में चला जाए तो यह एलर्जी और अस्थायी अंधेपन का कारण बन सकता है। काले रंग में मौजूद लेड ऑक्साइड किडनी खराब होने का कारण बन सकता है। बाजार में बिकने वाले बैंगनी रंग में क्रोमियम आयोडाइड होता है जो अस्थमा और एलर्जी पैदा कर सकता है। लाल रंग में इस्तेमाल होने वाला मर्करी सल्फाइट त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए केमिकलयुक्त रंगों से बचना चाहिए। हर्बल रंगों का करें प्रयोग चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ भोपालिका ने लोगों से रासायनिक रंगों का प्रयोग करने से बचने की सलाह दी है। हर्बल, फूलों की पत्तियों से बनाए रंगों का प्रयोग करने की सलाह दी। केमिकलयुक्त रंग त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए ऐसे रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। रासायनिक रंगों के इस्तेमाल से शरीर पर लाल दाने निकल सकते हैं। शरीर में खुजली या जलन हो सकती हैं। थोड़ी सी लापरवाही से एलर्जी और त्वचा पर दाग बनने लगेंगे। होली खेलने से पहले शरीर में सरसों का तेल या कोई लोशन लगाना चाहिए। हर्बल रंगों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। किसी भी प्रकार के पानी में घोलने वाले रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। कई बार ग्रीस, मिट्टी आदि से होली खेलने पर आखों को नुकसान हो सकता है।डॉक्टर्स के अनुसार, केमिकल वाले रंग त्वचा पर खुजली, दाद और सूजन पैदा कर सकते हैं। आंख में जाने पर रोशनी प्रभावित हो सकती है। कान में पड़ने से श्रवण क्षमता को नुकसान पहुंच सकता है। सांस के जरिए शरीर में जाने पर गुर्दे और फेफड़ों को नुकसान हो सकता है। डॉक्टर्स ने गहरे रंगों से दूर रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि जो रंग गहरी छाप छोड़ता है, उसमें केमिकल की मात्रा ज्यादा होती है। बालों की सुरक्षा के लिए होली खेलने से पहले नारियल तेल लगाना चाहिए।होली को आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ मनाना चाहिए। रंग खरीदते समय हर्बल रंगों को प्राथमिकता दें। अगर किसी भी तरह का रंग आंख में चला जाए, तो तुरंत साफ पानी से धोएं और डॉक्टर से संपर्क करें। इस तरह की सावधानियां बरतकर होली का त्योहार सुरक्षित तरीके से मनाया जा सकता है।विशेषज्ञों का कहना है कि जिनकी स्किन सेंसिटिव है, उन्हें केवल ऑर्गेनिक गुलाल से होली खेलनी चाहिए। अगर केमिकल वाले रंग लग गए हैं और स्किन रिएक्शन हो गया है, तो कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
होली के रंगों से स्किन एलर्जी क्यों होती है?:
रंगों में क्रोमियम, कैडमियम और लेड जैसे हानिकारक केमिकल हो सकते हैं, जो स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं।
संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को रासायनिक रंगों से अधिक एलर्जी हो सकती है। रंगों में मौजूद सिंथेटिक डाई त्वचा के नेचुरल ऑयल को खत्म कर देती है, जिससे स्किन ड्राई हो जाती है और जलन होने लगती है। होली के बाद स्किन पर दाने निकलने पर तुरंत क्या करें? घरेलू नुस्खे ट्राय करने से बचें।
सिर्फ सॉफ्ट क्लींजर से फेस धोएं और हल्का मॉइस्चराइज़र लगाएं। अगर रिएक्शन ज्यादा हो रहा है, तो तुरंत डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें। होली से पहले सेंसिटिव स्किन वालों को वैसलिन या पेट्रोलियम जेली की परत लगानी चाहिए, ताकि रंग सीधा स्किन पर असर न करे। होली के बाद आंखों की देखभाल कैसे करें? अगर रंग आंखों में चला जाए तो ठंडे पानी से तुरंत धो लें।
गुलाब जल या लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स डालें, ताकि जलन कम हो सके। आंखों पर बार-बार पानी डालने की जरूरत नहीं, आई ड्रॉप्स ही काफी हैं। अगर आंखों में जलन बनी रहे, तो तुरंत आई स्पेशलिस्ट से सलाह लें। कैसे करें स्किन को होली के रंगों से बचाव? होली से पहले त्वचा को नारियल तेल या मॉइस्चराइज़र से कोट करें। केमिकल वाले रंगों की बजाय ऑर्गेनिक और हर्बल गुलाल का इस्तेमाल करें। होली खेलने के बाद तुरंत स्किन को हल्के हाथों से साफ करें और डीप मॉइस्चराइज करें। अगर स्किन पर जलन, खुजली या दाने हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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