बांग्लादेशियों को दुबई, इराक, सीरिया, पाकिस्तान भेजने के गिरोह से जुड़े शेख अली की है तलाश

एटीएस की गिरफ्त में आए तीन बांग्लादेशी भाइयों ने पूछताछ में कई राज खोले

बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: भारत में घुसपैठ कर रायपुर में रह रहे कई बांग्लादेशियों को दुबई, इराक, सीरिया, पाकिस्तान भेजने के गिरोह से जुड़े शेख अली की तलाश हावड़ा, कोलकाता, नागपुर, मुंबई और उप्र में की जा रही है। शेख अली का इन शहरों से कनेक्शन मिला है। एटीएस की गिरफ्त में आए तीन बांग्लादेशी भाइयों ने पूछताछ में कई राज खोले हैं। पूछताछ में सामने आया है कि शेख अली ने ही उन्हें रायपुर और नागपुर में पनाह दी थी। पैसे लेकर फर्जी वोटर आईडी, पार्सपोर्ट और अन्य दस्तावेज बनवाए थे।उन्हें काम पर लगाने की बात कहकर बगदाद (इराक) भेजने वाला था। मगर, इससे पहले वे पकड़े गए। संदेह है कि शेख अली भी बांग्लादेश से घुसपैठ कर अवैध तरीके से यहां रह रहा था। उसने दो शादियां की हैं। होटलों के समारोह में वह प्रबंध के साथ वहां से निकलने वाले कबाड़ को एकत्र कर बेचने का काम करने की आड़ में लंबे समय से फर्जी दस्तावेज बनवाता रहा है।उसकी गिरफ्त में आने से बड़े रैकेट का राजफाश होने की उम्मीद है। एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) की जांच में यह साफ हुआ है कि तीनों बांग्लादेशी सगे भाई शेख इस्माइल, शेख अकबर और शेख साजन को सूत्रधार शेख अली ने ही रायपुर में पनाह दी थी। सबसे पहले बड़ा भाई इस्माइल वर्ष 2007 में रायपुर आया।इसके बाद वह अपने दोनों भाइयों को बांग्लादेश से बंगाल के रास्ते यहां लाया। ताज नगर के मिश्रा बाड़ा से पहले टिकरापारा पुलिस थाने के पीछे छत्तीसगढ़ नगर, धरम नगर, लक्ष्मी नगर में भी तीनों किराये के मकान में रह चुके हैं। पत्नी ने भी माना हरकतें संदिग्ध
शेख अली की पत्नी शेख फरीदा ने पुलिस को दिए गए बयान में बताया कि वह अपने पति की संदिग्ध हरकतों से तंग आ चुकी है। पति अक्सर बिना बताए तीन से छह महीने घर से गायब हो जाता है। इस दौरान मोबाइल भी स्विच ऑफ करके रखता है।उसकी हरकतें शुरू से संदिग्ध रही हैं। बड़ी बेटी की शादी हावड़ा (कोलकाता) के पास एक गांव में हुई है। वहीं ननद की ससुराल उप्र में है। नागपुर, नासिक, मुंबई में भी उसके कई रिश्तेदार हैं। शेख अली का हमेशा वहां आना-जाना रहा है।लिहाजा, एटीएस को शक है कि वह इन शहरों में ही कहीं फरारी काट रहा होगा। स्थानीय मददगार उसका साथ दे रहे हैं। उसकी तलाश में पुलिस टीम लगी हुई है।
जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने की कोशिश: इस्माइल अपना जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने की कोशिश में लगा था। उसने पनाहगार शेख अली के जरिए पिछले साल तहसील कार्यालय में दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर फर्जी शपथ पत्र भी बनवाया। प्रक्रिया आगे बढ़ी ही थी कि एटीएस को भनक लग गई और तीनों भाई पकड़े गए। हालांकि, इस्माइल का दावा है कि उसका जन्म रायपुर के धरम नगर में ही हुआ है। बाद में माता-पिता बांग्लादेश चले गए। मई में बांग्लादेश गए, तीन महीने बाद लौटे: इस्माइल शेख से बरामद बांग्लादेशी पासपोर्ट में 28 मई, 2024 को यहां से बांग्लादेश जाने और वहां से पांच अगस्त 2024 को लौटने का उल्लेख है। फर्जी दस्तावेज बनाने के बाद तीनों भाइयों का कभी रायपुर, नागपुर तो कभी मुंबई में रहना होता था। 26 जनवरी 2025 को तीनों हावड़ा-मुंबई ट्रेन से मुंबई पहुंचे। वहां से इराक (बगदाद) जाने की तैयारी में थे। इसी बीच मुंबई के नागपाड़ा एटीएस को इनके दस्तावेज फर्जी होने की सूचना मिली। मुंबई एटीएस ने रायपुर एटीएस को जानकारी दी। इसके बाद तीनों को पायधुनी इलाके से दबोच लिए गए।फर्जी निकला प्रमाण-पत्र: इस्माइल के नाम पर वर्ष 2008 में हरिशंकर शुक्ला स्कूल शंकर नगर से जारी जिला प्राथमिक परीक्षा प्रमाण-पत्र फर्जी निकला है। एटीएस की ओर से इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी, जिसे जांच में फर्जी पाया गया। इस प्रमाण-पत्र में इस्माइल को तृतीय स्थान पर मध्यम हिंदी से नियमित छात्र के रूप में उतीर्ण होना दर्शाया गया है।

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