अस्पताल से निकलते ही ज्योतिप्रिय मलिक ईडी के हिरासत में, फिल्म में पैसा लगाने की बात आई सामने
अस्पताल से निकलते ही ज्योतिप्रिय मलिक ईडी के हिरासत में, फिल्म में पैसा लगाने की बात आई सामने
– मिडिया के किसी बात का अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब
अशोक झा, सिलीगुड़ी: ईडी ने पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योति प्रिया मलिक को सोमवार रात अस्पताल से निकलते ही हिरासत में ले लिया। करोड़ों रुपए के राशन वितरण घोटाले में ईडी ने मलिक को शुक्रवार सुबह गिरफ्तार किया था। लेकिन कोर्ट रूम में सुनवाई के दौरान होने के चलते उन्हें उसी दिन एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। मलिक को सोमवार रात अस्पताल से छोड़ा गया था। रात करीब 10 बजे मंत्री को ईडी अधिकारियों और सीआरपीएफ जवानों ने कस्टडी में ले लिया। नहीं दिए सवालों के जवाब: इसके बाद ज्योति प्रिया मलिक को साल्ट लेक स्थित सीजीओ ऑफिस ले जाया गया। अस्पताल से बाहर निकलते वक्त मलिक और ईडी अधिकारियों ने मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया। मलिक, जिनके पास अब सार्वजनिक उद्यम, औद्योगिक पुनर्निर्माण और वन विभाग हैं, 2011 और 2021 के बीच राज्य के खाद्य मंत्री थे। वह राशन वितरण घोटाले में गिरफ्तार होने वाले तृणमूल कांग्रेस के पहले नेता हैं। जुलाई 2022 के बाद से, पार्थ चटर्जी, माणिक भट्टाचार्य, जीबन कृष्ण साहा और अनुब्रत मंडल जैसे पार्टी के अन्य वरिष्ठ टीएमसी नेताओं, विधायकों और मंत्रियों को स्कूल भर्ती घोटाले और मवेशी-तस्करी घोटाले में संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया है। बंगाल के मंत्री ज्योति प्रिय मलिक पर इनकम टैक्स विभाग का शिकंजा कसता जा रहा है। मलिक की 11 चावल मिलों पर मारे गए छापे के दौरान विभाग को पता चला कि ज्योति प्रिय मलिक अपनी पत्नी और सहयोगी बकीबुर रहमान के जरिए शेल कंपनियां चलाकर काले को सफेद बना रहे थे। राशन घोटाले में ईडी वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के करीबी पार्षदों की सूची तैयार कर रही है। उत्तर 24 परगना जिले की 27 नगर पालिकाओं में मलिक के करीबी पार्षद ईडी के रडार पर हैं। मलिक उत्तर 24 परगना जिला तृणमूल के अध्यक्ष रह चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में चल रही राशन घोटाले की जांच अब टॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक पहुंच चुकी है। 2014 में रिलीज हुई मैंग्रोव नाम की एक बांग्ला फिल्म में बॉलीवुड की मशहूर आइटम गर्ल राखी सावंत ने आईटम डांस किया था जबकि शिक्षक घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ जेल में बंद उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी मुख्य भूमिका में हीरोइन की अभिनय कर रही थीं। राशन घोटाले का पैसा फिल्म बनाने में खपाने का आरोप
बताया यह भी जा रहा है की इस फिल्म में कोलकाता के साथ -साथ मुंबई के संगीतकारों ने भी अपनी आवाज दी है। वहीं इस फिल्म के निर्माता बकीबूर रहमान राशन घोटाले मामले में बुरी तरह फंस गए हैं। रहमान के ऊपर सरकारी राशन को खुले बाजार मे बेचकर बेहिसाब संपत्ति बनाने का आरोप है। बकीबूर पर ये भी आरोप लगा है कि उन्होंने फिल्म के आलावा होटल, रेस्टोरेंट, चावल मिल सहित कई अन्य बिजनेस में राशन घोटाले के पैसे खपाने का काम किया है, जिस पर ईडी पहले से ही अपनी नजर बनाए हुए है। बकीबूर की उन्हीं बेहिसाब सम्पतियों की चल रही जांच के दौरान पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य मंत्री व वर्त्तमान वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक भी ईडी के रडार पर आ गए और 21 घंटों की चली मैराथन पूछताछ के बाद शुक्रवार (27 अक्टूबर) को ईडी की टीम ने ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार कर लिया। ज्योतिप्रिय मल्लिक अभी फिलहाल दस दिनों के लिये ईडी कस्टडी में हैं, जिनसे ईडी राशन घोटाले मामले मे पूछताछ कर रही है और यह जानने के प्रयास मे जुटी है कि खाद्य मंत्री रह चुके ज्योतिप्रिय मल्लिक के शासन काल में हुई राशन घोटाले मामले से और कौन -कौन जुड़ा है उससे किसको-किसको लाभ हुआ है।
राखी सावंत से भी पूछताछ कर सकती है ED
जैसे -जैसे राशन घोटाले मामले से जुड़े लोगों के नाम सामने आ रहे हैं ठीक वैसे -वैसे ईडी की टीम अपनी जांच को आगे बढ़ाने के लिए उनसे मामले में पूछताछ के समन भेजने की तैयारी कर रही है। संभावना जताई जा रही है की पश्चिम बंगाल मे हुई राशन घोटाले मामले मे फंसे बकीबूर रहमान की बांगला फ़िल्म मैंग्रोव मे आईटम डांस कर चुकी बॉलीवुड अभिनेत्री राखी सावंत से भी ईडी पूछताछ करने के लिये समन भेज सकती है। इसके आलावा फिल्म में मुख्य भूमिका में काम करने वाले अन्य लोगों से भी पूछताछ होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे यह पता चल सके की फिल्म कितने बजट की बनी थी और इस फिल्म में कितने पैसे खर्च किए गए थे।
टॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक मचा हड़कंप
ईडी की जांच शुरू होने से पहले ही टॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक हड़कंप मचा हुआ है। इसके आलावा राज्य के कई ऐसे सफेद पोस नेता और मंत्री हैं जिनकी नींदे उड़ चुकी हैं, वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की हुई गिरफ्तारी के बाद कई सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के भी होश उड़े हुए हैं, उन्हे यह भय सताने लगा है की अगली बारी कहीं उनकी नंबर तो नहीं है।सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में जब्त किए गए 20 मोबाइल फोन में राज्य के वन मंत्री और पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक, उनके पूर्व और वर्तमान निजी सहायक, उनके निजी चार्टर्ड अकाउंटेंट, उनके कुछ करीबी पारिवारिक संबंधियों और सहयोगियों के फोन शामिल हैं. मल्लिक को मामले के सिलसिले में ईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया।
सूत्रों ने कहा कि वास्तव में इस मामले में मंत्री की संलिप्तता के बारे में सुराग सबसे पहले कोलकाता के व्यवसायी बकीबुर रहमान के मोबाइल फोन से एक व्हाट्सएप संदेश से पता चला था, जो राशन वितरण में ईडी के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले पहले व्यक्ति थे। जिन अन्य लोगों के मोबाइल फोन केंद्रीय जांचकर्ताओं ने जब्त किए हैं, उनके लिंक भी रहमान के मोबाइल से बरामद विभिन्न व्हाट्सएप चैट संदेशों से हासिल किए गए थे।सूत्रों ने कहा कि इन 20 जब्त किए गए मोबाइल फोनों से पूर्ण -डेटा पुनर्प्राप्ति की प्रक्रिया ईडी द्वारा पहले ही शुरू कर दी गई है. उचित समय पर वे पुनर्प्राप्ति उद्देश्य के लिए संबंधित विशेषज्ञों की मदद लेंगे. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि पूर्ण डेटा पुनर्प्राप्ति के बाद अधिक महत्वपूर्ण सुराग उपलब्ध होंगे जो उन्हें राशन वितरण मामले के साथ सीधे प्रभावशाली संबंध स्थापित करने में मदद करेंगे
ईडी के वकील फिरोज एडुलजी ने पहले ही कोलकाता की एक विशेष अदालत को इन मोबाइल फोन और वहां मौजूद डेटा में छिपे सुराग की संभावनाओं के बारे में अपडेट कर दिया है।
एजेंसी को इस बात को सबूत भी हाथ लगे हैं कि फर्जी कंपनियों के जरिए 95 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई.
सालाना वेतन 2.48 लाख, खाते में जमा हुए 3.37 करोड़
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल के राशन घोटाले की जांच कर रहे आयकर विभाग ने इस केस में कई सबूत मिलने का दावा किया है. एजेंसी के मुताबिक जांच के दौरान मंत्री ज्योति प्रिय मलिक की पत्नी और बेटी के बैंक खाते में भारी मात्रा में धनराशि का पता चला है।
मैंने टयूशंस से कमाए पैसे: प्रियदर्शिनी मलिक
मलिक की बेटी प्रियदर्शिनी की ओर से दायर की गई इनकम टैक्स रिटर्न के अनुसार वर्ष 2016 में देश में नोटबंदी होने पर उसने 3.37 करोड़ रुपये यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के खाते में जमा किए थे।पूछताछ में प्रियदर्शिनी ने बताया कि वह एक टीचर है और यह सारी कमाई उसने ट्यूशंस से हासिल की है. जबकि उस वित्तीय वर्ष में उसकी पूरे साल का वेतन कुल 2.48 लाख ही बन रहा था। मंत्री की पत्नी के खाते में 4.3 करोड़ रुपये
आईटी विभाग के मुताबिक उसी साल यानी वर्ष 2016 में मंत्री ज्योति प्रिय मलिक की पत्नी मणिदीपा के IDBI वाले बैंक खाते में 4.3 करोड़ रुपये की धनराशि जमा हुई. अब आयकर विभाग के साथ-साथ ED भी इस मनी ट्रेल की जांच कर पूरे घोटाले की परत उधेड़ने में जुटी है.
मंत्री ज्योति प्रिय मलिक पर कसा शिकंजा
ED ने राशन घोटाले की जांच करते हुए पश्चिम बंगाल की कई चावल मिलों का पता लगाया है और वहां पर छापे मारे हैं. एजेंसी इस मामले में चावल मिलों और घोटाले में शामिल लोगों के लिंक तलाशने में जुटी है. राज्य में यह घोटाला उस वक्त हुआ था, जब ज्योति प्रिय मलिक राज्य में फूड और PDS विभाग के मंत्री थे। इन लोगों की भी रही बड़ी भूमिका!ईडी के अनुसार ज्योति प्रिय मलिक का सहयोगी बकीबुर रहमान राज्य में लोगों को सस्ती दरों पर अनाज वितरण में शामिल था। उसकी पश्चिम बंगाल में कई चावल मिलें भी हैं। वह बांग्ला फिल्मों के डिस्ट्रीब्यूशन से भी जुड़ा हुआ है। राज्य में वुमन ट्रैफिकिंग के मामलों में भी उसकी जांच हो रही है। दर्जनों चावल मिलें भी राशन घोटाले में शामिल
बकीबुर रहमान के अलावा इस मामले में काली दास साहा की भी जांच हो रही है। साहा के राज्य में कई अनाज गोदाम हैं। इसके अलावा दलाल महेंद्र अग्रवाल की भूमिका की भी जांच की जा रही है। जांच में सामने आया है कि राज्य की दर्जनों चावल मिलें इस PDS घोटाले में सीधे तौर पर शामिल थीं। जबकि 7 ने इस मामले में अप्रत्यक्ष भूमिका निभाई।20 घंटे तक हुई थी पूछताछ :
एजेंसी के अधिकारियों ने शुक्रवार को गिरफ्तार किए जाने से पहले उनके घर की तलाशी ली और करीब 20 घंटे तक उनसे पूछताछ की। हालांकि, जब अदालत ने उन्हें ईडी की हिरासत में भेज दिया तो वह बीमार पड़ गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें भर्ती कराया गया। अदालत ने तब निर्देश दिया था कि ईडी की हिरासत का 10 दिन का समय उस दिन से शुरू होगा जिस दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। इसके बाद सोमवार रात एजेंसी ने उन्हें हिरासत में ले लिया।कोलकाता के ईको पार्क में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गौ तस्करी मामले में अनुब्रत की बेटी सुकन्या को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल अणुब्रत मंडल (केष्टो) के साथ तिहाड़ जेल में बंद हैं। केष्टो के मामले में जैसा हुआ था इस मामले में भी वैसा ही हो रहा है। इन लोगों ने बड़े पैमाने पर भष्टाचार किया है। लोगों के सामने इन्हें बेनकाब करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में कोई ऐसा नहीं करे। नगरपालिकाओं में हुए भ्रष्टाचार के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए दिलीप घोष ने कहा कि कई नगर पालिकाओं के चेयरमैनों को ईडी बुला चुकी है। बाकी लोग डरे हुए हैं। सालों से चल रहा ये पूरा भ्रष्टाचार ममता बनर्जी के आशीर्वाद से हुआ है। इस भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं। भ्रष्टाचार के पूरे मामले को सुलझाने में ईडी, सीबीआई को कई साल लग जाएंगे लेकिन सरगनाओं को बख्शा नहीं जाना चाहिए। दरअसल, हाल ही में ईडी की 20 घंटे की मैराथन तलाशी के बाद राशन भ्रष्टाचार मामले में वर्तमान वन मंत्री और पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में मंत्री की बेटी प्रियदर्शिनी और पत्नी मणिदीपा को भी अटैच किया है। उनकी संपत्ति वृद्धि को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। प्रियदर्शनी मल्लिक पहले से ही ईडी के घेरे में हैं। रविवार को वह ईडी के बुलावे पर पेश हुई थीं। ईडी ने दावा किया कि राशन घोटाले के सिलसिले में ज्योतिप्रिय और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर कई बैंक खातों में अवैध लेनदेन किए गए थे। रिपोर्ट अशोक झा