डोमिनी मैया की जय बोले, सुहासना धाम की जय बोल पार लगाएगी नानू सती दादी जी
सिलीगुड़ी: शहर का अग्रसेन खालपाड़ा सिलिगुड़ी के अग्रसेन भवन हॉल घर आज डोमिनी मैया की जय बोले, सुहासना धाम की जय बोल पार लगाएगी नानू सती दादी जी के जयकारे से गूंज रहा था। देश विदेश से आए डालमिया परिवार अपने कुलदेवी को मनाने के लिए डालमिया परिवार की कुलदेवी दादी नानु सती का पूर्वोत्तर भारत का 11वां भव्य महोत्सव जमा हुई थे। ज्योत जलाकर दादी का भव्य दरबार सजाया गया था।भव्य दरबार के साथ अखंड ज्योति, भव्य झाँकी, छप्पन भोग के साथ मंगल पाठ का शुभारंभ हुआ।
तथा मंगल पाठ वाचक रोहन गुप्ता कोलकोता वाले के सानिध्य में नानू सती दादी जी के पवित्र नामों का जयकारा लगाकर मंगल पाठ प्रारंभ हुआ। गूंजने लगा श्री नानु सत्ये नमःदादी दिव्ये नमो नमः सुहासड़ा वासिनी नमो नमः नानु सती माँ नमोस्तुते।। संकट हारिणि नमो नमःकष्ट निवारिणी नमो नमःमाँ भव तारिणी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते ।। तेजपाल संगिनी नमो नम। सर्व वन्दिनी नमो नमःमनीराम नंदिनी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते ।।आदि-अनादि नमो नमःहे सती दादी नमो नमःसकल कालादी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते।। यवन संघारिणी नमो नमःहे सत धारिणी नमो नमः माँ भय-हारिणि नमो नमः नानु सती माँ नमोस्तुते ।। मंगल करनी नमो नमः अमंगल हरणी नमो नमःअभया वरणी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते।।डोमिनी पूजिता नमो नमः हे अपराजिता नमो नमः हे वरदायिनी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते।।अमर सुहागन नमो नमः हे बड़भागन नमो नमः पतीत-पावन नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते।। हे कुल-देवी नमो नमःभक्त-वत्सला नमो नमःआनंद स्वरूपणी नमः नानु सती माँ नमोस्तुते।। अति सुख-राशि नमो नमःकरुणा नयनी नमो नमःहे वरदायिनी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते ।।हे जग जननी नमो नमःकामना पूर्णि नमो नमःसौम्य रूपणी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते ।।ॐ श्री नानु सत्ये नमःदादी दिव्ये नमो नमःसुहासड़ा वासिनी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते ।। अंतरराष्ट्रीय भजन गायक श्री महेन्द्र स्वामी (जयपुर), भजन गायक ललित पारीक सिलीगुड़ी के भजन पर भक्त झूमते रहे। दादी जी आई है यहां मंगल छाया है… नानू सती तेरी महिमा अपार, भक्तों को करती है पल में उद्धार… दादी दादी बोल दानी सुन लेगी, सुन लेगी मां सुन लेगी..।भजनों के माध्यम से बताया गया की राजस्थान के लोहारू जिला के सुहांसरा में नानू सती दादी जी का भव्य मंदिर है। इनकी स्वच्छ व सच्चे मन से पूजा करने पर मनोवांछित फल मिलता है। बताते हैं कि द्वापर युग में अज्ञात वास के दौरान पांडव राजा विराट के राज में छिपे थे। दुर्योधन ने अपनी सेना के साथ उस राज पर आक्रमण कर दिया। गौशाला के प्रमुख रक्षक रत्न सिंह गायों की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी गर्भवती पत्नी पद्मावती पति के साथ सती होने की ठान ली। भगवान कृष्ण की प्रेरणा पर द्रौपदी ने उन्हें सती होने से रोक लिया और कहा कि कलियुग में तुम्हारी पूजा होगी। वहीं पद्मावती अग्नि रथ पर सवार होकर नानू सती के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस नाम और कुल की देवी को देश हो विदेश जो जहां बसे है वहां दरबार सजाकर उन्हें मनाने है आशीष प्राप्त करते है। भव्य आयोजन के लिए डालमिया परिवार दादी नानु शक्ति प्रचार समिति, सिलीगुड़ी लगातार सफल आयोजन के लिए उत्साह देखते ही बन रहा था। रिपोर्ट अशोक झा