विस्फोटक बल्लेबाज सुरेश रैना से मिलने को बेताब है सिलीगुड़ी के क्रिकेट प्रेमी

सिलीगुड़ी: मयूर स्कूल सिलीगुड़ी अपने प्रांगण में क्रिकेट पिच के शिलान्यास के लिए विस्फोटक बल्लेबाज सुरेश रैना को 20 जनवरी यानि शनिवार सिलीगुड़ी आ रहे है। वह ना सिर्फ पिच का शिलान्यास करेंगे बल्कि लोगों से रूबरू भी होंगे। उसके बाद लकी 20 लोगों के बॉल पर बैटिंग भी करेंगे। विस्फोटक बल्लेबाज सुरेश रैना से मिलने को सिलीगुड़ी
के क्रिकेट प्रेमी बेताब है। लगातार इंट्री पास की मांग बढ़ रही है। कई दिनों से लोग स्कूल पहुंचकर इस कार्यक्रम की रूपरेखा जानने की कोशिश कर रहे है। सुरेश रैना के आगमन को लेकर सिलिगुडी पुलिस आयुक्तालय के माटीगाडा, बागडोगरा तथा प्रधान नगर की पुलिस के साथ यातायात पुलिस सजग और सतर्क है। कई लोगों की जिज्ञासा है की आखिर कौन है सुरेश रैना? तो जान लीजिए की उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में जन्में सुरेश रैना देश के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में शुमार रहे हैं। वह पहले भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने तीनों फॉर्मेट में शतक लगाने का गौरव हासिल किया। वह अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच में शतक लगाने वाले पहले भारतीय भी हैं। 2005 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच में अपने करियर की शुरुआत करने वाले रैना भारत के मध्यक्रम में बेहतरीन बल्लेबाज और बैहद उपयोगी खिलाड़ी थे। रैना के साथ उनकी जोड़ी शानदार थी और इन दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर देश के लिए कई मैच जीते। रैना अपनी बल्लेबाजी के अलावा फील्डिंग और गेंदबाजी के दम पर भी मैच पलटने का माद्दा रखते थे। हालांकि, शॉर्ट बॉल के खिलाफ उनकी कमजोरी हमेशा बनी रही। समय के साथ गेंदबाजी उनको लगातार छोटी गेंदबाजी करने लगे और वह छोटे स्कोर पर आउट होने लगे। उनकी फॉर्म भी खराब होती चली गई और 2018 के बाद वह देश के लिए कोई मैच नहीं खेल पाए। आईपीएल में भी रैना ने कमाल किया और आज भी उनके कई रिकॉर्ड कायम हैं।18 टेस्ट में रैना ने 768 रन बनाए, जिसमें एक शतक और सात अर्धशतक शामिल थे। उन्होंने 13 विकेट भी झटके। 226 वनडे में उन्होंने पांच शतक और 36 अर्धशतकों के दम पर 5615 रन बनाए और 36 विकेट भी लिए। 78 टी20 मैच में उनके बल्ले से 1604 रन निकले और 13 विकेट भी उनके नाम रहे। आईपीएल में रैना ने 205 मुकाबलों में 5528 रन बनाए और 25 विकेट लिए।
क्या और कहा बना है मयूर स्कूल: जिस प्रकार भारत का झंडा पूरे विश्व में फहराया जा रहा है उसी प्रकार शिक्षा जगत में मयूर स्कूल सिलीगुडी पूर्वोत्तर में हंगामा मचाने आ रहा है। स्कूल का निर्माण सिलीगुड़ी के पाथरघाटा माटीगाड़ा के ढुकुरिया में किया जा रहा है। संस्थान उन बच्चों को कलात्मक और सशक्त दृष्टि प्रदान करेगा जो गहराई से सीखने वाले बनेंगे और इस दुनिया के जिम्मेदार नागरिक के रूप में अवसरों के सागर की खोज करेंगे। मेयो कॉलेज जनरल काउंसिल अजमेर के तत्वावधान में मयूर स्कूल सिलीगुड़ी अप्रैल 2024 में अपना पहला शैक्षणिक सत्र शुरू करने जा रहा है। सिलीगुड़ी मयूर स्कूल के चेयरमैन बिमल कुमार डालमिया के मुताबिक, ‘मेयो कॉलेज’ ने सिलीगुड़ी में अपनी फ्रेंचाइजी मयूर कालेज के नाम से दिया है। इसमें पहली से सातवीं कक्षा तक के लिए दाखिला की प्रक्रिया दुर्गा पूजा के बाद शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नेपाल समेत अन्य देशों व प्रदेशों से माता-पिता ने प्रवेश के लिए आधिकारिक अधिसूचना से पहले ही सिलीगुड़ी में नए स्कूल के बारे में 600 से ज्यादा लोगों ने जानकारी ली है। बल्कि 300 से ज्यादा छात्रों ने नामांकन फार्म जमा किए है।स्कूल के चैयरमेन बिमल डालमिया, आदित्य डालमिया और परिवार के लोगों से विस्तार से । बताया गया कि मयूर स्कूल का उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास के लिए विश्व स्तर की सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ शहर के बच्चों को सशक्त बनाना है। स्कूल विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का पालन करेगा। मयूर स्कूल डिजिटल क्लासरूम से इक्विप्ड है, जिसमें बेहतर टीचिंग-लर्निंग के लिए इंटरैक्टिव डिजिटल टेक्नोलॉजी, पूरी तरह से इक्विप्ड हाई-एंड कंप्यूटर लैब्स के साथ ही सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, गणित और विभिन्न भाषाओं के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई लैब्स हैं। छात्रों को स्टेम (STEAM) लर्निंग में मदद करने के लिए ‘मेकरस्पेस’ मौजूद है, ताकि वे भविष्य में टेक्नोलॉजी में माहिर हो सके। छात्रों के समग्र विकास के लिए, स्कूल में खेलों से लेकर अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियों के साथ-साथ एकीकृत शिक्षा का एक अनूठा संयोजन होगा। कहा गया की 1875 में स्थापित मेयो कॉलेज की 150 वर्षों की लिगेसी है। मेयो कॉलेज जनरल काउंसिल से जुड़कर मयूर स्कूल सिलीगुड़ी इस प्रसिद्ध पब्लिक स्कूल की बेस्ट प्रैक्टिसिस का पालन करेगा।मैक्लेयर्स एजुकेशन ट्रस्ट सिलीगुड़ी, मेयो कॉलेज जनरल काउंसिल, अजमेर के सहयोग से, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत में पहला मेयर स्कूल, सिलीगुड़ी स्थापित कर रहा है। मैक्लेयर्स एजुकेशन ट्रस्ट एक धर्मार्थ संगठन है जिसका लक्ष्य समाज में वंचित लोगों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करना है। मयूर स्कूल, सिलीगुड़ी, कक्षा नर्सरी से कक्षा 7 तक एक सह-शिक्षा दिवस स्कूल है। स्कूल सीबीएसई पाठ्यक्रम का पालन करता है। पर्वतीय दृश्य, चाय बागान और नदी की पृष्ठभूमि में स्थापित, स्कूल एक भविष्यवादी सीखने के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है। “शांत दिमाग हर सफलता की सीढ़ी है” यह स्कूल इस पर विश्वास करता है और प्रिय छात्रों और पूरे समुदाय को एक अनुभवात्मक शिक्षण दृष्टिकोण प्रदान करता है। अद्भुत स्कूल परिसर में प्री-प्राइमरी सेक्शन के लिए एक ल-थीम वाली इमारत, आर्टिस्ट विलेज, एक मुख्य शैक्षणिक भवन, एक प्रशासनिक ब्लॉक, एक सभागार, एक स्विमिंग पूल, विशेष बेबी पूल, खेल गतिविधियों के लिए एक खेल का मैदान और एक पार्क क्षेत्र शामिल है। उनका दृढ़ विश्वास है कि सच्ची शिक्षा से बच्चों में ज्ञान, रचनात्मकता, परंपरा और संस्कृति का विकास होना चाहिए। हम संकायों के साथ मिलकर बच्चों को उनकी यात्रा के हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने और भविष्य के महान नागरिक बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए मिलकर काम करते हैं। चेयरमैन डालमिया का कहना है कि प्रतिबद्धता, परिश्रम और ईमानदारी के संतुलित मिश्रण के साथ, हम अपने छात्रों को सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करेंगे क्योंकि शिक्षा की गुणवत्ता राष्ट्र की नियति तय करेगी।स्कूल प्रबंधन मन, शरीर और आत्मा के सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रहा है और स्कूल की शिक्षाओं में इसी तर्ज पर छात्रों के व्यक्तित्व का निर्माण करता है। स्कूल सौंदर्य और नैतिक मूल्यों, भावनात्मक एकीकरण और संचार कौशल सहित बच्चे के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित करता है। इससे किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। रिपोर्ट अशोक झा

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