जो भी फैसला होगा दिल्ली से होगा :अधीर रंजन चौधरी

 

कोलकाता: प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को भारतीय गठबंधन सहयोगी तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साध। उन्होंने कहा कि उन्होंने अतीत में बीजेपी को हराया है। उनकी टिप्पणी उस खबर के एक दिन बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि टीएमसी पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। इनमें मुर्शिदाबाद की वो सीट भी शामिल है जहां से कांग्रेस के राज्य इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी सांसद हैं। अब इस विवाद पर उन्होंने खुद जवाब दिया है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “मुझे किसी की परवाह नहीं है। मुझे राजनीति की चिंता नहीं है। लड़ाई मेरे लिए जरूरी है और मैं लड़कर ही जीता हूं।” वह पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में थे जब मीडिया से बातचीत में उन्होंने यह बात कही। बीते दिन ही खबर आई थी कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की मुर्शिदाबाद मीटिंग में राज्य की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया गया था, जिसपर कथित रूप से सीएम ममता बनर्जी ने भी सहमति जताई थी।अधीर रंजन चौधरी ने गठबंधन के सवाल पर कहा, “वो लोग जिन्हें लगता है कि मैं कोई फैक्टर नहीं हूं तो ठीक है। मुझे इसकी परवाह नहीं है। मुझे पता है कि चुनाव कैसे लड़ा जाता है। मैंने बीजेपी को हराया है। उससे पहले टीएमसी को भी। इसलिए जो भी फैसला होगा वो दिल्ली से होगा और इसपर मैं कुछ नहीं कह सकता। ” अधीर रंजन चौधरी मुर्शिदाबाद के बेहरामपुर सीट से सांसद हैं। उनके इस जवाब से राज्य में कांग्रेस और टीएमसी के गठबंधन पर संशय बरकरार है।
टीएमसी कांग्रेस को दो सीटें देने के पक्ष में:मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने अलग-अलग भाषणों में कई बार कह चुकी हैं कि पश्चिम बंगाल में सिर्फ टीएमसी ही बीजेपी को हरा सकती है. वह यह भी कह चुकी हैं कि राज्य में उनकी ही पार्टी अकेले बीजेपी से मुकाबला करेग। हालांकि, मुर्शिदाबाद की मीटिंग में कथित रूप से कांग्रेस को दो सीटें देने पर भी बात हुई थी लेकिन कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी और भी सीटों की उम्मीद लिए हुई है।सीट शेयरिंग पर मुश्किलों का सामना कर रही कांग्रेस:इंडिया गठबंधन में अभी भी सीट शेयरिंग के मुद्दे पर तमाम पार्टियों की एक साथ मीटिंग नहीं हुई है लेकिन कांग्रेस पार्टी तमाम क्षेत्रीय दलों के साथ इस मुद्दे पर लगातार मीटिंग कर रही है। उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र तक में कांग्रेस को सीट शेयरिंग के मुद्दे पर तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जहां अन्य पार्टियां कांग्रेस की साख को कमजोर मानते हुए उन्हें कम सीटें ऑफर कर रही हैं. बता दें कि संजय राउत कह चुके हैं कि जिस भी पार्टी के उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद होगी, उन्हें ही संबंधित सीट मिलेगी। टीएमसी को कांग्रेस का करारा जवाब:अधीर रंजन की प्रतिक्रिया बंगाल के टीएमसी महासचिव कुणाल घोष की एक टिप्पणी के जवाब में आई। जिसमें कहा गया था कि हम सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। इससे पहले, घोष ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि कांग्रेस की राज्य इकाई यहां टीएमसी पर हमला कर रही है और बीजेपी को ऑक्सीजन दे रही है। यह काम नहीं करेगा। हम सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। घोष ने यह भी कहा कि कांग्रेस को “दबाव की राजनीति” के बजाय जमीनी हकीकत के आधार पर सीट बंटवारे पर बात करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सीटों पर अंतिम फैसला टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लेंगी।
सीट बंटवारे पर नहीं एक मत! आपको बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के साथ इंडिया ब्लॉक गठबंधन का हिस्सा है। पश्चिम बंगाल में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे की उम्मीद थी। पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने का निर्णय कथित तौर पर मुर्शिदाबाद जिला नेतृत्व के साथ तृणमूल के शीर्ष अधिकारियों की बैठक में लिया गया। मुर्शिदाबाद जिले में तीन लोकसभा सीटें हैं। 2019 के चुनाव में, कांग्रेस ने बेरहामपुर सीट जीती, जबकि अन्य दो सीटें टीएमसी ने जीतीं। 2019 के लोकसभा चुनावों में, अधीर रंजन ने बेरहामपुर सीट जीती, जबकि तृणमूल ने शेष दो लोकसभा सीटें जंगीपुर और मुर्शिदाबाद जीतीं। हालांकि, पिछले महीने, ममता बनर्जी ने स्पष्ट संकेत दिया था कि राज्य में कांग्रेस या वाम मोर्चा के साथ कोई सीट-बंटवारे की व्यवस्था नहीं होगी।
क्या था 2019 का इतिहास?
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 में से 18 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। कांग्रेस सिर्फ 2 सीटें जीत सकी, जबकि ममता बनर्जी की पार्टी ने 22 सीटें जीतीं थी। रिपोर्ट अशोक झा

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