बंगाल में शेर के नाम को लेकर विहिप ने जताया आपत्ति, नाम बदलने की मांग, कहा हिंदुओ की भावना से ना हो खिलबाड़


सिलीगुड़ी: जल्द ही बंगाल वन विभाग और उत्तर बंगाल पशु पार्क अधिकारी सिलीगुड़ी के पशु पार्क में राज्य की पहली शेर सफारी शुरू करने के लिए तैयार हैं। आखिरकार सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क में शेर आ गये है। त्रिपुरा के सिपाहीजला जूलॉजिकल पार्क से दो शेर सिलीगुड़ी पहुंचे। पशु एम्बुलेंस द्वारा दोनों शेरों को सुरक्षित बंगाल सफारी लाया गया। शेरों के आने पर सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क में ख़ुशी का माहौल है। आपको बता दें बंगाल सफारी पर आए दोनों शेरों के नाम अकबर और सीता हैं। दोनों का जन्म त्रिपुरा के सिपाहीजला जूलॉजिकल पार्क में हुआ था। अकबर 7 साल का है और सीता 5 साल की है। सफारी पार्क के अधिकारियों का कहना है कि हाथी और शेर समेत विभिन्न जानवरों के आगमन के बंगाल सफारी में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी। शेर के नामकरण को लेकर विहिप की ओर से आपत्ति जताया गया है। विहिप के प्रदेश सचिव लक्ष्मण बंसल की ओर से वन अधिकारी व पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर कहा गया है कि त्रिपुरा के बंगाल सफारी पार्क में एक शेर और शेरनी के आगमन की घोषणा की गई थी। बंगाल सफ़ारी पार्क में नई प्रजातियों का शामिल होना एक बहुत ही ख़ुशी की ख़बर हो सकती है, लेकिन मादा शेर (सीता) को दिए गए नाम के लिए। विश्व हिंदू परिषद ने इस बात पर गहरा दुख व्यक्त किया है कि बिल्ली परिवार की एक प्रजाति का नाम भगवान राम की पत्नी सीता के नाम पर रखा गया है, जो स्वयं दुनिया भर के सभी हिंदुओं के लिए पवित्र देवी हैं। ऐसा कृत्य निंदा के समान है और सभी हिंदुओं की धार्मिक आस्था पर सीधा हमला है। कल प्रसारित समाचारों के संबंध में देश के विभिन्न कोनों से कॉल और शिकायतें मिल रही थीं, इससे सनातन धर्म अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं और मैं उपरोक्त विषय पर (आज) तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहा हूं ताकि बात आगे न बढ़े। इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस मामले को अत्यंत तत्परता से देखें और उक्त जानवर का नाम हिंदू धर्म से जुड़े किसी अन्य नाम से रखने के लिए कदम उठाएं। यदि उचित समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो हम अपने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं की रक्षा करने के लिए मजबूर होंगे जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर आंदोलन होगा। जंगल के राजा शेर का दीदार सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क में होगा। राज्य के वन मंत्री बीरबाहा हांसदा ने यह जानकारी दी। पता चला है कि भारतीय केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की ओर से से बंगाल सफारी की इस बारे मे सिफारिश मिलने के बाद त्रिपुरा से शेरों को लाया गया है। आने वाले हफ्ते से बंगाल सफारी में शेरों का दीदार कर सकते है। 20 एकड़ जमीन पर अहाता और रैन बसेरा का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है। रिपोर्ट अशोक झा

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