संदेशखाली को लेकर भाजपा का प्रदर्शन, जिलाध्यक्ष हुए अस्वस्थ नर्सिंग होम में भर्ती
कोलकाता: संदेशखाली की घटना को लेकर गुरूवार को पुलिस आयुक्तालय का भाजपा की ओर से घेराव किया गया। इसका नेतृत्व भाजपा जिलाध्यक्ष अरुण मंडल राजू साहा और कन्हैया पाठक कर रहे थे। घेराव के दौरान भारी संख्या में पुलिस मौजूद थी। प्रदर्शनकारियो को पुलिस ने रोका और धक्का मुक्की शुरू हो गई। इसी दौरान जिलाध्यक्ष अस्वस्थ्य होकर जमीन पर गिर पड़े। उन्हें पार्टी नेताओं ने तुरंत पास के नर्सिंग होम में भर्ती कराया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। सांसद राजू बिष्ट ने इस घटना की तीव्र निंदा की है। संदेश खाली की घटना को लेकर सड़क से लेकर विधानसभा तक गूंजा, अब इसको लेकर बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी जंग जारी है। इसके अलावा राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपकर एक एसआईटी भी बना दी है। संदेशखाली का पूरा मामला क्या है, आइए समझते हैं। उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख समेत टीएमसी के कई नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जमीन के बड़े हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा करने के आरोप लगाए हैं. इस आरोप के बाद शाहजहां के समर्थक सड़कों पर भी उतरे, जिससे तनाव और बढ़ गया. संदेशखाली में हिंसा की शिकार हुई एक महिला ने अपनी आपबीती सुनाते हुए आरोप लगाया कि पुलिस शाहजहां शेख और उसके साथियों को कभी गिरफ्तार नहीं करेगी। संदेशखाली की महिलाओं ने बताया कि बलात्कार को साबित करने के लिए हमसे मेडिकल रिपोर्ट मांगी जा रही है। गांव की महिलाएं कैसे आगे आकर कह सकती हैं कि उनके साथ बलात्कार हुआ है? उन्होंने कहा कि हमारी कोई मदद नहीं कर रहा है. हमने चुनाव के बाद से सांसद नुसरत जहां को नहीं देखा है।महिलाओं ने आरोप लगाया कि जिला परिषद का सदस्य शेख शाहजहां मुख्य अपराधी है. वे हमारे साथ दुर्व्यवहार करते हैं, यहां की महिलाएं सुरक्षित नहीं रह सकतीं. हम महिलाओं को बाहर जाने से डर लगता है. हम सुरक्षा चाहते हैं. वे (आरोपी) महिलाओं को पार्टी (टीएमसी) कार्यालय में ले जाते थे और सुबह उन्हें छोड़ देते थे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली को लेकर अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है। उन्होंने सोमवार को अशांत इलाके का दौरा किया था और आंदोलनकारियों से बात की थी। इसके साथ ही उन्होंने पूरे मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन कर दिया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में शाहजहां शेख और उसके साथियों का भी नाम लिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस उपद्रवियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के बजाय स्थानीय लोगों को उनके साथ समझौता करने के लिए निर्देश देती है, जबकि पुलिस की वर्दी में गुंडे रात में पीड़ितों के घर में घुस जाते हैं। रिपोर्ट में गुंडों की गिरफ्तारी, पीड़ितों की मदद और दोषी अधिकारियों का ट्रांसफर करने का सुझाव दिया है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस की रिपोर्ट को लेकर टीएमसी ने उनकी आलोचना की। संदेशखाली घटना की जांच के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के नेतृत्व में बनाई गई इस कमेटी में प्रतिमा भौमिक, बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और बृजलाल शामिल हैं. यह कमेटी घटनास्थल पर जाकर हालात का जायजा लेंगे और पीड़ितों से बात करेंगे। जांच के बाद ये कमेटी अपनी रिपोर्ट बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेंगे। संदेशखाली मामले में जांच के लिए बीजेपी ने अब एनआईए जांच की मांग की है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ये सब ममता बनर्जी के कहने पर किया जा रहा है और एनआईए को इसकी जांच करनी चाहिए। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार के साथ जो हुआ, उसकी पूरे देश में निंदा हो रही है। विपक्ष के नेता के रूप में, मैं निंदा करता हूं जिस तरह से राज्य पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष के साथ व्यवहार किया। हम इसका विरोध करेंगे। बंगाल सरकार की ओर से भी संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए DIG रैंक की महिला IPS अधिकारी की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय टीम बनाई थी। ये टीम संदेशखाली का दौरा करेगी और उन महिलाओं से बात करेगी जिन्होंने आरोप लगाया है कि उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया है। वहीं, संदेशखाली मुद्दे पर स्मृति ईरानी ने कहा था कि संदेशखाली की हिंदू महिलाएं मदद मांग रही हैं। टीएमसी नेता शेख शाहजहां कहां हैं। ममता और उनकी सरकार ने लोगों ने कभी उन गुंडों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। ईरानी ने दावा किया है कि महिलाओं के साथ हुए अत्याचार पर पुलिसकर्मी भी मूक बने रहे। संदेशखाली हिंसा के विरोध में बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांता मजूमदार बुधवार को वहां जा रहे थे, जहां पुलिस के साथ हुई झड़प में वो जख्मी हो गए। उन्हें बशीरहाट मल्टी फैसिलिटी अस्पताल ले जाया गया।।हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे पहले मजूमदार ने आरोप लगाया था कि बंगाल पुलिस ने उन्हें उत्तर 24 परगना जिले के अशांत संदेशखाली जाने से रोकने के लिए उनके लॉज की घेराबंदी कर दी थी। मजूमदार ने प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए दोपहर के बाद संदेशखाली जाने का ऐलान किया था। पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि संदेशखाली में हुई घटनाओं के बारे में लोगों को गुमराह करने के लिए मीडिया के एक वर्ग द्वारा जानबूझकर गलत सूचना फैलाई जा रही है। यह दोहराया गया है कि राज्य महिला आयोग, DIG, CID के नेतृत्व वाली 10 सदस्यीय टीम और जिला पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान अब तक महिलाओं के साथ बलात्कार के बारे में कोई आरोप नहीं मिला है। हाल ही में संदेशखाली के दौरे के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग के प्रतिनिधियों ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें पूछताछ के दौरान स्थानीय महिलाओं के साथ बलात्कार की कोई शिकायत नहीं मिली। सभी आरोपों और शिकायतों की विधिवत जांच की जाएगी और कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह भी स्पष्ट किया जा रहा है कि निराधार गलत सूचना फैलाने के लिए मीडिया के कुछ वर्गों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार उन्हें बासिरहाट नहीं जाने दे रही है। इसको लेकर कोर्ट ने आदेश दिया था कि वहां से तुरंत धारा 144 हटाई जाए। कोर्ट के आदेश के बाद ही पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया था, जहां वो अपनी कार से गिर गए और उन्हें फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि संदेशखाली में जो हुआ वह आजादी के बाद से अब तक की सबसे शर्मनाक घटना है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी एक्शन लेना चाहिए। रिपोर्ट अशोक झा