धर्म के नाम पर किसी महिला के साथ भेद भाव न हो, सबको एक समान अवसर मिले -इन्द्रेश कुमार

*कानून राष्ट्रीय एकता का आधार होता है*
*समान नागरिक संहिता से बदलेंगे हालात*
*धर्म के नाम पर किसी महिला के साथ भेद भाव न हो, सबको एक समान अवसर मिले -इन्द्रेश कुमार*
*एक वोट की ताकत आपको समानता का अधिकार दिला सकती है*
*महिलाओं का हक छीनने और उनको प्रताड़ित करने के लिये बनते हैं पर्सनल लॉ*

*वाराणसी, 18 मई।* समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के नारे ने फ्रांस में 1789 ई० की क्रांति करा दी। सैकड़ों वर्षों से पर्सनल लॉ के नाम पर किसी भी महिला पर अत्याचार और शोषण किसी सभ्य समाज के लिये शर्मनाक है। देश को एक कानून की जरूरत है। यह अधिक संख्या में मतदान से ही सम्भव है।

विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में समान नागरिक संहिता : राष्ट्रीय एकता का आधार विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन लमही के सुभाष भवन में किया गया। 8 लोकसभा क्षेत्रों से जुटे सामाजिक कार्यकर्त्ताओं, महिलाओं एवं समुदायों के नेताओं ने मतदान जागरूकता अभियान एवं संगोष्ठी में हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने सुभाष मन्दिर में मत्था टेका एवं पुष्प अर्पित किया। बाल आजाद हिन्द बटालियन ने इन्द्रेश कुमार को सलामी दी। दीपोज्वलन कर मुख्य अतिथि ने संगोष्ठी का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हिन्दुस्तानी हुकूमत ने सबकी क्रय शक्ति बढ़ा दी इसलिये आज लोग गाड़ियां और सोने चांदी खरीदने की क्षमता रखते हैं। माहौल बदल गया है। हर परिस्थिति में लोगों को बेहतर होने की उम्मीद दिखाई पड़ रही है। इस हुकूमत ने सबका ख्याल रखा। किसी भी धर्म की महिला को सम्मान मिलना चाहिए। कोई भी किसी पर्सनल लॉ के नाम पर किसी महिला पर अत्याचार नहीं कर सकता। पहले भूख से लोग आत्म हत्या करते थे, लेकिन अब भूख से मुक्त हिन्दुस्तान बन चुका है। अगर ऐसा हिन्दुस्तान चाहते हैं तो अपने वोट की ताकत दिखाइये। पहले घोटाले खूब होते थे यहां तक कि चारा तक लोग खा गए। अब घोटालेबाजों पर नियंत्रण किया जा रहा है। जात और मजहब में न बंटे, काम के आधार पर सरकार बनाने का फैसला कीजिये। अपने घर के अंदर जो छिपे हुए बेईमान और गद्दार हैं, उनसे संभल कर रहना है। आज की हुकूमत ने जब से पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक किया, तब से भारत के अंदर पाकिस्तान के आतंकवादी घटना करना बन्द कर दिये। गुंडे, बदमाशों और अपराधियों से इलाके महफूज हो गए। बिना किसी भेद भाव के गुंडों को सबक सिखाया गया। महिलाओं के सम्मान और स्वतंत्रता के लिए समान कानून की जरूरत है। बाल विवाह से मुक्ति मिलेगी और तलाक के बाद उसको भी हक़ और हुक़ूक़ मिलेगा। अपने–अपने मजहब और धर्म के अनुसार निकाह, विवाह करना, अपने धर्म को मानना और अपने संस्कृति को अपनाना ही समान नागरिक संहिता है।

विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि यह युग महिलाओं का है। महिलाओं ने अपने साथ हो रहे शोषण और अन्याय के विरुद्ध खुद ही मोर्चा संभाल लिया है। महिलाओं की पीड़ा को देखते हुए सरकार प्रतिबद्ध है समान नागरिक संहिता के लिये। माहौल बन गया है, बस मतदान की जरूरत है। एक वोट की ताकत महिलाओं को शोषण और अन्याय से मुक्ति दिलाएगी। विशाल भारत संस्थान ने 20 लोकसभा क्षेत्रों में मतदान के लिये लोगों को जागरूक किया। इसका असर कश्मीर में देखने को मिला।

विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय परिषद सदस्य एवं पूर्व विधायक राजकुमार सिंह गौतम ने कहा कि समान नागरिक संहिता आज के समाज की जरूरत है।

संचालन मयंक श्रीवास्तय ने किया और धन्यवाद नाजनीन अंसारी ने दिया।

इस अवसर पर डॉ० अर्चना भारतवंशी, डॉ० मृदुला जायसवाल, डॉ० नजमा परवीन, आभा भारतवंशी, नौशाद अहमद दूबे, ज्ञान प्रकाश, अनिल पाण्डेय, अफसर बाबा, खुर्शीदा बेगम, अफसर बाबा, शंकर पाण्डेय, बृजेश श्रीवास्तव, अलाउद्दीन भुल्लन, मो० सादिक, विवेकानन्द सिंह, सौरभ पाण्डेय, सत्यम सिंह, अंकित सिंह, चन्दन सिंह, इली, खुशी, उजाला, दक्षिता, चन्दा बीबी, करीमुननिशा, राबया, इरम सबा, नूरजहाँ, रौशनजहाँ, रिशबाना, शबा परवीन, कनीज फातिमा, निकहत परवीन आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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