विधार्थी परिषद का आंदोलन लाया रंग, आरोपी प्रोफेसर सिद्धार्थ शंकर लाहा असम से गिरफ्तार

टीएमसी से जुड़े होने के कारण मच रहा था बबाल, रिमांड पर लेकर होगी पूछताछ


सिलीगुड़ी: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का धरना, बंद और लगातार आंदोलन आखिरकार रंग लाया। उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय (एनबीयू) की शोध की छात्रा आत्महत्या मामले में आरोपित प्रोफेसर सिद्धार्थ शंकर लाहा को सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की टीम ने असम से गिरफ्तार कर लिया है।
बताया गया की इसी महीने के 16 मई को सिलीगुड़ी शिवमंदिर इलाके से एनबीयू की शोध छात्रा बबीता दत्त का फंदे से लटकता शव बरामद किया गया था। घटना के दो दिन बाद ही मृतक छात्रा बबीता दत्त के परिवार की तरफ से माटीगाड़ा थाने में आत्महत्या के लिए बाध्य करने का आरोप लगाते हुए प्रोफेसर सिद्धार्थ शंकर लाहा के खिलाफ एक लिखित शिकायत दर्ज कराया गया था। प्रोफेसर टीएमसी से जुड़े होने के कारण घटना को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया। घटना के बाद से प्रोफेसर फरार चल रहा था। जिसके बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की तरफ से स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को प्रोफेसर को पकड़ने के लिए लगाया गया। जिसके बाद पुलिस टीम ने जांच के दौरान प्रोफेसर का मोबाइल टावर लोकेशन असम के ग्वालपाड़ा में देखा गया। जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) और माटीगाड़ा थाने की पुलिस असम पहुंच गई और बगुआन पुलिस थाने की मदद से अभियान चलाया। ग्वालपाड़ा से प्रोफेसर सिद्धार्थ शंकर लाहा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित प्रोफेसर को माटीगाड़ा थाने की पुलिस सिलीगुड़ी अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेने की अपील करेंगी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) के प्रतिनिधियों का एक दल नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी की शोधार्थी छात्रा बबीता दत्त के परिवारवालों से मुलाकात की। बता दें कि तीस वर्षीय बबीता दत्त सिलीगुड़ी शिव मंदिर से सटे इलाके में स्थित एक मकान की तीसरी मंजिल पर रहती थी। वह उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के ग्रामीण विकास विभाग में शोध कर रही थी। उनका घर उत्तर बंगाल के कूचबिहार स्थित तूफानगंज ब्लॉक 1 के नकटीगाछ ग्राम पंचायत के रेलवे स्टेशन से सटे कामतफुलबारी इलाके में है। 16 मई को किराए के घर से उनका लटकता हुआ शव पाया गया था। परिजनों ने नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी के शिक्षक सिद्धार्थ शंकर लाहा के नाम पर माटीगाड़ा थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी थी।नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सिद्धार्थ शंकर लाहा को आखिरकार 29 मई को गिरफ्तार कर लिया गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सचिव दीप्ता दे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अन्य पदाधिकारियों ने बबीता दत्ता के परिवार से मुलाकात की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राज्य सचिव दीप्त दे ने कहा कि विश्वविद्यालय के तृणमूल शिक्षक सेल के प्रोफेसर सिद्धार्थ शंकर लाहा लंबे समय से बबीता दत्ता पर अत्याचार कर रहे थे। परिवार की ओर से शिक्षक के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से लगातार आंदोलन चलाया गया। आखिरकार पुलिस को मजबूरन शिक्षक को गिरफ्तार करना पड़ा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक प्रदेश की जनता उस शिक्षक को उसके कारनामे के लिए सजा नहीं दिलवा देता है। रिपोर्ट अशोक झा

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