ट्रेनी डॉक्टर के दुराचारी व हत्यारे को सजा दिलाने और इंसाफ के लिए हो रहे प्रदर्शन
अशोक झा, कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 31 साल की ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ दुराचार और हत्या को आज एक माह हो रहे है। इसके विरोध में पूरी रात आम लोग जागने का प्रण ले लिया है। सड़कों पर लगातार भीड़ जमा होकर दोषी को खोज निकालने और उसे सजा देने की मांग कर रहे है। ट्रेनी डॉक्टर असाधारण रूप से कड़ी मेहनत कर रही थी। उसका टारगेट अपनी स्पेशलाइजेशन में गोल्ड मेडल जीतने का था। 9 अगस्त को उसके माता-पिता को उम्मीद थी कि वह 36 घंटे की शिफ्ट के बाद घर आएगी। वह एक्सपेक्टेड टाइम पर अपने घर लौटी भी, लेकिन एक शव वाहन में और वो भी पीठ के बल लेटी हुई, कफन में लिपटी हुई। सेमिनार हॉल में रेप के बाद मर्डर: लंबी शिफ्ट के बाद 8 अगस्त की रात को लगातार 16 घंटे की शिफ्ट करने के बाद वो सेमिनार हॉल में पढ़ने, चिंतन करने और आराम करने के लिए गई थी, जहां उसका बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। रेप और हत्या के आरोप में कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को अरेस्ट किया है, हालांकि आरंभ में संजय रॉय ने हत्या का आरोप स्वीकार कर लिया था, लेकिन पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान उसने कहा कि वह जब सेमिनार हॉल पहुंचा था तो डॉक्टर मृत थी। उसके बाद सीबीआई इस पहलू की जांच कर रही है कि क्या डॉक्टर की हत्या कहीं और की गई और उसका शव सेमिनार हॉल में रख दिया गया? कोलकाता रेप केस मामले की सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।
सीबीआई कोर्ट में इस मामले और जांच रिपोर्ट पेश करेगी। बता दें कि डॉक्टर की हत्या के मामले में जूनियर डॉक्टर्स और मृतका के माता-पिता साजिश का आरोप लगा रहे हैं। सीबीआई खुद सबूत से छेड़छाड़ और सबूत मिटाने की बात सुप्रीम कोर्ट में कह चुकी है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि सीबीआई यह जांच कर रही है कि क्या सेमिनार हॉल ही क्राइम स्पॉट है? या कोई अन्य रूम या मेडिकल कॉलेज का कोई अन्य फ्लोर है? यही अब सीबीआई के लिए सबसे बड़ा सवाल है। सीबीआई की निगरानी में मेडिकल कॉलेज के ऑर्थो वार्ड का फ्लोर मैप है। सीढ़ी-लिफ्ट पर भी सीबीआई की नजर है।
सीबीआई की जांच के दायरे में मेडिकल कॉलेज की आठवीं मंजिल के विशेष सर्जरी विभाग के ऑपरेशन थिएटर भी है। सीबीआई के अधिकारी इस हत्या के पीछे ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के लिंक की भी जांच कर रहे हैं। सीबीआई के अधिकारियों ने पिछले कुछ दिनों में ऑर्थोपेडिक विभाग, चेस्ट मेडिसिन विभाग समेत तमाम जगहों का फ्लोर मैप लिया है। एलिवेटर कॉम्प्लेक्स से चेस्ट मेडिसिन वार्ड के सामने सेमिनार रूम तक जाने वाले रास्ते, तीन अन्य रास्ते के साथ, चेस्ट मेडिसिन फ्लोर मैप में उल्लिखित है। सेमिनार कक्ष एमडीआर से सटा हुआ है और उस कमरे को डायलिसिस वार्ड से जोडऩे वाली गली जांचकर्ताओं की निगरानी में है।
सीबीआई इस बात की भी तहकीकात की है कि लिफ्ट ऊपर किसी इमारत से जुड़ी है या नहीं। सीबीआई के अधिकारी इस बात की पुष्टि करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या घटना स्थल सेमिनार कक्ष है या कहीं और घटना होने के बाद शव को उस कमरे में ले जाया गया था, क्योंकि सेमिनार हॉल की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें मृतका के जूते, लैपटॉप, सिर पर हाथ, चादर जैसी कई चीजें व्यवस्थित हैं। ऐसे में सीबीआई के अधिकारियों को यह संदेह है कि क्या लेडी डॉक्टर की हत्या कहीं और कर शव को सेमिनार हॉल में रख दिया गया। सेमिनार कक्ष के बाहर, बंद लिफ्ट पर भी सीबीआई की नजर है। लिफ्ट आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट से भी जुड़ा हुआ है। सातवीं मंजिल पर ऑपरेशन थिएटर है, जहां ऑर्थोपेडिक्स समेत विभिन्न विभागों की ओटी होती है। यह कमरा शाम 5 बजे के बाद नहीं खुलता। इसकी चाबियां प्राधिकरण के दो स्थानों पर रखी रहती है। क्या वह कमरा खुला था? बंद लिफ्ट का क्या उपयोग किया गया? इन मामलों पर गौर किया जा रहा है।
आरजी कर सूत्रों के मुताबिक, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, ऑर्थोपेडिक फ्लोर, सेमिनार रूम फ्लोर, एमडीआर एग्जिट, एंट्री- सभी पर नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही सीबीआई की नजर सेमिनार हॉल से सटे टूटे हुए बाथरूम पर भी है। सीबीआई जांच में यह खुलासा हुआ है कि वारदात की रात को एक जूनियर डॉक्टर ने उस बाथरूम में स्नान किया था और उस समय उसने कहा था कि मरीज को ओपीडीआर देने समय बल्ड लग गया था। इस कारण उसने स्नान किया है। ये कहानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की 31 साल की ट्रेनी लेडी डॉक्टर की है। नॉर्मल हुई थी 8 अगस्त की शुरुआत: रिपोर्ट के अनुसार, 8 अगस्त की सुबह 31 साल की पोस्ट ग्रेजुएट रेजिडेंट डॉक्टर के लिए किसी भी अन्य दिन की तरह ही शुरू हुई। वह अपनी समय की पाबंदी के लिए जानी जाती थी. 8 अगस्त को भी वह रोज की तरह सुबह करीब 10 बजे आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के श्वसन चिकित्सा विभाग की ओपीडी में पहुंची. वह एक लंबी शिफ्ट के लिए तैयार थी। पहले वह कैंपस के एक हॉस्टल में रहती थी, लेकिन पिछले एक साल से अधिक समय से कोलकाता के बाहरी इलाके में स्थित अपने घर में रहती थी और करीब 14 किलोमीटर दूर आरजी कर अस्पताल से आना-जाना करती थी। अस्पताल पहुंचते ही हो गई बिजी: अस्पताल पहुंचते ही वह हमेशा की तरह बिजी हो गई। उसके साथ काम करने वाले डॉक्टरों के अनुसार उस दिन भी उसका स्वभाव सेल्फ फोकस्ड था, जिसमें कुछ भी असामान्य नहीं था. एक सहकर्मी के अनुसार, जब वह अस्पताल में दाखिल हुईं तो ओपीडी में मरीजों की भीड़ थी और तुरंत व्यस्त हो गईं। उन्होंने छह मरीजों को भर्ती किया और उन्हें चाय पीने के अलावा आराम करने का कोई समय नहीं मिला. विभाग की यूनिट 2ए में नियुक्त, ओपीडी में उनकी टीम में एक रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर, एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, एक फैकल्टी मेंबर, साथ ही इंटर्न और हाउस स्टाफ शामिल थे। ओपीडी बिल्डिंग के कमरा 204 दोपहर 3 बजे तक उनका वर्कस्टेशन था।.बिजी होने की वजह से अकेले किया लंच:उसके बाद वह वार्ड में अपनी टीम के साथ शामिल हो गई. उसकी टीम ने दोपहर का खाना मंगवाया था। चूंकि, वह बिजी थीं और देर से आई थी, इसलिए टीम मेंबर्स ने उनका खाना अलग रख दिया. थर्ड ईयर के एक ट्रेनी डॉक्टर ने बताया, ‘वह दोपहर 3 बजे के बाद आई और उसने अपना खाना बगल के ‘स्लीप रूम’ में खाया, जहां हम आमतौर पर खाना खाते हैं। वह थोड़ी संकोची थी, लेकिन बहुत केंद्रित थी. सीनियर फैकल्टी मेंबर और मैं शाम करीब 4.30 बजे यह कहकर चले गए कि अगर किसी मरीज की हालत खराब हो तो फोन करें. लेकिन, हमें कोई फोन नहीं आया और अगली सुबह मुझे उसकी भयानक मौत के बारे में पता चला। लंच के बाद क्या हुआ?: देर से लंच के बाद वह अपनी यूनिट में मरीजों की देखभाल करने के लिए जल्दी से चली गई। इमरजेंसी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर 80 बिस्तरों वाले विभाग में छह यूनिट हैं और यह तब तक उसका काम करने का स्थान था, जब तक कि 9 अगस्त को देर रात एक अन्य पीजी ट्रेनी डॉक्टर ने उन्हें रिलीव नहीं कर दिया। फर्स्ट ईयर के पीजी डॉक्टर ने कहा, ‘दीदी वार्ड की ओर भाग रही थीं, तभी मैं गलियारे में उनसे टकरा गया. हमने एक-दूसरे से नमस्ते-नमस्ते किया और उन्होंने कहा कि उन्हें वार्ड में बहुत काम है। रात में संभालती थी यूनिट की जिम्मेदारी: वार्ड में आने के बाद वह अपने मरीजों की पूरी लगन से जांच करती थी। उनके उपचार के कागजात की समीक्षा करती थी और उनकी दवाओं के बारे में नर्सों के साथ कोऑर्डिनेट करती थी। हालांकि, दिन के समय उसके साथ थर्ड ईयर का एक पीजी डॉक्टर होता था, लेकिन रात में वह अपनी यूनिट की जिम्मेदारी संभालती थीं, जिसमें 2 फर्स्ट ईयर के पीजी डॉक्टर, एक इंटर्न और एक हाउस स्टाफ शामिल होता था. एक जूनियर ने कहा, ‘हम उनसे जितनी भी छोटी-मोटी बातचीत करते थे, वह हमेशा हमें पूर्णता का टारगेट पर फोकस रखने के लिए प्रोत्साहित करती थीं।
आधी रात को डिनर, फिर 2 बजे आराम के लिए ब्रेक: सहकर्मियों ने बताया कि उसने आधी रात के आसपास डिनर के लिए ब्रेक लिया, फिर सेमिनार हॉल में जाने से पहले वार्ड में वापस लौटी। ड्यूटी के लिए अस्पताल पहुंचने के 16 घंटे बाद 8-9 अगस्त की रात करीब 2 बजे के आसपास वह आराम करने के लिए सेमिनार हॉल में गई, लेकिन वह नींद उसकी आखिरी नींद साबित हुई। उसके सहकर्मी यह सोचकर कांप उठे कि यह कितनी क्रूर घटना थी। सेमिनार हॉल में लेडी डॉक्टर से रेप के बाद मर्डर: बता दें कि 8-9 अगस्त की रात को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पीजी सेकेंड ईयर का छात्रा और ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई। घटना के बाद लेडी डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त की सुबह मिला था. इस घटना के बाद देशभर के लोगों में गुस्सा है।