हालोंग वन बंगला में अग्निकांड के पीछे का क्या है सच
सांसद मनोज तिग्गा ने कहा कौन नेता या वन अधिकारी के गेस्ट कर रहे थे मजा
सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल का पर्यटकों के लिए सबसे प्रिय होलांग वन बंगला बीती रात जलकर खाक हो गया। भाजपा के अलीपुरद्वार के नव निर्वाचित सांसद मनोज तिग्गा ने इस अग्निकांड पर सवाल उठाया है। तिग्गा ने कहा की जंगल तीन महीने के लिए बंद है। हालोंग बंगले पर कोई पर्यटक नहीं था। तो शॉर्ट सर्किट कैसा! एसी कैसे फटा! अलीपुरद्वार के सांसद मनोज तिगना ने बुधवार को यह सवाल उठाया। उनका आगे सवाल था कि क्या रात में उस बंगले में कोई वन अधिकारी या किसी नेता का मेहमान था? उनके लिए कौन सी रोशनी जलाई गई? बीजेपी सांसद को पूरे मामले में पूरी तरह दाल काली नजर आती है। अलीपुरद्वार के सांसद मनोज तिग्या ने शिकायत की कि 16 जून से सभी जंगलों में पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालॉन्ग बंगला भी बंद है। वन विभाग के मुताबिक हालोंग बंगले पर कोई पर्यटक नहीं था। तो एसी मशीन में विस्फोट कैसे हुआ? उन्होंने कहा, “दाल में कुछ काला नहीं दाल ही काला है। बंगले में कोई नहीं है तो बंगला बंद होना तय है। तो बड़ा सवाल ये है कि बिजली शॉर्ट-सर्किट कैसे हुई। मनोज तिग्गा ने यह भी कहा कि इस बंगले में आग लगने की घटना को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। इसमें एक रहस्य है। इसकी उचित जांच होनी चाहिए। उम्मीद है राज्य सरकार उचित जांच कराएगी। हालोंग हमारे उत्तर बंगाल का गौरवपूर्ण बंगला था। यह एक क्षण में ख़त्म हो गया। सवाल ये है कि फायर ब्रिगेड समय पर क्यों नहीं गई? इस बीच, उत्तर बंगाल के मुख्य वनपाल (वन्यजीव) भास्कर जेवी ने कहा, “शॉर्ट सर्किट से आग लगने के बाद एसी फट गया। ऐसा क्यों हुआ इसकी जांच की जा रही है। हमने जांच शुरू कर दी है। सभी चीजों की जांच चल रही है। इस पर भी गौर किया जाएगा।” कोई लापरवाही हुई या नहीं। आज बैठक में मंत्री ने कहा कि राज्य होलोंग के गौरव को बहाल करने का प्रयास कर रहा है। गौरतलब है कि अलीपुरद्वार के जलदापाड़ा नेशनल पार्क के फॉरेस्ट बंगले में कल रात करीब 9 बजे आग लग गई। एक घंटे के अंदर ही उत्तर बंगाल वन विभाग का पारंपरिक वन बंगला जलकर राख हो गया। पर्यटकों से लेकर पर्यटन कारोबारी तक सदमे में हैं। ऐसे में आग लगने का कारण बना है। इसी तरह कुछ साल पहले लाटागुड़ी का पीडब्ल्यूडी बंगला भी शॉर्ट सर्किट से जल गया था। इन सभी बातों की जांच होनी चाहिए लेकिन सवाल यह है की उसकी जॉच कर दोषियों को कौन सजा दिलाएगा। रिपोर्ट अशोक झा