कूचबिहार और चोपड़ा घटना के विरोध में भाजपा की महिला विधायकों ने विधानसभा के सामने धरना शुरू

सिलीगुड़ी: कूचबिहार और चोपड़ा घटना के विरोध में भाजपा की महिला विधायकों ने विधानसभा के सामने धरना शुरू कर दिया है। धरना कार्यक्रम का नेतृत्व भाजपा विधायक और महिला मोर्चा की नेता अग्निमित्रा पाल कर रही हैं। उनका दावा है कि राज्य में सत्ताधारी पार्टी के नेतृत्व में आतंकवाद चल रहा है। भाजपा तत्काल कार्रवाई की मांग कर रही है। दरअसल कूचबिहार के माथाभांगा-2 ब्लॉक में भाजपा के अल्पसंख्यक नेता को निर्वस्त्र कर पीटने का आरोप तृणमूल पर लगा है। इस घटना को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। इसके बात रविवार दोपहर को चोपड़ा के तृणमूल नेता तजमुल उर्फ ”जेसीबी” का एक वीडियो सामने आया। उस वीडियो में जेसीबी को एक युवती को सड़क पर गिराकर डंडे से पीटते हुए देखा जा सकता है। जिस लड़की को पीटा गया था, उसे बाल पकड़कर घसीटा गया और जमीन पर धकेल दिया गया। इसके बाद फिर से पिटाई शुरू हो जाती है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पहले ही कहा था कि कूचबिहार की घटना को लेकर भाजपा सोमवार को विधानसभा में प्रदर्शन करेगी। इसके बाद पार्टी की महिला विधायकों ने विधानसभा में धरना देने की इजाजत मांगी। हालांकि, जब अनुमति नहीं दी गई, तो अग्निमित्रा सोमवार सुबह विधानसभा के कार पोर्च के सामने विरोध प्रदर्शन में बैठ गईं। उनके साथ शिखा चटर्जी, चंदना बाउरी, सुनीता सिंह भी हैं। सभी के गले में तख्तियां लटकी हुई हैं। उनका दावा है कि राज्य में एक के बाद एक महिलाओं पर हमले हो रहे हैं। एक महिला मुख्यमंत्री के तौर पर ममता बनर्जी चुप क्यों हैं?अग्निमित्रा ने कहा, ”भाजपा प्रतिनिधिमंडल के कूचबिहार जाने के बाद पुलिस ने पीड़िता का बयान लिया। उस घटना के तुरंत बाद हमने चोपड़ा में एक तृणमूल नेता को एक महिला के साथ खुलेआम दुर्व्यवहार करते देखा। हम राज्य में महिलाओं के खिलाफ हिंसा का विरोध कर रहे हैं। भाजपा विधायकों के धरने को लेकर विधानसभा स्पीकर विमान बनर्जी ने कहा कि मैंने भाजपा विधायकों के धरने को इजाजत नहीं दी है। इसके बावजूद वे बैठे हुए हैं। मैंने मार्शल से अगला कदम उठाने के लिए कहा है।इस पर अग्निमित्रा ने सवाल किया कि तृणमूल के धरने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हमारे धरने से समस्या क्यों है ? उन्होंने कहा कि भाजपा की महिला विधायक कूचबिहार के पीड़ितों के साथ राजभवन जाएंगी। जरूरत पड़ी तो वे राष्ट्रपति के पास जायेंगी। रिपोर्ट अशोक झा

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