यह देखिए बाढ़ के बीच दूल्हे की निकली कैसे बारात फिर दुल्हन की विदाई

बाढ़ में दूल्हा चला नाव फिर पैदल, दुल्हन के साथ नाव का इंतजार, एक शादी ऐसी भी, 1 किलोमीटर सेहरा बांधे बाढ़ में चला दूल्हा

हरदोई में बाढ़ के चलते सवायजपुर तहसील और शाहाबाद तहसील के कई गांवों जलमग्न हो चुके है। हजारों एकड़ खेतिहर भूमि झील में बदल चुकी है।

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शाहबाद तहसील का कालागाड़ा गांव भी बाढ़ की चपेट में है यहां के रहने वाले राहुल की शादी गुरुवार को थी और जिस गांव कहारकोला में उसकी बारात जानी थी वह भी बाढ़ की चपेट में था। ऐसे में दूल्हा बने राहुल सिर पर सेहरा सजाए पहले तो नाव में बैठकर गांव तक पहुंचे और फिर जब नाव कम पानी मे नहीं चल सकी तो पैंट को हाँथ में लेकर किसी तरह 1 किलोमीटर तक पानी में चलते हुए ससुराल पहुंच जहां एक सूखे स्थान पर शादी की सभी रस्में निभाई गईं।

शुक्रवार करीब 5 बजे बारात दुल्हन को लेकर वापस हुई तो बरातियों ने प्रशासन से नाव की मदद मांगी लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई जिसके बाद सब धरने पर बैठ गए।

करीब 4 घण्टे तक बराती पाली शाहाबाद मार्ग पर बैठे रहे जिसके चलते कई वाहन जाम में फंस गए। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने बरातियों को जैसे तैसे समझाया और नाव की व्यवस्था करने का आश्वसन दिया तब जाम खुला। करीब 1 बजे एक नाव की व्यवस्था हुई तब कहीं जाकर राहुल अपनी दुल्हन को लेकर घर रवाना हुए।

इस दौरान राहुल ने बताया कि उसे नहीं पता था कि शादी के दिन हालात इतने खराब हो जाएंगे। राहुल ने बताया कि उनके गांव का कहारकोला और मजरा खजुराही की करीब तीन हजार आबादी है। बाढ के पानी से गांव चारो ओर से घिरा है। नाव ही एकमात्र आवागमन का जरिया है। प्रशासन द्वारा नाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, गांव के ही लोग दो नाव चला रहे हैं। जिस पर प्रशासनिक अधिकारी और नेता लोग निरीक्षण करने के लिए सवार हो जाते हैं। ग्रामीणों को नाव मिलना बेहद मुश्किल है।

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