फुलबाडी बांग्लादेश चेकपोस्ट होकर लौट रहे भारतीय छात्र कहा, वहां की स्थित काफी भयावह, दिन व दिन स्थित हो रही खराब

बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने सैकड़ों कैदियों को छुड़ाया, जेल में लगाई आग

अशोक झा, सिलीगुड़ी: बांग्लादेश इस समय आरक्षण की मांग को लेकर छात्र आंदोलन की आग में जल रहा है। जिस वजह से दूसरे देशों के छात्र के अलावा भारतीय फूलबाड़ी सीमा चेकपोस्ट के रास्ते भारत लौट रहे हैं। यह बॉर्डर सिलीगुड़ी से मात्र 20 किलोमीटर एनजेपी थाना क्षेत्र में आता है। दरअसल, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्र आंदोलन चल रहा है। आंदोलन के चलते इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इसके साथ ही बांग्लादेश सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा की है। इस स्थिति से भारत और नेपाल सहित विभिन्न देशों के छात्र-छात्राएं बांग्लादेश से अपने देश लौट रहे हैं। इसके अलावा, जो लोग बांग्लादेश गए हैं वे भी घर लौट रहे हैं।शनिवार को कई छात्र-छात्राएं और पर्यटक फुलबाड़ी सीमा चेकपोस्ट से लौट रहे हैं। इनमें से कुछ पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के निवासी हैं और काफी संख्या में छात्र कई अन्य राज्यों के भी निवासी हैं।। वहीं, कुछ नेपाल के भी हैं। बांग्लादेश से वापस आई काठमांडू की रहने वाली छात्रा अस्मिता कार्की ने कहा कि मूल रूप से ढाका में आंदोलन ज्यादा है। इंटरनेट सेवा बंद है। इसके अलावा बांग्लादेश में कल धारा 144 की घोषणा की गई है। वहां रहना सुरक्षित नहीं लगा रहा था इसलिए मैं घर लौट आई। वहीं, एक अन्य छात्र सरोज सान्याल ने कहा आंदोलन मुख्यतः शहरों में है। बांग्लादेश की हालत बहुत नाजुक है। इंटरनेट बंद होने के कारण बाहरी दुनिया से संपर्क करना संभव नहीं है। इसलिए घर लौट आया। कानून-व्यवस्था का संकट पैदा होने के बाद बांग्लादेश में रह रहे भारतीय अब अपने वतन लौटने को मजबूर हैं। ढाका से सैकड़ो स्टूडेंट्स वापस लौट रहे हैं। साधन का फिक्र किए बगैर किसी भी उपलब्ध व्यवस्था से भारतीय स्टूडेंट्स भारत-बांग्लादेश इंटरनेशनल बॉर्डर पर पहुंचकर क्रॉसिंग प्वाइंट्स से अपने देश आ रहे हैं। बीएसएफ स्टूडेंट्स की सुरक्षित वापसी के लिए लगातार निगहबानी कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए वह लगातार इमिग्रेशन, एयरपोर्ट्स, भूमि बंदरगाहों के अधिकारियों के साथ बीएसएफ के साथ सहयोग में है। एक रिपोर्ट के अनुसा, 778 भारतीय छात्र विभिन्न भूमि बंदरगाहों के माध्यम से सफलतापूर्वक भारत लौट आए हैं। वहीं,लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव एयरपोर्ट से फ्लाइट लेकर भारत वापसी किए हैं। तमाम भूटानी और नेपाली स्टूडेंट भी अपने देश वापसी के लिए फौरी तौर पर भारतीय छात्रों के साथ ही यहां आ गए हैं। यहां से वह अपने देश वापस लौटेंगे। हाइकमीशन ने बताया कि बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अभी भी 4,000 से अधिक छात्रों के साथ नियमित संपर्क में है। मंत्रालय ने बताया कि 8500 से अधिक भारतीय छात्र यहां पढ़ाई करते हैं। जबकि 15 हजार से अधिक भारतीय यहां विभिन्न वजहों से रहते हैं। कर्फ्यू की वजह से फंसे स्टूडेंट: बंग्लादेश में अशांति की वजह से कर्फ्यू लगा दिया गया है। ऐसे में छात्रों को वतन वापसी के लिए अब फ्लाइट की सहायता नहीं मिल सकेगी। बांग्लादेश से लौटे एक भारतीय छात्र ने बताया कि कई छात्रों ने हवाई टिकट बुक करवाए थे। लेकिन कर्फ्यू लगा होने के कारण वे एयरपोर्ट नहीं जा सके। कई उड़ानें रद्द भी कर दी गईं।आरक्षण के खिलाफ में विरोध प्रदर्शन से स्थितियां बेकाबू: बांग्लादेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार को नौकरी में आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है। देश में सेनानियों को आरक्षण दिए जाने के खिलाफ बड़ी संख्या में युवा व छात्र सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन काफी हिंसात्मक हो चुका है। जगह-जगह हिंसा और आगजनी हो रही है। पूरा बांग्लादेश हिंसा की चपेट में आ चुका है। हिंसा में सवा सौ से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को सरकारी टीवी के हेडक्वार्टर को फूंक दिया। दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने जेल पर कब्जा जमाने के बाद वहां कैदियों को छुड़ाया और फिर जेल में आग लगा दी।

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