हरदोई में चैंबर में घुसकर कनपटी से सटा कर अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या

हरदोई। कोर्ट मैरिज के बहाने फौजदारी के जानेमाने अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा के चैंबर में पहुंचे दो युवकों ने कनपटी से सटा कर उन्हे गोली मार दी। बीच शहर में हुई इस तरह की वारदात से सनसनी फैल गई। खून से लथपथ अधिवक्ता को आनन-फानन में मेडिकल कालेज पहुंचाया गया,जहां से उन्हे लखनऊ के लिए रिफर कर दिया गया है। एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि सारे मामले की गहराई से छानबीन की जा रही है,जल्द ही सारा कुछ पता कर लिया जाएगा। हरदोई- उपचार के लिए लखनऊ ले जाते समय अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की मौत हो गयी।
बताया गया है कि फौजदारी के जाने-माने अधिवक्ता 64 वर्षीय कनिष्क मेहरोत्रा पुत्र जुगुल नारायण मेहरोत्रा मंगलवार की शाम को शहर के लखनऊ रोड सिनेमा चौराहा पर अपने मकान में बनें चैंबर में बैठे हुए थे,साथ में लिपिक गिरीश चन्द्र भी थे,तकरीबन 8:30 बजे दो युवक बाइक से वहां पहुंचे और अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा से कोर्ट मैरिज के बारे में बात की,उसी बीच लिपिक गिरीश चन्द्र चैंबर से उठ कर मकान के अंदर पहुंचे, उसी बीच गोली चलने की आवाज़ सुन कर गिरीश चन्द्र पलट कर चैंबर में दाखिल हुए,जहां खून से लथपथ अधिवक्ता को देख कर उन्होंने शोर मचाया,लेकिन उससे पहले हमलावर भाग चुके थे।अधिवक्ता को कनपटी से सटा कर गोली मारी गई थी,आनन-फानन में उन्हे मेडिकल कालेज पहुंचाया गया, जहां के डाक्टरों ने लखनऊ रिफर कर दिया। इसका पता होते ही एसपी नीरज कुमार जादौन और सीओ सिटी अंकित मिश्रा मेडिकल कालेज पहुंचे,जहां उन्होंनें डाक्टरों से अधिवक्ता का हाल जाना।एसपी श्री जादौन ने बताया है कि सारे मामले की गहराई से जांच की जा रही है। फिलहाल खबर लिखे जाने तक अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की हालत काफी नाज़ुक बनी हुई थी।
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इनसेट-
भाई ने कहा,कई बार दी जा चुकी थी धमकी
हरदोई। अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा के छोटे भाई हर्ष मेहरोत्रा का कहना है कि I’ve सालों से मकान को ले कर रंजिश चल रही थी। कई बार धमकी भी दी जा चुकी थी। किन लोगों से रंजिश थी ? इस सवाल पर उन्होनें कोई जवाब नहीं दिया,बल्कि कहा कि पुलिस जांच कर रही है,सब कुछ सामने आ जाएगा।

सेबी में आफीसर है बेटा
हरदोई। अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की पत्नी की कुछ साल पहले मौत हो चुकी थी। उनके एक बेटा और एक बेटी है। बेटी बेंगलुरु में है,जबकि बेटा सेबी में आफीसर है। अधिवक्ता मकान में अकेले रहते थे। हमला होने के दौरान मकान के अंदर रसोइयां खाना बना रही थी,गोली की आवाज़ सुन कर वह भी बाहर भाग खड़ी हुई।

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