सेना का 45 मिनट का अल्टीमेटम, पीएम आवास में जमकर हुई लूटपाट


कौन है सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां जिसके हाथ लगी कमान
अशोक झा, सिलीगुड़ी: बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने उनके इस्तीफा देने से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘फेसबुक’ पर सुरक्षा कर्मियों से उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के किसी भी प्रयास को विफल करने का आह्वान किया था। लेकिन बांग्लादेश की राष्ट्रपति शेख हसीना को सेना ने मात्र 45 मिनट का वक्त दिया था। इसके बाद हसीना ने आनन-फानन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके पद से हटते और आवास छोड़ते ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने उनके सरकारी आवास गणभवन पर धावा बोल दिया। जिसके बाद से राजधानी ढाका में अराजकता का माहौल है। लाखों प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की पुर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सरकारी आवास में घुसकर तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने बंगबंधु शेख मजीब की मूर्ति को भी तोड़ने की कोशिश की। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों शेख हसीना के घर में घुसकर पुर्व प्रधानमंत्री के बेडरूम में भी घुसकर तोड़फोड़ की। जिसके हाथ जो लगा वह लेकर चलते बना।
इस बीच, सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने सभी दलों की भागीदारी वाली अंतरिम सरकार बनाने की घोषणा की है। जनरल जमां ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “हमने सभी राजनीतिक दलों के साथ सार्थक चर्चा के बाद देश में अंतरिम सरकार बनाने का फैसला किया है। हम स्थिति को सुलझाने के लिए अब राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से बात करेंगे।” ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक सेना प्रमुख ने विरोध के नाम पर सभी तरह की हिंसा को रोकने का आह्वान किया है और कहा है कि नई सरकार भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान हुई सभी मौतों के लिए न्याय सुनिश्चित करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, हसीना ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वह दोपहर बाद अपनी बहन शेख रेहाना के साथ सैन्य हेलिकॉप्टर में सवार होकर भारत के लिए रवाना हो गईं। इस बीच देश की सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना के शासन के अंत का जश्न मनाने के लिए हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। सूत्रों के मुताबिक शेख हसीना पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हुई हैं। प्रस्थान से पहले उनकी एक भाषण रिकॉर्ड करने की इच्छा थी, लेकिन उन्हें ऐसा करने का मौका नहीं दिया गया क्योंकि सेना ने उन्हें देश छोड़ने के लिए सिर्फ 45 मिनट का ही वक्त दिया था। दूसरी तरफ, सेना मुख्यालय में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रमुख व्यक्तियों के साथ बैठक जारी है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक ढाका विश्वविद्यालय के विधि विभाग के प्रोफेसर आसिफ नजरुल को सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां के साथ बैठक में आमंत्रित किये जाने की जानकारी मिली है। जातीय पार्टी के वरिष्ठ सह-अध्यक्ष अनीसुल इस्लाम महमूद और पार्टी के महासचिव मुजीबुल हक चुन्नू को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है। बता दें कि छात्र कार्यकर्ताओं ने देश भर में कर्फ्यू के बावजूद हसीना पर इस्तीफा देने का दबाव बनाने के लिए आज ढाका तक रैली निकालने का आह्वान किया था। जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने कुछ स्थानों पर आगे बढ़ना शुरू किया, बख्तरबंद कर्मियों के वाहन और सेना राजधानी की सड़कों पर गश्त करने लगी। जात्राबारी और ढाका मेडिकल कॉलेज क्षेत्रों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में कम से कम छह लोगों की मौत होने की रिपोर्ट हैं। प्रदर्शनकारियों के छोटे समूहों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने शहर के कुछ हिस्सों में ध्वनि ग्रेनेड फेंके। इससे एक दिन पहले देश भर में हुई हिंसक झड़पों में करीब 100 लोग मारे गये थे। अब अंतरिम सरकार बनेगी. सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि हिंसक झड़पों में जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिवार वालों को न्याय भी दिलाया जाएगा। आपको बता दें कि बांग्लादेश में करीब 2 महीने से आरक्षण के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन चल रहा था. शेख हसीना की अगुवाई वाली सरकार ने जब प्रदर्शनकारियों से सख़्ती से निपटना शुरू किया तो वह और उग्र हो गए।आरक्षण से हटकर शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए और सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू कर दिया। 5 अगस्त को प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास की तरफ बढ़ने लगे. इसके बाद शेख हसीना को अपनी कुर्सी के साथ-साथ देश भी छोड़ना पड़ा।
कौन हैं बांग्लादेश आर्मी के चीफ जनरल वकार:
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अब एक तरीके से बांग्लादेश की पूरी कमान सेना प्रमुख वकार उज जमां के हाथ में है।16 सितंबर 1966 को जन्में वकार बांग्लादेश की सेना के 4 स्टार जनरल हैं और 23 जून 2024 से चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ हैं। इस पद पर आने से पहले वह बांग्लादेश आर्मी के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हुआ करते थे. उससे पहले आर्म्ड फोर्सेज डिवीजन के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर थे।
लंदन से पढ़ चुके हैं जनरल वकार: बांग्लादेश के शेरपुर जिले में जन्में जनरल वकार उज जमां ने डिफेंस सर्विसेज कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. फिर डिफेंस स्टडीज में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज से डिफेंस स्टडीज में भी एमए की डिग्री ले रखी है। कब आए सेना में?: वकार उज जमां ने 20 दिसंबर 1985 को बांग्लादेश की मिलिट्री एकेडमी ज्वाइन की. फिर ईस्ट बंगाल रेजीमेंट का हिस्सा बने. सेना में सर्विस के दौरान उन्होंने नॉन कमीशंड ऑफिसर्स एकेडमी, स्कूल ऑफ इन्फेंट्री एंड टैक्टिक्स, बांग्लादेश इंस्टिट्यूट ऑफ़ पीस सपोर्ट ऑपरेशन ट्रेनिंग (BIPSOT) जैसे संस्थानों में पढ़ाया भी. इसके अलावा उन्होंने बांग्लादेश की तरफ से यूनाइटेड नेशन द्वारा लाइबेरिया और अंगोला में भेजे गए मिशन की अगुवाई भी की. इस दौरान सेना में तरक्की भी हासिल करते रहे।वकार उज जमां को 30 नवंबर 2020 को लेफ्टिनेंट जनरल नियुक्त किया गया. फिर वह चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की कुर्सी तक पहुंचे। शेख हसीना से रिश्तेदारी: बांग्लादेश की मीडिया के मुताबिक जनरल वकार उज जमां की पत्नी का नाम बेगम साराहनाज कामालिका रहमान है, जो बांग्लादेश के पूर्व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मुस्तफिजुर रहमान की बेटी है। जनरल मुस्तफिजुर रहमान रिश्ते में शेख हसीना के चाचा लगते थे। इस नाते साराहनाज कामालिका रहमान उनकी चहेरी बहन हुईं और उनके पति जनरल वकार बहनोई।

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