कश्मीर में आतंकवादी हमला, 7 की मौत गुस्से में केंद्र से राज्य की सरकार

बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा: जम्‍मू-कश्‍मीर में नई सरकार के गठन के बाद रविवार रात एक बड़ी आतंकी घटना देखने को मिली। गांदरबल में एक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर कंपनी में काम करने वाले मजदूर रात के वक्‍त साथ बैठकर खाना खा रहे थे।इस घटना की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। आतंकी हमला उस शहर में हुआ, जो राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पैतृक विधानसभा सीट है. पुलिस महानिरीक्षक वीके बिरदी ने आतंकी हमले की पुष्टि की है. इस विधानसभा सीट से उमर अब्दुल्ला के दादा शेख अब्दुल्ला और फिर उनके पिता फारूक अब्दुल्ला चुनाव जीत चुके हैं और विधायक रह चुके हैं। मृतकों में एक कश्मीरी डॉक्टर भी शामिल है।आतंकी हमले में मारे गए लोगों में कश्मीरी डॉक्टर, मजदूर और श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग के निर्माण में लगे कर्मचारी शामिल हैं। मृतक 3 राज्यों के रहने वाले हैं. मृतकों की पहचान बिहार निवासी सेफ्टी मैनेजर फहीमन नसीन, बिहार निवासी ताहिर एंड संस कंपनी के कर्मचारी मोहम्मद हनीफ और कलीम, मध्य प्रदेश निवासी मैकेनिकल इंजीनियर अनिफ शुक्ला, कश्मीर निवासी डॉ. शाहनवाज और गुरुमीत सिंह के रूप में हुई है। यह आतंकी हमला 9 जून 2024 को रियासी आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे घातक हमला था। उस समय आतंकवादियों ने वैष्णो देवी के भक्तों की एक बस पर गोलीबारी की थी, जिसमें 9 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और इस हमले की पूरे देश में निंदा की गई थी।
गृह मंत्री अमित शाह के सख्त एक्शन के संकेत: पुलिस महानिरीक्षक वीके बिरदी ने कहा कि आतंकवादियों की गोलीबारी में घायल हुए लोगों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया. हमला घने जंगली इलाके में हुआ, लेकिन सुरक्षा बल तुरंत मौके पर पहुंच गए और इलाके को घेर लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने एक्स पर लिखा कि जम्मू-कश्मीर के गगनगीर में नागरिकों पर क्रूर आतंकवादी हमला एक कायरतापूर्ण और घृणित कार्य है। इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें हमारे सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद पहली बार यह हमला हुआ है. 2019 में, राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित कर दिया गया और अनुच्छेद 370 के तहत इसकी विशेष स्थिति वापस ले ली गई। जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले में रविवार रात आतंकियों ने डॉक्टर समेत 7 लोगों को मार दिया। घटना के बाद से घाटी में हड़कंप मचा हुआ है। हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह, सीएम उमर अब्दुल्ला, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हम चुप नहीं बैठेंगे बल्कि सेना को कड़ी कार्रवाई करने की खुली छूट मिली है। एनसी नेता ने कहा कि ‘कश्मीर पाकिस्तान नहीं बनेगा।’ आतंकवाद को खत्म करने का समय आ गया है, अगर यह नहीं रुका तो परिणाम बहुत गंभीर होंगे। फारूक ने कहा कि निर्दोष लोगों की हत्याएं अगर होती रहीं तो बातचीत कैसे हो सकती है?
फारूक ने पूछा-जान लेकर आतंकियों को क्या मिला?फारूक ने कहा, ‘निर्दोष लोगों पर यह हमला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। गैर-कश्मीरी श्रमिकों और एक डॉक्टर की जान गई है। इनकी जान लेकर आतंकियों को क्या मिला? क्या आतंकवादी सोचते हैं कि वे यहां पाकिस्तान बना पाएंगे…हम आगे बढ़ने के लिए इन सब चीजों को खत्म करना चाहते हैं।’…तो परिणाम बहुत बरे होंगे। एनसी नेता ने कहा कि वह पाकिस्तान के नेतृत्व से कहना चाहते हैं कि ‘यदि वे भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं तो उन्हें इन सब पर रोक लगानी होगी। कश्मीर पाकिस्तान नहीं बनेगा। हमें मर्यादा के साथ रहने और आगे बढ़ने दें। वह 75 साल में यहां पाकिस्तान नहीं बना सके तो अब यह कैसे संभव है? समय आ गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद पर रोक लगाए नहीं तो परिणाम बहुत गंभीर होंगे। निर्दोष लोगों की हत्या अगर होती रही तो बातचीत कैसे हो सकती है?’दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा-शाह बता दें कि रविवार को श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादियों की अंधाधुंध गोलीबारी में एक चिकित्सक और छह मजदूरों की मौत हो गई। इस आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें सुरक्षा बलों की कठोरतम कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘जम्मू कश्मीर के गगनगीर में नागरिकों पर किया गया नृशंस आतंकवादी हमला कायरना हरकत है। इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें हमारे सुरक्षा बलों की कठोरतम कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। अधिकारियों ने बताया कि अज्ञात आतंकवादियों ने यह हमला उस समय किया जब गांदरबल के गुंड में सुरंग परियोजना पर काम कर रहे मजदूर और अन्य कर्मचारी देर शाम अपने शिविर में लौट रहे थे।

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