बिहार में डीजीपी विनय कुमार ने पदभार ग्रहण करते ही दिखाया अपना तेवर

कानून व्यवस्था को पूरी सख्ती से पालन करने और भय मुक्त वातावरण देने का किया वादा

 

– शराबबंदी और मादक पदार्थ की तस्करी को लेकर जो भी अकूत संपत्ति बनाई उनकी संपत्ति होगी जब्त

अशोक झा: पटना में पदभार ग्रहण करने के बाद बिहार के नए डीजीपी विनय कुमार ने कानून व्यवस्था को पूरी सख्ती से पालन करने और भय मुक्त वातावरण देने का वादा किया। शनिवार को उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर लगातार नजर रखी जाएगी। साथ ही स्पीडी ट्रायल में सुधार लाने की कोशिश होगी। उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ खासकर अपराधी गैंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
थानों को दिए जाएंगे सख्त निर्देश- डीजीपी
नए डीजीपी ने कहा कि सभी थानों को निर्देश दिया जाएगा कि वह अपराधियों की संपत्ति के बारे में पता करें और पता करने के बाद पुलिस मुख्यालय को बताएं पुलिस मुख्यालय उनके संपत्ति को दस दिनों के अंदर अटैच करेगा। शराबबंदी कानून को सख्ती से पालन करने के लिए उन्होंने कहा कि शराबबंदी और मादक पदार्थ की तस्करी को लेकर जो भी अकूत संपत्ति जिन्होंने बनाई है, उनकी संपत्ति भी जब्त होगी। हमारा काम अनुसंधान के साथ-साथ अपराधियों की संपत्ति जब्त करना है।विनय कुमार ने कहा कि कानून व्यवस्था से संबंधित जो भी मामले हैं, उसमें अभियान चलाकर गिरफ्तारी होगी।साथ ही माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। लगातार हो रहे पेपर लीक मामले पर उन्होंने कहा कि इस पर काफी सख़्ती से कार्रवाई की जाएगी। साइबर अपराध पर उन्होंने कहा कि देश में पहला राज्य बिहार है, जहां सबसे ज्यादा साइबर क्राइम के केस निपटाए गए हैं। एनकाउंटर को लेकर उन्होंने कहा कि एनकाउंटर एक सहयोग है। स्वाभाविक है पुलिस पर अगर गोली चलेगी तो पुलिस भी इधर से कार्रवाई करती है।वहीं अपराधियों को सजा दिलाने के मामले पर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर सजा की रेटिंग कम है, लेकिन अब आने वाले दिनों में इस पर पुलिस मुख्यालय पूरे मामले को देखेगी और अनुसंधान जल्द से जल्द हो इसको लेकर निश्चित तौर पर दिशा निर्देश भी जारी होगा। आने वाले दिनों में नई विधिशाला का उद्घाटन हो जाएगा। इससे अनुसंधान में काफी सहायता मिलेगी. अपराधियों की संपत्ति को अनुसंधान के क्रम में भी अटैच करने की कार्रवाई की जाएगी।
‘जनता पुलिस के साथ कंधे से कंधे मिलाकर काम करे’
उन्होंने कहा कि पुलिस का मनोबल ऊंचा करने से लेकर अपराधियों का मनोबल गिराने को लेकर हर तरह के उपाय किए जाएंगे। पुलिस और जनता दोनों मिलकर काम करेगी। निश्चित तौर पर तभी यह काम हो पाएगा और अपराधियों पर पुलिस पूरी तरह से हावी हो पाएगी। डीजीपी ने कहा कि नियम है जनता किसी भी क्रिमिनल को अरेस्ट कर सकती है, लेकिन उसे पुलिस को सौंप दे। जनता पुलिस के साथ कंधे से कंधे मिलाकर काम करे. उन्होंने कहा कि जनता अगर पुलिस को सहयोग नहीं करेगी तो पुलिस कुछ नहीं कर पाएगी। गृह विभाग ने शुक्रवार की देर रात इसकी अधिसूचना जारी की है। विनय कुमार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी के पद पर तैनात थे। इस आदेश के बाद लोगों के मन में सवाल है कि आखिर उन्हें इस पद से क्यों हटाया गया। सियासी गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।सियासी गलियारों में चर्चा है कि बिहार विधानसभा चुनाव सिर पर है इस कारण हो सकता है कि नीतीश कुमार बदलाव कर रहे हों। चूंकि नीतीश कुमार अपने वादों को निभाने के लिए जाने जाते हैं तो उन्होंने जनता से जो भी वादे किए उसे वह निभाना जरूर चाहते होंगे। ऐसे में बदलाव ही एक मात्र उपाय नजर आता है. इसकी बानगी तीन महीने पहले भी दिखी थी जब आलोक राज के सामने CM ने हाथ जोड़ लिए थे. आलोक राज की तरफ हाथ जोड़ते हुए सीएम ने कहा था कि जल्दी से और भी नियुक्ति करा दीजिए, पुलिस में महिलाओं की संख्या 35 फीसदी करिए।
कौन हैं आलोक राज?: इसी साल अगस्त के महीने में आलोक राज को बिहार का डीजीपी बनाया गया था. माना ये जाता है कि DGP पद के बाद अधिकारी रिटायर होते हैं. ऐसे में रिटायरमेंट से पहले पद बदलना कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं. आलोक राज को बिहार, झारखंड और बंगाल में पुलिसिंग का करीब 35 सालों का लंबा अनुभव है. साल 1989 में IPS बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग पटना सिटी के सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में हुई थी. उन्हें तीन बार राष्ट्रपति पदक भी मिला है. आलोक राज 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।मालूम हो कि विनय कुमार को अगले दो साल तक के लिए बिहार का डीजीपी बनाया गया है. लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार वह दो साल के बाद भी डीजीपी के पद पर बने रहेंगे. राज्य सरकार ने मौजूदा डीजीपी आलोक राज को पुलिस भवन निर्माण निगम में भेज दिया है. वह निगम के डीजी के साथ-साथ सीएमडी बनाये गये हैं।कौन हैं नए DGP विनय कुमार?: अब जानिए बिहार के नए डीजीपी के बारे में. विनय कुमार 1991 बैच के IPS अधिकारी हैं. डीजीपी बनने से पहले उनके पास पुलिस भवन निर्माण निगम के सीएमडी के रूप में जिम्मेदारी थी. विनय कुमार ADG लॉ एंड ऑर्डर और ADG CID जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की है. विनय कुमार को एक कुशल और ईमानदार अधिकारी के रूप में जाना जाता है।बिहार के नए डीजीपी बने आईपीएस विनय कुमार वैशाली जिला के महुआ थाना क्षेत्र के रामपुरानी गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता स्वर्गीय राम एकबाल शुक्ला प्रतिष्ठित शिक्षक थे। माता-पिता की पांच संतानों में विजय कुमार इकलौते हैं। उनकी चार बहने हैं। गांव में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने पटना में रहकर इंटर की परीक्षा पास की। इसके बाद आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। यूपीएससी का एग्जाम दिया लेकिन एक साल तक रिजल्ट नहीं आया। इस कारण एक साल बाद विनय कुमार की नौकरी ज्वांइन किये।

उनकी शादी पूर्वी चंपारण जिले के शंकर सरैया गांव के किसान परिवार की पुत्री चित्रा सिंह से हुई थी। करीब दो साल पूर्व उनकी पत्नी का देहांत होने के बाद विनय कुमार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। डीजीपी विनय कुमार को एक पुत्र व एक पुत्री है,दोनो आईआईटीयन है।वैशाली के लाल के डीजीपी बनने से लोगों में काफी प्रसन्नता है। उनके गांव में जश्न का माहौल है। ग्रामीणो ने बताया कि वह काफी मृदुल स्वभाव के हैं। हमेशा लोगों की मदद करते रहे हैं। आईपीएस विनय कुमार पूर्वी चंपारण के साथ बिहार के कई जिलों में एसपी, सीनियर एसपी, डीआईजी, आईजी, एडीजी और डीजी के पद तैनात रहे। उनकी पहचान एक कुशल और ईमानदार अधिकारी के रूप में है।लिहाजा उनके डीजीपी बनने से बिहार में लाॅ एंड आर्डर में काफी सुधार होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

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