सद्भावना सम्मेलन में दिखा देश की अनेकता में एकता की विशेषता
सनातन कभी खत्म नहीं हो सकता, सनातन को खत्म करने की साजिशों से हमें सजग रहना होगा: सतपाल महाराज

– सांसद राजू विष्ट ने पूज्य सतपाल महाराज से मिला लिया आशीर्वाद
अशोक झा, सिलीगुड़ी: प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय सद्भावना सम्मेलन में सांसद राजू विष्ट हुआ। आज के सम्मेलन में देश की अनेकता में एकता का दृश्य नजर आया। सांसद राजू विष्ट ने कहा कि आज सालूगाड़ा, पलाश गांव, सिलीगुड़ी में “मानव उत्थान सेवा समिति” द्वारा आयोजित ‘मानव उत्थान सेवा समिति’ में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ।इस अवसर पर पूज्य सतपाल महाराजजी एवं पूज्य माता जी के दर्शन कर मुझे भी आशीर्वाद देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। ‘सद्भावना सम्मेलन’ हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की एक अद्भुत प्रदर्शनी थी जिसने विविधता में एकता का मजबूत संदेश दिया। नेपाली-गढ़वाली के मिश्रित प्रेरक सांस्कृतिक प्रदर्शन, आदिवासी प्रदर्शन, बैंड, परेड और अन्य युवा प्रदर्शन आज के समारोह की विशेषता थी। सांसद ने कहा कि पूज्य महाराज जी सदैव इस क्षेत्र के अनन्य मित्र रहे हैं। महाराज ने हमारे भाषा पहचान आंदोलन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 11 मार्च 1985 को उन्होंने सिलीगुड़ी के गांधी मैदान से दार्जिलिंग और पश्चिम बंगाल के सिक्किम तक 250 किलोमीटर लंबा ‘जन जागरण वॉक’ शुरू किया, जिसने संविधान की आठवीं अनुसूची पर नेपाली भाषा तक पहुँचने के आंदोलन के समर्थन में एक बड़ी धुन लगाई। मानव धर्म के कार्यों के माध्यम से महाराज ने हमारे क्षेत्र और जाति के सामाजिक और राजनीतिक विकास में सक्रिय रूप से योगदान दिया है।इस सभा में आमंत्रित कर उपस्थित जनसमूह के साथ अपने विचार रखने का मौका देने के लिए महाराज एवं भक्तों का मैं अत्यंत आभारी हूँ।
सनातन कभी खत्म नहीं हो सकता, सनातन को खत्म करने की साजिशों से हमें सजग रहना होगा: सतपाल महाराज
सनातन कभी खत्म नहीं हो सकता, सनातन को खत्म करने की साजिशों से हमें सजग रहना है। जैसे प्रसाद के लड्डूओं में मिलावट करके सनातनी संस्कृति पर आघात किया जा रहा है। मगर फिर भी सनातन को कोई मिटा नहीं सकता। दीनदयाल मेले के प्रथम दिन सद्भावना सम्मेलन में बोलते हुये संत एवं उत्तराखण्ड सरकार के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि हम सभी को सद्भावना की जरुरत है। इजराइल, यूक्रेन में लडाई हो रही है हथियार खरीदे जा रहे हैं मगर इससे किसी का भला नहीं होगा। हमें पूरे संसार को सद्भावना के रास्ते पर लाना पडेगा। स्वामी विवेकानन्द का जिक्र करते हुये कहा कि उन्होनें अमेरिका के लोगों को अपना बनाते हुये उनको भाइयों बहिनों कहकर सम्बोधित किया था। हमारे महापुरुषों ने भी देश के साथ पूरे विश्व में सद्भावना का पाठ पढाया।
कौन है सतपाल महाराज : सतपाल सिंह रावत को सतपाल महाराज के रूप में भी जाना जाता है। सतपाल महाराज का जन्म 21 सितंबर 1951 को कनखल (उत्तराखंड के हरिद्वार का एक कॉलोनी) में हुआ। वह प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु योगीराज परमंत श्री हंस और राजेश्वरी देवी के बेटे हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य हैं। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के लिए भारत की संसद (15वीं लोक सभा) के निचले सदन के सदस्य भी थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और 2014 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। वर्तमान में, वह उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री हैं। 2014 तक, सतपाल महाराज मानव उत्थान सेवा समिति के प्रमुख रहे और “ज्ञान” (नॉलेज) नामक मेडिटेशन तकनीक सिखाने का भी काम किया। इस आंदोलन के तहत दुनिया भर में कई जगहों के छात्रों के साथ ही आश्रम जुड़े, जिसका मुख्य कार्यालय भारत में है। ऐसा दावा है कि इससे लाखों सदस्य जुड़े हैं और हरिद्वार के मुख्य आश्रम में नियमित तौर पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें 100,000 या उससे अधिक लोग शामिल होते हैं।