मोदी ने जीत लिया लोगो का दिल, बजट ऐसा हर कोई बोले यह तो हमारा है
अशोक झा, नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर पारंपरिक ‘बही-खाता’ शैली की थैली में लिपटे एक डिजिटल टैबलेट के जरिए शनिवार को अपना लगातार आठवां बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट विकास की रफ्तार बढ़ाने, समग्र विकास करने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने, घरेलू संवेदनाओं को मजबूत करने और मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने की कोशिशों का हिस्सा है।बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 100 प्रतिशत करने का एलान: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाएगा। वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने करदाताओं की सुविधा के लिए कई सुधारों को लागू किया है, जिसमें ‘फेसलेस’ मूल्यांकन भी शामिल है। सीतारमण ने सरकार द्वारा करदाताओं के लिए ‘चार्टर’ लाने, ‘रिटर्न’ प्रक्रिया में तेजी लाने और करीब 99 प्रतिशत आयकर ‘रिटर्न’ स्व-मूल्यांकन पर आधारित होने का भी उल्लेख किया।36 जीवन रक्षक दवाओं पर लगने वाला सीमा शुल्क खत्म करने का एलान
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग की जाने वाली 36 जीवन रक्षक दवाओं पर लगने वाले बुनियादी सीमा शुल्क को पूरी तरह से हटाने का प्रस्ताव किया है। इससे अब कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का सस्ता इलाज हो पाएगा। इसके अलावा बजट में कुछ जीवन रक्षक दवाओं पर लगने वाले टैक्स को 5 प्रतिशत तक घटाने का प्रस्ताव दिया गया है। नए स्वामी कोष-2 की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को रुकी हुई आवास परियोजनाओं में एक लाख इकाइयों को पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के नए ‘स्वामी’ कोष की घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य उन घर खरीदारों को राहत देना है, जिनके निवेश अटके हुए हैं। केंद्र ने नवंबर 2019 में देश में रुकी हुई आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ‘किफायती और मध्यम आय वाले आवास के लिए विशेष खिड़की’ (स्वामी) नाम से एक कोष की घोषणा की थी।अद्यतन आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाकर चार साल करने का बजट प्रस्ताव
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को किसी भी आकलन वर्ष के लिए अद्यतन आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाने की घोषणा की। आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा को मौजूदा दो साल से बढ़ाकर चार साल करने का प्रस्ताव वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में रखा गया है। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में उन मामलों में शिक्षा के उद्देश्यों के लिए भेजे गए धन के लिए टीसीएस (स्रोत पर एकत्रित कर) की छूट का भी प्रस्ताव रखा, जहां शिक्षा ऋण कुछ निर्दिष्ट वित्तीय संस्थानों से लिया गया हो। सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ परमाणु ऊर्जा मिशन की घोषणा की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ परमाणु ऊर्जा मिशन की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करते हुए सीतारमण ने प्रौद्योगिकी अनुसंधान के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और आईआईएससी में अगले पांच साल में 10,000 फेलोशिप शुरू करने की भी घोषणा की। इसके अलावा, वित्त मंत्री ने एक राष्ट्रीय स्थानिक मिशन स्थापित करने और पांडुलिपि विरासत के सर्वेक्षण, प्रलेखन और संरक्षण के लिए ज्ञान भारत मिशन स्थापित करने का प्रस्ताव रखा।पिछले साल फरवरी में सरकार ने 13,800 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 18 और परमाणु ऊर्जा रिएक्टर जोड़ने की घोषणा की थी, जिससे ऊर्जा मिश्रण में परमाणु ऊर्जा का कुल हिस्सा वर्ष 2031-32 तक 22,480 मेगावाट हो जाएगा।
जहाज विनिर्माण के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क की छूट 10 साल और जारी रहेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को जहाजों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं और कलपुर्जों पर सीमा शुल्क में छूट को अगले 10 साल के लिए जारी रखने की घोषणा की।
वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए उन्होंने इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर मूल सीमा शुल्क को दोगुना करके 20 प्रतिशत करने की भी घोषणा की।सीतारमण ने हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक योजना की भी घोषणा की।
सरकार ने पर्यावरण मंत्रालय का बजट नौ प्रतिशत बढ़ाया
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में पर्यावरण मंत्रालय को 3,412.82 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो 2024-25 के 3,125.96 करोड़ रुपये से नौ प्रतिशत अधिक है। बजट में पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण और वन क्षेत्र के विस्तार के लिए अधिक धनराशि आवंटित की गई है।
वन क्षेत्र का विस्तार करने, मौजूदा वनों की रक्षा करने और जंगल की आग को रोकने के लिए काम करने वाले ‘नेशनल मिशन फॉर ए ग्रीन इंडिया’ को 2025-26 में 220 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पिछले साल के 160 करोड़ रुपये से अधिक है। प्राकृतिक संसाधन और पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण के लिए वित्त पोषण भी 30 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
जैव विविधता संरक्षण के लिए बजट को 3.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो लगभग तीन गुना बढ़ोतरी है। सरकार ने जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए 35 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो 2024-25 में 23.5 करोड़ रुपये से अधिक है। ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ और ‘प्रोजेक्ट एलीफेंट’ के लिए वित्त पोषण को 245 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 290 करोड़ रुपये कर दिया गया है।