महाकुंभ 2025: सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल, परिंदा भी नहीं मार सकेगा पर

वीआईपी इंट्री नहीं, नो-व्हीकल जोन किया है घोषित

 

– कैसे ही रही है आने वाले भक्तों की गिनती, कुंभ में आए भक्तों ने दी जानकारी

अशोक झा, प्रयागराज : महाकुंभ 2025 में इस बार भीड़ को देखते हुए मौनी अमावस्या की रात हुई भगदड़ के कारण मुख्यमंत्री योगी ने महाकुंभ मेले की मानीटरिंग और तगड़ी कर दी है। उन्होंने महाकुंभ सकुशल संपन्न कराने के लिए अधिकारियों की पूरी फौज उतार दी है। सुरक्षा को और सख्त किया गया हैं। अब मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी प्रकार के वाहनों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। यहां तक कि VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं। आइए जानते हैं महाकुंभ में प्रवेश और यातायात व्यवस्था से जुड़ी सभी अहम बातें। महाकुंभ नो-व्हीकल जोन: अब पैदल ही करना होगा प्रवेश प्रशासन ने मेला क्षेत्र में ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। श्रद्धालुओं को पैदल ही संगम तक जाना होगा। वाहन केवल शहर के बाहरी हिस्सों में पार्किंग में खड़े किए जा सकेंगे, जो संगम से 10-15 किमी दूर स्थित हैं। बसंत पंचमी पर ट्रैफिक डायवर्जन: प्रयागराज डीएम के अनुसार 2 और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को भारी भीड़ को देखते हुए विशेष ट्रैफिक प्लान लागू रहेगा। 2, 3 और 4 फरवरी को मेला क्षेत्र में किसी भी वाहन की एंट्री नहीं होगी। बसंत पंचमी पर पार्किंग व्यवस्था: कौन से मार्ग पर कहां मिलेगा स्थान? अगर आप वाहन से प्रयागराज आ रहे हैं, तो यहां देखें किस मार्ग पर कहां पार्किंग मिलेगी:जौनपुर मार्ग – चीनी मिल झूंसी, गारापुर रोड पार्किंग। वाराणसी मार्ग – शिवपुर उस्तापुर पटेल बाग, कान्हा मोटर्स पार्किंग। कानपुर, लखनऊ मार्ग – बेली कछार, बेला कछार पार्किंग। मिर्जापुर मार्ग – देवरख उपरहार, सरस्वती हाईटेक पार्किंग। रीवां और बांदा राजमार्ग- चाका गांव, नवप्रयागम, एग्रीकल्चर महेवा के पास पार्किंग। कौशांबी मार्ग – नेहरू पार्क, एयरफोर्स मैदान पार्किंग।कहां की ट्रेन कहां से मिलेगी? विंध्याचल, मिर्जापुर, चुनार: नैनी, प्रयागराज जंक्शन से ट्रेनें मिलेंगी। कानपुर, सिराथू, फतेहपुर: प्रयागराज जंक्शन से ट्रेनें मिलेंगी। जबलपुर, सतना, झांसी: प्रयागराज जंक्शन, नैनी और छिवकी स्टेशन से ट्रेनें मिलेंगी। लखनऊ, अयोध्या कैंट: प्रयाग और फाफामऊ स्टेशन से ट्रेनें मिलेंगी। वाराणसी, गोरखपुर: रामबाग और झूंसी स्टेशन से ट्रेनें मिलेंगी। ट्रेन और एयरपोर्ट से कैसे पहुंचे महाकुंभ? अगर आप ट्रेन या फ्लाइट से आ रहे हैं, तो यहां से आपको मेला क्षेत्र तक पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करनी होगी। प्रयागराज के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से संगम की दूरी प्रयागराज जंक्शन – 12 किमी संगम प्रयाग – 6 किमी प्रयाग स्टेशन – 7 किमी दारागंज – 3 किमी रामबाग – 8 किमी नैनी – 12 किमी सूबेदारगंज – 15 किमी फाफामऊ – 8 किमी छिवकी – 16 किमी । एयरपोर्ट से कैसे पहुंचे? बम्हरौली एयरपोर्ट से कार या ऑटो के जरिए आप मेला क्षेत्र के बाहरी हिस्से तक आ सकते हैं। यहां से 4-5 किमी पैदल चलना होगा। 5. श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण निर्देश और निष्कर्ष VVIP पास पूरी तरह से रद्द कर दिए गए हैं। संगम तक जाने के लिए वन-वे ट्रैफिक लागू किया गया है। श्रद्धालु अपने साथ राशन और अन्य आवश्यक सामान पैदल ही ला सकते हैं।मेला क्षेत्र तक पहुंचने के लिए लोकल वाहन कहां मिलेंगे: ओला, रैपिडो, ई-रिक्शा और निजी वाहन शहर में चल रहे हैं। बसें नहीं चल रही हैं। अधिक भीड़ होने के कारण वाहन सीमित उपलब्ध हैं। संगम घाट तक नावों की अनुमति दी गई है। मंदिरों में दर्शन के लिए सामान्य प्रवेश खुला रहेगा, लेकिन बसंत पंचमी पर रोक रहेगी।महाकुंभ 2025 में बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कड़े ट्रैफिक नियम लागू किए हैं। स्नान पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं को पैदल ही आना होगा। इसलिए यात्रा से पहले योजना बनाना जरूरी है ताकि किसी भी असुविधा से बचा जा सके।इसके लिए सर्वाधिक निर्भरता एआई यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर है। एआई के सहयोग से महाकुंभनगर में आने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर आभासी रेखा खींची गई है और यहीं एआई कैमरों को इस तरह से इंस्टॉल किया गया है कि रेखा पार करते ही श्रद्धालु की गिनती हो जाए। यह विशिष्ट कैमरा केवल श्रद्धालुओं का हेड काउंट ही नहीं करता बल्कि उनकी तस्वीर भी अपने डेटाबेस में संग्रहीत कर लेता है।इससे यह लाभ होता है कि अगर उक्त व्यक्ति की तस्वीर कहीं किसी दूसरे कैमरे में कैप्चर हो तो सॉफ्टवेयर उसे पहचान लेगा और एक ही तस्वीर की अलग-अलग गिनती को छांट देगा ताकि गणना वास्तविकता के अधिक से अधिक करीब हो।और भी तरीके अपनाए जा रहेगणना के लिए और भी तरीके अपनाए जा रहे हैं। मोबाइल कंपनियों के टावर के बीटीएस (बेस ट्रांसीवर स्टेशन) से भी डाटा उठाते हैं और इनके संयोजन को भी आंकड़ों के सही अनुमान के लिए उपयोग में लेते हैं।महाकुंभ में बने इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर में सभी डाटा का संकलन कर अंतिम संख्या तय की जाती है। इस बार महाकुंभ में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है। अब तक 17 दिनों में लगभग 28 करोड़ श्रद्धालु आ चुके हैं। सबसे ज्यादा भीड़ मौनी अमावस्या के दो दिनों में लगभग 13 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे हैं।यह दुनिया का सबसे बड़ा हेड काउंट हो रहा है, जो कीर्तिमान होगा। श्रद्धालुओं की काउंटिंग और ट्रैकिंग के लिए मेला क्षेत्र के अंदर 200 स्थानों पर लगभग 744 अस्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जबकि शहर के अंदर 268 स्थानों पर 1107 स्थायी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
सौ से अधिक पार्किंग स्थलों पर 720 सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर के अलावा पुलिस लाइन कंट्रोल रूम व अरैल एवं झूंसी क्षेत्र में भी व्यूइंग सेंटर हैं, जहां से श्रद्धालुओं की मॉनिटरिंग की जा रही है।टर्नअराउंड साइकिल तकनीक भी महत्वपूर्ण: मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि हेड काउंट में एक श्रद्धालु की बार-बार गिनती न हो, इसके लिए टर्नअराउंड साइकिल तकनीक है। घाट क्षेत्र में एक तीर्थयात्री द्वारा औसतन लिया गया समय टर्नअराउंड साइकिल माना गया है।टर्नअराउंड समय निर्धारित तीन विधियों के माध्यम से प्राप्त सैंपल्स का औसत आंकड़ा होता है। इसमें पहला एट्रिब्यूट आधारित खोज है, जिसके तहत पर्सन एट्रिब्यूट सर्च कैमरों के आधार पर ट्रैकिंग की जाती है। दूसरा आरएफआईडी रिस्ट बैंड पर आधारित है, जिसमें प्रमुख स्नान के साथ-साथ महाकुंभ में प्रत्येक दिन आने वाले श्रद्धालुओं को रिस्ट बैंड दिया जाता है। रिस्ट बैंड को ट्रैक किया जाता है, जिससे पता चल जाता है कि तीर्थयात्री ने मेला क्षेत्र में कितना समय बिताया, कितनी देर वह अंदर रहा और कितनी देर बाहर रहा। तीसरी विधि मोबाइल एप के द्वारा ट्रैकिंग होगी, जिसमें तीर्थयात्रियों की सहमति पर मोबाइल एप के जीपीएस लोकेशन के जरिए लोकेशन ट्रैकिंग की जा रही है। अत्यधिक भीड़ घनत्व निगरानी प्रणाली है एल्गोरिदम। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत और आईजी रेंज प्रेम कुमार ने आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों की टीम की मदद से एल्गोरिदम भीड़ घनत्व निगरानी प्रणाली विकसित की है। यह एक ऐसी प्रणाली है जो वास्तविक समय में भीड़ के दृश्यों वाले छवि संकेतों का विश्लेषण और प्रसंस्करण करने के लिए कंप्यूटर विजन तकनीक का उपयोग करती है। भीड़ घनत्व का पता लगाने में मुख्य रूप से गति का पता लगाना और घनत्व का अनुमान लगाना शामिल है।

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