एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से भारत को मिलेगी स्थिरता: डॉ. सुधांशु त्रिवेदी

*बीएचयू में संगोष्ठी, कहा— बार-बार चुनाव से विकास कार्य होते हैं बाधित*
**************************
*पीएम मोदी की सरकार ने देश में दी स्थिरता, भारत आगे बढ़ रहा है*
**************************
वाराणसी, 27 फरवरी:– भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश की दीर्घकालिक स्थिरता, विकास और प्रशासनिक दक्षता के लिए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ आवश्यक है।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने जब लोकतंत्र की संकल्पना की, तब एक साथ चुनाव कराने का ही निर्णय लिया था। 1952 से 1967 तक देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन बाद में यह प्रक्रिया बाधित हो गई। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं, प्रशासनिक कार्यों में बाधा आती है और आर्थिक संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
उन्होंने कहा, “96-97-98 में हुए चुनावों के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि लोकतंत्र की धड़कन चुनाव है, लेकिन यदि धड़कन बहुत तेजी से हो तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।” इसी तर्ज पर आज भी हर साल चुनाव कराना देश के आर्थिक और प्रशासनिक संसाधनों पर भारी पड़ता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि भारत को वैश्विक शक्ति बनाना है तो हमें दीर्घकालिक योजनाओं पर ध्यान देना होगा, जो बार-बार होने वाले चुनावों से संभव नहीं हो पातीं।
उन्होंने कहा कि 1989 से 2014 तक देश में राजनीतिक अस्थिरता थी, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्थिर सरकार बनी, जिसने राष्ट्रहित और जनहित में ऐतिहासिक निर्णय लिए। उन्होंने बताया कि इस बार के केंद्रीय बजट में कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे स्पष्ट है कि भारत वैश्विक स्तर पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
डिजिटल इंडिया और आर्थिक सुधारों पर जोर
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि जब मोदी सरकार ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की बात की, तब पी. चिदंबरम ने कहा था कि भारत के लोग कम पढ़े-लिखे हैं, इसलिए यह व्यवस्था सफल नहीं होगी। लेकिन आज भारत ने अमेरिका और चीन को भी डिजिटल लेन-देन में पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जन धन योजना के तहत 54 करोड़ खाते खुलवाए, जिनमें 2 लाख करोड़ रुपये गरीबों के जमा हैं।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से मिलेगा देश को लाभ
उन्होंने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से देश को कई बड़े लाभ होंगे। संपूर्ण देश में एक साथ चुनाव होने से प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी। एक प्रतिशत से अधिक जीडीपी की बचत होगी। इंफ्लेशन दर में कमी आएगी। राजनीतिक प्रतिस्पर्धा स्वस्थ होगी और जात-पात की राजनीति में कमी आएगी। चुनाव खर्च में कटौती होगी और जनता के धन का सही उपयोग होगा। राजनीति में स्थिरता आने से दीर्घकालिक विकास योजनाओं को गति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि “विपक्षी दल हर नयी व्यवस्था का विरोध करते आए हैं, चाहे वह डिजिटल इंडिया हो, जीएसटी हो या अब ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’। लेकिन भारत अब ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की दिशा में बढ़ चुका है।”
पूर्व सरकारों ने ‘बांटो और राज करो’ की नीति अपनाई
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने ‘बांटो और राज करो’ की नीति अपनाकर जात-पात और ऊंच-नीच की राजनीति को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा, “हमें स्वराज 1947 में मिला था, लेकिन हम वास्तव में स्वतंत्र नहीं हुए थे। क्योंकि भारत पर विदेशी प्रभाव हावी था। हमारे समाज में मैकाले और मार्क्स का जहर घोल दिया गया ताकि हम कभी एकजुट होकर आगे न बढ़ सकें।”
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जब सत्ता संभाली, तब करोड़ों लोगों के बैंक खाते तक नहीं थे। लेकिन आज हर गरीब के पास जन धन खाता है, जिसमें सीधे सरकारी लाभ पहुंच रहा है। अब गरीब को 15 पैसे नहीं, बल्कि पूरे 100 पैसे मिल रहे हैं।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को हर हाल में लागू करेगी मोदी सरकार
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि मोदी सरकार जो ठान लेती है, उसे हर हाल में पूरा करती है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार दृढ़ संकल्पित है और इसे लागू कर देश को एक नई दिशा देगी।
इस अवसर पर बिहार और मेघालय के पूर्व राज्यपाल फागू चौहान ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की। उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को देश की जरूरत बताया और कहा कि इससे विकास को गति मिलेगी और राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित होगी।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्य अतिथि डॉ सुधांशु त्रिवेदी द्वारा बीएचयू के संस्थापक पं मदन मोहन मालवीय के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया एवं कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान हुआ।
प्रदेश महामंत्री एवं एमएलसी अनुप गुप्ता,भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा एवं महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने मंचासिन अतिथियों का पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्रम एवं मोमेंटो देकर स्वागत व अभिनंदन किया।
विषय प्रस्तावना काशी मंथन के संस्थापक डा मयंक नारायण सिंह ने रखा।
संचालन कार्यक्रम संयोजक अशोक चौरसिया ने किया।
*इनकी रही उपस्थिति*
*********************
भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं एमएलसी अनुप गुप्ता, भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पूनम मोर्या, महापौर अशोक तिवारी, काशी मंथन के संस्थापक डा मयंक नारायण सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष मनीष कपूर, पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह, डॉ विरेंद्र प्रताप सिंह,क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी, सह मीडिया प्रभारी संतोष सोलापुरकर, राकेश शर्मा, सुदामा पटेल, अनिल श्रीवास्तव, नंद जी पांडेय, देवेन्द्र मोर्या, शैलेन्द्र मिश्रा, निर्मला सिंह पटेल, नम्रता चौरसिया, गीता शास्त्री, नवीन कपूर, जगदीश त्रिपाठी, सुरेश सिंह, संजय सोनकर, प्रवीण सिंह गौतम, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।