यूएई में फांसी देने के बाद बांदा की शहजादी सुपुर्दे-खाक

बेटी के आखिरी दीदार के लिये तड़पते रहे परिजन

बांदा। बुन्देलखंड के बांदा जिले की रहने वाली 33 वर्षीय शहजादी को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में 15 फरवरी को फांसी दे दी गई। इसके बाद UAE मे ही 5 मार्च बुधवार को उसके शव को सुपुर्दे खाक कर दिया गया”।हालांकि, शहजादी के पिता शब्बीर खान ने सरकार से अपील की थी कि उनकी बेटी का शव भारत लाने में मदद की जाए। ताकि वे आखिरी बार उसका दीदार कर सकें। परन्तु तमाम कोशिसों के बावजूद ऐसा नहीं हो सका।
बांदा के गोयरा मुगली गांव के रहने वाले शहजादी के पिता शब्बीर खान का कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी की जान बचाने के लिए हर संभव कोशिश की। उन्होंने सरकार से मदद मांगी। यहां तक कि दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। 14 फरवरी को जब उन्होंने भारतीय दूतावास (Indian Embassy) से संपर्क किया, तो उन्हें लिखित में जानकारी देने को कहा गया। बाद में, 28 फरवरी को दूतावास को शहजादी की फांसी की सूचना मिली। 2 मार्च को दूतावास ने यह जानकारी परिवार को दी। UAE सरकार ने शहजादी का शव भारत भेजने से साफ इनकार कर दिया था। परन्तु यह कहा था कि परिवार के लोग चाहे तो वहां जाकर अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते है।

कैसे फंसी शहजादी

शहजादी पर एक 4 महीने के बीमार बच्चे की हत्या का आरोप था। जिसकी वजह से वह पिछले दो साल से अबू धाबी की जेल में बंद थी। कोर्ट ने चार महीने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन, इस पूरी घटना की जड़ें 2021 में जुड़ीं, जब उसे एक साजिश के तहत दुबई भेजा गया। गोयरा मुगली गांव की शहजादी पहले बांदा की एक सामाजिक संस्था ‘रोटी बैंक’ में काम करती थी। फेसबुक के जरिए उसकी पहचान आगरा के रहने वाले उजैर से हुई। जिसने झूठ बोलकर उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया।
बताते हैं कि बचपन में हुए एक हादसे के कारण शहजादी के चेहरे का एक हिस्सा झुलस गया था। उजैर ने उसका विश्वास जीतने के लिए कहा कि वह उसका चेहरा ठीक करवाएगा। इसके बाद, नवंबर 2021 में इलाज के बहाने उजैर ने उसे दुबई भेज दिया, जहां उसने अपने एक कथित रिश्तेदार फैज और नादिया नाम के दंपति को बेच दिया। शहजादी को वहां बंधक बनाकर रखा गया और कई बार प्रताड़ित किया गया। वह भारत लौटना चाहती थी, लेकिन उसे इसकी अनुमति नहीं दी गई।

हत्या का आरोप और जेल यातना
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फैज और नादिया को एक 4 महीने का बच्चा था, जो गंभीर रूप से बीमार था। दुर्भाग्यवश, बच्चे की मौत हो गई, और इसका इल्जाम शहजादी पर लगा दिया गया। उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुना दी।
फांसी से एक दिन पहले, 14 फरवरी की रात को, शहजादी ने अपने माता-पिता से आखिरी बार बात की। उसने कहा-
“यह मेरी आखिरी कॉल है। अब कोर्ट-कचहरी के चक्कर में मत पड़ना। कैप्टन आए थे, उन्होंने बताया… टाइम नहीं है मेरे पास। हमें दूसरे रूम में रख दिया गया है। दो साल से आप लोगों को नहीं देखा है। हम पर कोई कर्ज नहीं है। आप लोग बिल्कुल टेंशन मत लेना। हमारे साथ तो वैसे भी बहुत एक्सीडेंट हुए हैं। एक आखिरी एक्सीडेंट और हो रहा है, फिर कोई एक्सीडेंट नहीं होगा।” यह सुनकर शहजादी के माता-पिता रोते रहे और अपनी बेटी से माफी मांगते रहे।

“बेटी को नहीं बचा सके”-शब्बीर

शहजादी के पिता शब्बीर ने बताया कि जब वह 8 साल की थी, तब खाना बनाते समय उसके चेहरे पर खौलता पानी गिर गया था। जिससे उसके आत्मविश्वास में कमी आ गई थी। वह हमेशा अपने चेहरे के निशान को हटवाना चाहती थी, लेकिन इसके चलते उसे धोखा मिला और उसकी जान चली गई।परिवार केवल इतना चाहता था कि कम से कम उनकी बेटी का शव उन्हें मिल जाए, ताकि वे आखिरी बार उसे देख सकें और उसे अपने देश की मिट्टी में दफना सकें। लेकिन UAE सरकार ने इसके लिए भी मना कर दिया। जिससे शहजादी के परिजनों का दर्द और बढ़ गया है। शब्बीर ने बताया कि बुधवार को शहजादी के शव को UAE मे सुपुर्दे खाक कर दिया गया है।

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