गाजीपुर सिटी – सोनेवल (ताड़ीघाट) नई रेल लाइन का रेल संरक्षा आयुक्त उत्तर पूर्वी सर्किल द्वारा संरक्षा निरीक्षण
वाराणसी ; रेल प्रशासन द्वारा यात्री सुविधाओं के उन्नयन एवं परिचालन सुगमता हेतु मूलभूत ढाँचे में विस्तार के क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के गाजीपुर सिटी – सोनेवल (ताड़ीघाट)(7.28 किमी) खण्ड के नई लाइन निर्माण एवं विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण होने के पश्चात आज 17 जून,2023 को मोहम्मद लतीफ खान रेल संरक्षा आयुक्त उत्तर पूर्वी सर्किल द्वारा संरक्षा निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी इंजीनियर(निर्माण) श्री एस सी श्रीवास्तव,रेल विकास निगम लिमिटेड के मुख्य परियोजना प्रबंधक श्री विकास चन्द्रा,अपर मंडल रेल प्रबंधक(इंफ्रास्ट्रक्चर) श्री राहुल श्रीवास्तव,मुख्य इंजीनियर/निर्माण श्री आर के बाजपेई,मुख्य विद्युत इंजीनियर सामान्य श्री वी के यादव, मुख्य सिगनल इंजीनियर श्री नीरज गुप्ता,महाप्रबंधक/विद्युतीकरण/ रेल विकास निगम लिमिटेड श्री पियूष सिंह,वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक श्री ए पी सिंह,वरिष्ठ मंडल इंजीनियर-2 श्री सत्यम सिंह, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (सामान्य) श्री पंकज केशरवानी वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (कर्षण) श्री आर एन सिंह, वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजिनियर श्री रजत प्रिय समेत रेल विकास निगम लिमिटेड के इंजीनियर/कर्मचारी एवं वाराणसी मंडल के वरिष्ठ पर्यवेक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
रेल संरक्षा आयुक्त मोहम्मद लतीफ खान ने अपने निरीक्षण का आरंभ गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन से किया । सी आर एस स्पेशल ट्रेन से गाजीपुर सिटी पहुँचने के बाद रेल संरक्षा आयुक्त ने गाजीपुर सिटी स्टेशन के पैनल रूम,आई पी एस रूम,रिले रूम एवं बैटरी रूम समेत गाजीपुर सिटी-सोनेवल लाइन को जोड़ने वाली लाइन सं-1 का संरक्षा निरीक्षण किया । तदुपरांत मोटर ट्राली से गाजीपुर सिटी – सोनेवल रेल खण्ड पर नवनिर्मित बड़ी लाईन का निरीक्षण करते हुए किमी सं-24/578 पर सोनेवल इंड के ट्रेलिंग पॉइंट संख्या- वाले पॉइंट्स सं-226 A एवं 223 पर पहुँचे पॉइंट क्रासिंग एवं गेज टेस्टींग के बाद स्विच एक्स्टेन्शन जॉइंट सं-01 का गहन निरीक्षण किया । इसके बाद संरक्षा आयुक्त किमी सं-23/225 पर स्थित रेलवे फाटक सं-27 का संरक्षा निरीक्षण किया गेट मैन से संरक्षा सम्बंधित प्रश्न पूछा उत्तर से संतुष्ट हुए, इसके साथ ही उन्होंने समपार फाटक पर सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के निमित्त संरक्षा परखी । तदुपरांत संरक्षा आयुक्त किमी सं-22/6 से 21/1 तक बने मेजर ब्रिज सं-19 पर पहुँचे और ब्रिज के फाउंडेशन,अप्रोच,गर्डर,स्पैन, फिटिंग्स तथा अनुरक्षण हेतु आवश्यक व्यवस्थाओं का संरक्षा निरीक्षण किया । इसके पश्चात रेल संरक्षा आयुक्त मऊ-ताड़ीघाट नई रेल लाइन परियोजना को मूर्त करने वाली गंगा नदी पर नवनिर्मित महत्वपूर्ण रेल सह सड़क पर पुल किमी सं-21/1 से 20/1 तक लगभग एक किलोमीटर लम्बे मेजर ब्रिज सं-18 पर पहुँचे और ब्रिज के सभी स्पैनों , लाइन एवं ओवर हेड फिटिंगस,सभी पिलरों के फाउंडेशन,विद्युत पोलो की फिटिंग्स एवं पर्याप्त क्लियरेंस,पुल के पेट्रोलिंग एवं अनुरक्षण हेतु वाक पाथ व प्लेटफार्म का निरीक्षण किया और संरक्षा परखी । इसके बाद उन्होंने किमी सं-20/103 पर स्थित स्विच एक्सटेंसन जॉइंट सं-15 का संरक्षा निरीक्षण किया ।
निरीक्षण के दूसरे चरण में रेल संरक्षा आयुक्त मोटर ट्राली से रेल खण्ड का निरीक्षण करते हुए किमी सं-20/0 से 19/4 के मध्य पड़ने वाले कर्व सं-7 के इन्डेन्ट का मापन करते हुए किमी सं-19/4 -18/9 पर मेजर ब्रिज सं-17 के RCC कंक्रीट बॉक्स का निरीक्षण किया और संरक्षा के सभी मानदंड की जाँच की । निरीक्षण के अंतिम चरण में उन्होंने किमी सं-18/5-10 पर स्थित रेल अंडर ब्रिज सं-16 का संरक्षा निरीक्षण किया और रेल परिवहन के साथ साथ सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की ।
अपने निरीक्षण के दौरान रेल संरक्षा आयुक्त ने गाजीपुर सिटी -ताड़ीघाट ब्लॉक सेक्शन के ट्रैक्शन एवं ओवर हेड लाइन क्रासिंग का परिमापन किया और ट्रैक्शन लाइन से हाई टेंशन पॉवर लाइन की मानक दूरी सुनिश्चित की । निरीक्षण के क्रम में उन्होंने इस रेल खण्ड पर पड़ने वाले समपार फाटकों पर विद्युतीकरण के अनुरूप किए गए बदलाव का निरीक्षण किया और संरक्षा में उपयोगी सेफ्टी उपकरणों की जाँच की साथ ही गेट मैंनों का संरक्षा ज्ञान परखा । इस खण्ड के रेलवे क्रासिंगों पर चेतावनी बोर्ड एवं हाइट गेजों का संस्थापन भी सुनिश्चित किया ।
इस परियोजना पहला चरण पूर्ण हो जाने से पूर्वाचल क्षेत्र, विशेषकर गाज़ीपुर परीक्षेत्र में नए व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे इस क्षेत्र के विकास को और अधिक गति मिलेगी। गाजीपुर जिले से कोलकाता, गोरखपुर तथा देश के अन्य प्रमुख वाणिज्यिक शहरों तक आम जनता की पहुंच बढ़ेगी तथा व्यापार केन्द्रों तक जाने-आने के समय में भी काफी बचत होगी। मेन लाइन कोलकाता- पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रेल खण्ड का ट्रैफिक, जो कि भारी यातायात के दबाव के कारण प्रायः धीमी गति से चलता है, को बाइपास करके सीधा गंगा नदी के उत्तर में पूर्वाचल क्षेत्र उत्तर प्रदेश में पहुंचाया जा सकेगा। इससे दिल्ली-कोलकाता मेन लाइन के ट्रैफिक को कम करने में भी बहुत मदद मिलेगी। यह कार्य संपन्न होने से किसी भी दिशा से आने वाली रेलगाड़ी के इंजन को आसानी से किसी भी रैक के साथ न्यूनतम समय में जोड़कर गाड़ी को गंतव्य स्टेशनों के लिए रवाना किया जा सकेगा। उक्त नई लाइन गाजीपुर जिले के अलग पड़े क्षेत्रों को एक छोटा, सुविधाजनक और बेहतर परिवहन ढांचा प्रदान करेगा जो एक तरफ परिवहन कठिनाइयों को दूर करेगा और दूसरी तरफ जलप्लावन क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा भी देगा । इसके अलावा और वैकल्पिक बीजी रूट उत्तर और पूर्व मध्य रेलवे सिस्टम को एन.ई. रेलवे के माध्यम से जुड़कर ईस्टर्न कॉरिडोर में डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर से आने वाली मालगाड़ियों के संचलन के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
समाचार जारी होने तक इस खण्ड पर स्पीड ट्रॉयल नहीं हुआ है।