गीता प्रेस को मिला महात्‍मा गांधी शांति पुरस्‍कार सीएम योगी ने दी बधाई

 गीता प्रेस को मिला महात्‍मा गांधी शांति पुरस्‍कार सीएम योगी ने दी बधाई

 

हिंदू धार्मिक ग्रंथों का दुनिया का सबसे बड़ा प्रकाशक गीता प्रेस को 2021 का महात्‍मा गांधी शांति पुरस्‍कार मिलेगा।  प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता वाली जूरी ने इसका फैसला लिया है। केंद्रीय संस्‍कृति मंत्रालय के अनुसार गीता प्रेस को अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से बदलाव की दिशा में प्रयास के लिए चुना गया है। गीता प्रेस ने इसी साल 100 साल पूरे किए हैं। सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने गीता प्रेस को मिले इस सम्‍मान के लिए शुभकामनाएं दी हैं

गीता प्रेस भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर शहर में स्थित है । इसकी स्थापना 1923 में सनातन धर्म के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए जया दयाल गोयंका और घनश्याम दास जालान ने की थी । हनुमान प्रसाद पोद्दार, जिन्हें “भाईजी” के नाम से जाना जाता है, इसकी प्रसिद्ध पत्रिका के संस्थापक और आजीवन संपादक थे, जिन्होंने अपने कलम नाम “शिव”, कल्याण के साथ लेख भी लिखे ।

राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की 125 वीं जयंती के मौके पर उनके द्वारा बनाए आदर्शों को श्रद्धांजलि के रूप में गांधी शांति पुरस्‍कार दिया जाता है। यह 1995 में भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है। राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग के भेदभाव के बिना गांधी शांति पुरस्कार किसी को भी दिया जा सकता है। इसके तहत एक करोड़ रुपये की राशि और एक प्रशस्ति पत्र के साथ और भी कई चीजें दी जाती हैं। गीता प्रेस को वर्ष 2021 का ‘गांधी शांति पुरस्कार’ प्राप्त होने पर सीएम योगी ने  हृदय से बधाई। स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर मिला यह पुरस्कार गीता प्रेस के धार्मिक साहित्य को एक नई उड़ान देगाइसके पिछले पुरस्कार विजेताओं में रामकृष्‍ण मिशन, इसरो, बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक, कन्‍याकुमारी, विवेकानंद केंद्र, अक्षय पात्र, बेंगलुरु, भारत और सुलभ इंटरनेशनल, नई दिल्ली, एकल अभियान ट्रस्‍ट जैसे संगठन शामिल रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार 14 मई 2022 से गीता प्रेस अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। अभी तक 80 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्‍तकों का प्रकाशन हो चुका है।  यहां से कई धार्मिक पुस्‍तकों के अलावा रामायण, महाभारत और पुराण का प्रकाशन किया जाता है। कल्‍याण पत्रिका का भी 96 वर्षों से लगातार प्रकाशन हो रहा है। इसकी 15 करोड़ से अधिक प्रतियां अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं। वर्तमान में गीता प्रेस 16 भाषाओं में 1800 तरह की धार्मिक किताबों का प्रकाशन करता है।

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