हाईकोर्ट से टीएमसी सांसद अभिषेक को झटका, पूछताछ में करना होगा सहयोग
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी प्रवर्तन निदेशालय के समन का सामना कर रहे हैं। इसी बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा, जरूरी दस्तावेज मुहैया न कराए जाने की सूरत में ईडी अभिषेक की पेशी के लिए नया समन जारी कर सकती है। राज्य के शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को एक और झटका दिया है। उन्होंने ईडी पूछताछ में शामिल होने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था जिस पर कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें एक घंटे का भी अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। हालांकि कोर्ट ने ईडी को भी विशेष निर्देश दिए। गुरुवार को खंडपीठ में स्पष्ट कर दिया कि 10 अक्टूबर के पहले जो भी दस्तावेज ईडी ने मांगे हैं, वह सब अभिषेक बनर्जी को जमा करने होंगे। इसके बाद ईडी के लिए विशेष निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अभिषेक द्वारा दाखिल किए गए दस्तावेजों से अगर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी संतुष्ट नहीं होते हैं तो उन्हें नए सिरे से समन जारी कर सकते हैं। हालांकि कोर्ट ने कहा कि समन जारी करने के बाद 48 घंटे का समय देना होगा। जस्टिस अमृता सिन्हा के आदेश के खिलाफ डिविजन बेंच में जाकर अभिषेक को भी सवालों का सामना करना पड़ा। खंडपीठ ने अभिषेक के ईडी समन पर हस्तक्षेप नहीं किया। ‘प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर बेहिसाब पैसे का आरोप’। ‘शिकायत होने पर निदेशक या सीईओ से पूछताछ करने में दिक्कत कहां है?’ ‘यदि आप सीईओ हैं, तो मांगे गए दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं।’ ‘188 ए, हरीश मुखर्जी रोड संपत्ति खतियान यदि आप सिंगल बेंच चाहते हैं, तो समस्या कहां है? ‘आप सांसद हैं, आपको अपनी संपत्ति चुनाव आयोग को देनी होगी। पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल नौकरियों घोटाले की चल रही जांच के जवाब में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सुझाव दिया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी को नए समन जारी करने पर विचार करे यदि उन्हें उनके प्रस्तुत दस्तावेज असंतोषजनक लगते हैं। यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब बनर्जी ने शुरू में नई दिल्ली में टीएमसी की विरोध रैली में भाग लेने के लिए 3 अक्टूबर को ईडी के सामने पेश होने के लिए एक समन को छोड़ दिया था, जहां उन्होंने राज्य के लिए केंद्रीय धन की तत्काल रिहाई की मांग की थी। इसके जवाब में, न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने बनर्जी की एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई की, जिसमें ईडी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि जांच प्रक्रिया बाधित न हो।
खंडपीठ ने अब प्रस्ताव दिया है कि ईडी जांच के लिए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए बनर्जी के लिए एक स्पष्ट समय सीमा स्थापित करे। अगर ईडी बनर्जी द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों से असंतुष्ट रहती है, तो वे उन्हें आगे की पूछताछ के लिए बुलाने पर विचार कर सकते हैं।
ईडी आगामी सुनवाई में इस सुझाव के संबंध में पीठ के समक्ष अपनी दलीलें पेश करने वाला है, जिसमें न्यायमूर्ति उदय कुमार भी शामिल हैं। गौरतलब है कि इससे पहले 13 सितंबर को शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में ईडी ने बनर्जी से लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की थी। उस समय, उन्होंने जोर देकर कहा था कि पूछताछ एक बैठक में उनकी भागीदारी में बाधा डालने का एक प्रयास था और इस महत्वपूर्ण बात पर जोर दिया विपक्ष को एकजुट करने में टीएमसी ने निभाई भूमिका
ईडी के साथ बनर्जी की बातचीत केवल इस मामले तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि कोयला चोरी मामले में उनसे पहले दो बार पूछताछ की जा चुकी है, एक बार 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में और फिर 2022 में कोलकाता में। @रिपोर्ट अशोक झा