पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक की न्यायिक हिरासत गुरुवार को 30 नवंबर तक बढ़ी

पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक की न्यायिक हिरासत गुरुवार को 30 नवंबर तक बढ़ी

कोलकाता: कोलकाता की एक विशेष अदालत ने करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक की न्यायिक हिरासत गुरुवार को 30 नवंबर तक बढ़ा दी।कोलकाता की एक विशेष अदालत ने करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक की न्यायिक हिरासत गुरुवार को 30 नवंबर तक बढ़ा दी। दिलचस्प बात यह है कि मंत्री के वकील ने अपने मुवक्किल की ओर से कोई जमानत याचिका दायर नहीं की। इसकी बजाय उन्होंने प्रेसीडेंसी जेल की उस कोठरी में एक खाट, एक कुर्सी और एक मेज की मांग करते हुए एक याचिका दायर की, जहां मलिक बंद हैं।
अदालत ने याचिका की खारिज: हालांकि, न्यायाधीश ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि यह अदालत के अधिकार क्षेत्र से परे है और केवल जेल अधिकारी ही ऐसे अनुरोधों पर फैसला ले सकते हैं। वर्तमान वन मंत्री मलिक, जो 2011-2021 तक खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे, ने जेल से वर्चुअली अदालत की कार्यवाही में भाग लिया। एक जगह वह अपनी खाट, कुर्सी और मेज की मांग के समर्थन में अपने तर्क देते दिखें।
मैं मधुमेह का रोगी हूं: मंत्री
मंत्री ने कहा, “सर, मेरी तबीयत ठीक नहीं है। मैं मधुमेह का रोगी हूं। मेरे हाथ-पैर लकवाग्रस्त हैं। कृपया मुझे जीने दीजिए। मैं खुद एक योग्य वकील हूं और कलकत्ता हाई कोर्ट और कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में नामांकित हूं।” हालांकि, न्यायाधीश ने मलिक को लंबे समय तक अपनी दलीलें जारी रखने की अनुमति नहीं दी। न्यायाधीश ने कहा, “यदि आप एक योग्य वकील हैं, तो आपको किसी भी अदालत के अधिकार क्षेत्र की सीमाओं के बारे में पता होना चाहिए। जब आपने अपने लिए एक वकील नियुक्त किया है, तो आपको उसे मामले पर बहस करने की अनुमति देनी चाहिए।” रिपोर्ट अशोक झा

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