BSF अकादमी से 2 महिला कॉन्स्टेबल के गायब होने के 29 दिन बाद दर्ज हुई अपहरण की FIR
बरामदगी के लिए SIT की टीम पश्चिम बंगाल में
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बीएसएफ की दो महिला कांस्टेबल की तलाश तेज हो गई है. बीएसएफ अकादमी टेकनपुर ग्वालियर में पदस्थ दो लेडी कांस्टेबल की तलाश अब पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश बार्डर तक पहुंच गई है।इसके लिए अलर्ट भी जारी किया गया है. मामले की जांच के लिए एसआईटी भी गठित की गई है. पुलिस के साथ-साथ एसआईटी और बीएसएफ की इंटेलीजेंस यूनिट भी इनकी तलाश में जुटी है. गायब महिला कांस्टेबल की मां की शिकायत पर बिलौआ थाना पुलिस ने अपहरण का मामला भी दर्ज कर लिया है।
ग्वालियर के बीएसएफ कैंप से लापता हुई दो लेडी कांस्टेबल्स का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। गायब हुई बीएसएफ दो लेडी कांस्टेबल्स में से एक आकांक्षा निखर जबलपुर की रहने वाली है। उसकी खोजबीन के लिए परिजन ग्वालियर के बीएसएफ कैंप से लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद तक पहुंचे, लेकिन कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी। दोनों जगहों पर बेटी की तलाश करने के बाद आकांक्षा का परिवार वापस जबलपुर लौट आया है। दोनों ही महिला युद्ध कौशल में माहिर हैं. उनके पास बीएसएफ से जुड़ी भी कई जानकारियां हैं. इस मामले में ग्वालियर पुलिस ने एक एसआईटी का गठन किया है। बीएसएफ ने इंटेलिजेंस एक्टिव करते हुए दोनों महिला कांस्टेबल की तलाश शुरू कर दी है. यह पूरी घटना 6 जून की है, जब ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ एकेडमी से महिला कांस्टेबल आकांक्षा निखर और शहाना खातून अचानक लापता हो गई. यह दोनों अपने मोबाइल अपने रूम में ही छोड़ गई. दोनों एक ही रूम में रहा करती थी।
बीएसएफ एकेडमी में ही छोड़ गईं मोबाइल फोन: महिला कांस्टेबल के लापता होने पर बीएसएफ ने जबलपुर निवासी आकांक्षा निखर के घर पर संपर्क किया, तब आकांक्षा के परिजनों को मालूम हुआ कि उनकी बेटी लापता हो गई है। खास बात यह है कि दोनों ही महिला कांस्टेबल अपने-अपने मोबाइल बीएसएफ एकेडमी के रूम में ही छोड़ गई है और इस मोबाइल से सभी डाटा भी डिलीट कर दिया गया है। ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर दोनों महिला कांस्टेबल को एक साथ देखा गया।
मामले की जांच के लिए किया गया एसआईटी का गठन: एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा का इस मामले पर कहना है कि दोनों महिला कांस्टेबल को गए हुए 29 दिन हो गए हैं। आकांक्षा निखर की मां उर्मिला ने महिला कांस्टेबल शहाना खातून और उनके परिजनों पर अपनी बेटी के किडनैप का आरोप लगाया है। इस मामले में शहाना खातून और उनके परिजनों पर एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है. ग्वालियर एसपी ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। बंगाल के मुर्शिदाबाद में मिला लास्ट लोकेशन: एक टीम पश्चिम बंगाल भी भेज दी गई है, जो भी सच्चाई पता चलेगी उसके आधार पर जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा. इसके साथ ही एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया। कि उनकी लास्ट लोकेशन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में मिली है। बीएसएफ द्वारा भी इंटेलिजेंस एक्टिव कर दिया गया है। आकांक्षा के परिजनों का आरोप है कि दूसरी लेडी कांस्टेबल शाहाना खातून ने आकांक्षा का ब्रेन वाश किया है। यही वजह है कि शहाना के संपर्क में आने के बाद आकांक्षा का व्यवहार पूरी तरह से बदल चुका है। छुट्टी पर आने के बाद पूजा पाठ और मां नर्मदा के दर्शन करने वाली आकांक्षा में इस बार ऐसा कुछ नहीं किया। बल्कि उसने पूजा पाठ करना भी छोड़ दिया था। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली शहाना खातून के परिवार पर भी पुलिस और जांच को गुमराह करने के आरोप लग रहे हैं। BSF की दो महिला आरक्षक एक महीने से गायब: 7 जून को दोनों की लोकेशन पहले दिल्ली फिर हावड़ा मिली थी, शहाना खातून की बड़ी बहन की भूमिका संदिग्ध: इस बीच परिजनों ने बातचीत में यह खुलासा भी किया है कि मार्च में जब आकांक्षा छुट्टी पर जबलपुर लौटी, तो उसके साथ शहाना खातून भी घर आई थी। इस बीच उसकी गतिविधियां संदिग्ध नजर आई थी। शहाना आकांक्षा के परिवार से ज्यादा घुलने मिलने से बचती रही। आकांक्षा की मां का कहना है कि शाहाना खातून अपना मोबाइल भी किसी को नहीं छूने देती थी। वह सिर्फ बात करती थी तो आकांक्षा से। उसके परिजनों से बातचीत में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आकांक्षा घर में छुट्टी बिताने के बाद शाहाना के घर यानी कि पश्चिम बंगाल भी जाकर रुकी थी। शहाना खातून का परिवार नहीं कर रहा मदद: आकांक्षा निखर की मां उर्मिला निखर का कहना है कि शहाना खातून का परिवार सब कुछ जानते हुए भी कुछ भी बताने तैयार नहीं है। फिलहाल इस पूरे मामले की बीएसएफ और पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम जांच कर रही है। जबलपुर का रहने वाला परिवार अभी भी यह समझ नहीं पा रहा है कि आखिर उनकी बेटी आकांक्षा ने ऐसा कदम क्यों उठाया और परिवार से वह क्यों दूर जा रही है। पांच बहनों और एक भाई में से एक आकांक्षा ने BA के बाद PGDCA की पढ़ाई की थी। आकांक्षा पढ़ने में शुरू से ही होनहार रही है।शहाना खातून से मिलने के बाद पलट गया था मन: आकांक्षा की मां उर्मिला की माने तो आकांक्षा शादी के लिए भी मानसिक रूप से तैयार थी और घर में अक्सर चर्चा होने पर वह यही कहती थी कि परिवार वाले जहां भी कहेंगे वह शादी करने के लिए तैयार रहेंगे वो शादी कर लेगी। बल्कि आकांक्षा अपने परिवार वालों को यह कहा करती थी कि दूसरे शहरों के बजाय जबलपुर में ही शादी करना पसंद करेगी। लेकिन आकांक्षा जब से शहाना खातून के संपर्क में आई है उसने शादी की बातचीत करने से भी इनकार कर दिया था। पश्चिम बंगाल में 8 साल रही आकांक्षा: आकांक्षा निखर की बीएसएफ में कांस्टेबल की नौकरी लगने के बाद उसकी सबसे पहले तैनाती पश्चिम बंगाल में हुई थी। आकांक्षा ने नौकरी करते हुए पश्चिम बंगाल में ही 8 साल गुजारे थे। 8 साल बाद आकांक्षा निखर की पश्चिम बंगाल से दूसरी पोस्टिंग ग्वालियर हुई थी। रिपोर्ट अशोक झा