डॉक्टरों के देशव्यापी आंदोलन के बीच भाजपा सीएम ममता से इस्तीफा पर अड़ी

अशोक झा, कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार को शुक्रवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया बाद में छोड़ दिया गया। मजूमदार ने पत्रकारों से बात करते हुए, मजूमदार ने दावा किया कि टीएमसी पुलिस को सूचित किया गया था कि जब तक भाजपा मौजूद है, तब तक किसी भी महिला को नुकसान नहीं पहुँचाया जाएगा या गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बंद होने चाहिए और टीएमसी की तुलना में भाजपा पर लागू अलग-अलग नियमों की आलोचना की। मजूमदार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “हमने टीएमसी पुलिस से कहा है कि जब तक हम यहां हैं, वे किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं करेंगे और हम किसी भी महिला को नुकसान नहीं पहुँचाने देंगे। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बंद होना चाहिए। ममता बनर्जी को रैली के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है, लेकिन जब भाजपा कुछ करती है, तो अनुमति की आवश्यकता होती है। सभी नियम केवल भाजपा के लिए लगते हैं ।” उन्होंने कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल के तत्काल इस्तीफे की भी मांग करते हुए कहा, “उनके जैसा व्यक्ति कोलकाता पुलिस कमिश्नर के पद के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्हें इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए।” इससे पहले आज, विधायक अग्निमित्रा पॉल और अभिनेता से नेता बनीं रूपा गांगुली सहित भाजपा नेताओं ने भी इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। गांगुली ने कहा, “ममता बनर्जी, जो स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, को इस्तीफा दे देना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “हम अपना विरोध जारी रखेंगे। कृपया याद रखें कि आज विपक्ष के रूप में केवल एक राजनीतिक दल नहीं है। केवल हम ही नहीं बल्कि आम लोग भी जाग गए हैं। आपने देखा कि 14 अगस्त को लाखों महिलाएं किस तरह विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। ये पश्चिम बंगाल की आवाजें हैं । यहां तक ​​कि टीएमसी के लोग भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए ।” इस बीच, कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल ने लोगों से बलात्कार और हत्या मामले के बारे में “अफवाहों” और “कथनों” पर विश्वास करने से बचने का आग्रह किया, उन्होंने मामले की जांच कर रही सीबीआई पर भरोसा जताया। गोयल ने कहा, “तीन सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम किया, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। सीबीआई के पास पोस्टमार्टम वीडियो तक पहुंच है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।” उन्होंने उन अफवाहों का खंडन किया कि पुलिस ने पीड़िता के परिवार को सूचित किया था कि उसने आत्महत्या कर ली है या उसके शरीर में 150 ग्राम वीर्य पाया गया है। उन्होंने दोहराया कि पुलिस सीबीआई के साथ पूरा सहयोग कर रही है और लोगों को आगे की जांच के लिए एजेंसी और पुलिस पर भरोसा रखना चाहिए। “बहुत सारी निराधार अफवाहें फैल रही हैं, और तथाकथित विशेषज्ञ उनके आधार पर कथाएं बना रहे हैं। मामला अब सीबीआई के पास है; हमें एजेंसी पर भरोसा रखना चाहिए। हमारे अधिकारियों ने उपलब्ध समय में हर संभव प्रयास किया। अगर हमारी टीम में से किसी ने कुछ गलत किया है तो हम कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी हैं,” गोयल ने कहा। कोलकाता पुलिस के अनुसार , 14 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के सिलसिले में लगभग 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जहां भीड़ ने विरोध स्थल, वाहनों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “अब तक हमने बुधवार रात आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के संबंध में 25 गिरफ्तारियां की हैं। हमारे सोशल मीडिया पोस्ट से नेटिज़न्स द्वारा चार और संदिग्धों की पहचान की गई। शेष संदिग्धों की तलाश जारी है।” केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम ने घटना का डिजिटल ब्लूप्रिंट बनाने के लिए गुरुवार दोपहर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का दौरा किया। 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर मृत पाई गई थी। पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि उसके साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना ने डॉक्टरों और मेडिकल बिरादरी द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस घटना से डॉक्टर्स से लेकर मरीजों और आम लोगों तक की जिंदगी को खतरें में डाल दिया। इस दौरान अराजक तत्वों ने एक घंटे तक अस्पताल में तांडव मचाया। इस घटना पर अब केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का बयान सामने आया है।सुकांत मजूमदार ने 14 अगस्त को आरजी कर मेडिकल पर भीड़ के हमले के बाद राज्य पुलिस और तृणमूल कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया। मजूमदार ने दावा किया कि डॉक्टरों को भीड़ ने पीटा और पुलिस ने हस्तक्षेप करने के लिए कुछ नहीं किया, वो चुपचाप खड़ी रही। मजूमदार ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था नहीं है। देर रात करीब 2000-2500 लोगों की भीड़ ने परिसर में प्रवेश किया और डॉक्टरों पर हमला किया। डॉक्टरों को पीटा गया और धमकाया गया, पुलिस चुप रही। अगर कोई राज्य सरकार अपनी राजधानी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असमर्थ है, तो उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। इतना ही नहीं, सबूत मिटाने की कोशिश की गई…मैं कल आरजी कर मेडिकल कॉलेज पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करूंगा। इस बीच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज की नर्सों ने आरोप लगाया कि भीड़ ने कॉलेज के सेमिनार हॉल से सबूत नष्ट करने का प्रयास किया, जहां 9 अगस्त को एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। वहीं, अब पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है। जबकि, प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि भीड़ ने कॉलेज के उस हिस्से में तोड़फोड़ की जहां यह जघन्य घटना घटी थी। कोलकाता पुलिस ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि भीड़ के हमले के दौरान अपराध स्थल को प्रभावित नहीं किया गया।
डॉक्टरों ने फिर शुरू की हड़ताल: फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (FORDA) ने घोषणा की है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। यह फैसला तब लिया गया जब अस्पताल के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला किया गया। FORDA ने पहले स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली थी। MBBS के छात्र ने क्या कहा?: एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्र ने पीटीआई को बताया कि डॉक्टर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया और अस्पताल परिसर में घुस गई। इस घटना के बाद डॉक्टरों ने देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।अभिषेक बनर्जी ने क्या कहा: तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा, ‘आरजी कार में आज रात हुई गुंडागर्दी और तोड़फोड़ ने सभी स्वीकार्य सीमाओं को पार कर दिया है।” उन्होंने कोलकाता पुलिस से 24 घंटे के भीतर जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने का आग्रह किया। वही सीबीआई जांच के दौरान सीबीआई टीम को पीड़ित परिवार ने कई जानकारी दी है।
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पिछले सप्ताह आरजीकर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर की कथित रूप से बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई मामले की जांच कर रही है।
डॉक्टर के माता-पिता ने केंद्रीय जांच एजेंसी को उन लोगों के नाम भी उपलब्ध कराए, जिन पर उन्हें सरकारी अस्पताल में उनकी बेटी की हत्या से जुड़े होने का संदेह है।इस मामले के पीछे कई लोगों के शामिल होने का संदेह: सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, ”माता-पिता ने हमें बताया कि उन्हें अपनी बेटी के यौन उत्पीड़न और हत्या के पीछे कई लोगों के शामिल होने का संदेह है। उन्होंने हमें आर जी कर अस्पताल में अपनी बेटी के साथ काम करने वाले कुछ इंटर्न एवं डॉक्टरों के नाम बताए हैं। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी ने कहा, ”हमने कम से कम 30 नामों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिन्हें हम पूछताछ के लिए बुलाएंगे। हमने उनसे पूछताछ शुरू भी कर दी है।’अस्पताल कर्मी और दो प्रशिक्षु को तलब किया: सीबीआई ने शुक्रवार को अस्पताल के उस कर्मी और दो स्नातकोत्तर प्रशिक्षु (पीजीटी) को तलब किया जो घटना की रात डॉक्टर के साथ ड्यूटी पर थे। सीबीआई अधिकारियों ने बृहस्पतिवार की रात ताला पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी से पूछताछ की थी। एजेंसी अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष को भी पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई।शव मिलने के दो दिन बाद इस्तीफा देने वाले डॉ. घोष ने अपने ऊपर हमला होने की आशंका जताई थी, जिसके बाद उनके वकील ने कलकत्ता उच्च न्यायालय से सुरक्षा की मांग की थी। अदालत ने उन्हें एकल पीठ से संपर्क करने का निर्देश दिया।
एक नागरिक स्वयंसेवी भी गिरफ्तार: स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव नौ अगस्त को आर जी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था। पुलिस ने इस सिलसिले में अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवी को गिरफ्तार किया था। सूत्र ने बताया कि सीबीआई शुक्रवार को गिरफ्तार व्यक्ति को अपराध दृश्य के नाट्य रूपांतरण (रिक्रिएट) करने के लिए अस्पताल ले गई।

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