सिलीगुड़ी में लाखों कण्ठ से एकसाथ होगा गीता पाठ का आयोजन

15 दिसंबर को धर्म संसद का होगा समागम , सनातन संस्कृति संघ जुटी तैयारी में

अशोक झा, सिलीगुड़ी: सनातन संस्कृति संघ की ओर से सिलीगुड़ी कावाखाली मैदान, रविवार 15 दिसंबर 2024 को एक लाख लोग एक साथ एक स्वर में गीता का पाठ करेंगे। इसकी जानकारी आज सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट कल्ब में इसकी जानकारी आयोजन कमेटी के बंधु गौरव ब्रह्मचारी, धर्मानंद महाराज, भक्ति वेदांत सज्जन महाराज ,राधाबल्लम जी महाराज तथा प्रकाश ब्रह्चारी ने दी। बताया की संगीत कार्यक्रम प्रातः 9-00 बजे से प्रातः 10-30 बजे तक, प्रातः 10-30 बजे से 11-00 बजे तक जुलूस एवं ध्वजारोहण, रिसेप्शन 11-00 से 12-00 बजे तक
मंगलाचरण 12-00 से 12-15 घटिका, स्वागत भाषण:- 12-15 से 12-30 बजे तक, 12-30 बजे से 12-50 बजे तक मुख्य अतिथि का भाषणसमबेट गीत “हे पार्थसारथी”: 12-50 से 1-00 बजे, गीता पाठ: 1-00 से 2-00 बजे, शंखनाद एवं गीता आरती 2-00 से 2-15 बजे ,अध्यक्ष का भाषण: 2-15 से 2-45 घटिकाधन्यवाद ज्ञापन: 2-45 से 3-00 बजे होगा। कहा की
बंगाल अपनी स्थापना के समय से ही एक पवित्र भूमि रही है और भारत के सबसे महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है। और अतीत में भारत के प्रमुख प्रदेशों में से एक जो संस्कृति, भाषा और इतिहास के साथ-साथ धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषताओं को भी अपने साथ लिए हुए है।बंगाल की यह पवित्र भूमि भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु, श्री श्री रामकृष्णदेव, स्वामी विवेकानन्द, युगाचार्य स्वामी प्रणवानन्द, प्रभु जगदबन्धु सुन्दर, श्रील प्रभुपाद, ऋषि अरबिंदो जैसे अनेक पवित्र व्यक्तित्वों की जन्मस्थली और कर्मभूमि है। लेकिन अब हमारी पवित्र भूमि की हालत गंभीर है.हमने बंगाल, भारत और पूरे विश्व में भाईचारे, मानवता और प्रेम की सच्ची भावना को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए “गीता” का सहारा लिया है, यह “गीता” वर्तमान समाज और राज्य जीवन के संकट से राहत दिला सकती है।इसलिए वर्तमान समय के आह्वान पर पूरे पश्चिम बंगाल के सभी मठों, आश्रमों, विभिन्न संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ हजारों गीता-प्रेमी नागरिक “लख्यकंठे गीतापाठ” कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहे हैं।सभी सनातनी गीता प्रेमियों से हमारा करबद्ध अनुरोध है कि वे इस भव्य आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लें और इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग दें।

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