कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम की विवादित टिप्पणी को लेकर राज्य विधानसभा में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन
अशोक झा, कोलकोता: बंगाल में विपक्षी भाजपा के विधायकों ने राज्य के शहरी विकास मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम की विवादित टिप्पणी को लेकर राज्य विधानसभा में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन करते हुए सदन से वॉकआउट किया। भाजपा विधायकों ने मेयर को पद से हटाने की भी मांग की। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने प्रश्नोत्तर काल के बाद एक कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसमें मंत्री हकीम द्वारा एक सामुदायिक सभा में गैर-मुसलमानों के बीच इस्लाम के प्रसार की मांग करने वाली हालिया टिप्पणी पर सदन में चर्चा की मांग की। विस अध्यक्ष ने अस्वीकार किया प्रस्ताव : विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) बिमान बनर्जी ने भाजपा के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद भाजपा विधायक हाथों में भागवत गीता की प्रतियां लेकर सदन के बीचों-बीच आ गए और नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी को नजरअंदाज करते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही जारी रखी, तब भाजपा विधायकों ने वॉकआउट किया और विधानसभा लॉबी और परिसर के बाहर भी गीता की प्रतियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया।मंत्री को माफी मांगनी चाहिए: पत्रकारों से बातचीत में सुवेंदु ने कहा कि मंत्री फिरहाद हकीम ने एक धार्मिक सभा में हिंदुओं के खिलाफ इस तरह के विवादित बयान दिए। अध्यक्ष से हमारी मांग थी कि मंत्री को माफी मांगनी चाहिए, लेकिन अध्यक्ष ने हमें स्थगन प्रस्ताव पढ़ने की भी अनुमति नहीं दी। अध्यक्ष का तर्क था कि यह मामला विधानसभा या राज्य सरकार से संबंधित नहीं है। शुभेदु ने कहा कि चूंकि मंत्री ने भारत के संविधान के अनुसार शपथ ली है, इसलिए उन्हें अन्य समुदायों से आने वाले लोगों का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है।हमें हिंदू होने पर गर्व है और वह ऐसी बात कहने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं? और ऐसी बात कहने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्हें अपने पद से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था…”
कोलकाता मेयर फिरहाद हकीम ने एक बार फिर से विवादित बयान देते हुए गैर मुस्लिमों को बदकिस्मत बताया है. उनके बयान पर बंगाल बीजेपी के नेता एक सुर में टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सफाई मांग रहे हैं। ‘दावत-ए-इस्लाम’ पर बंगाल में विवाद: पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने पार्टी विधायकों के साथ टीएमसी मंत्री और मेयर फिरहाद हकीम की ‘दावत-ए-इस्लाम’ टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और विधानसभा सत्र का बहिष्कार किया है।3 जुलाई को दिया था फिरहाद हकीम ने बयान: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मेयर और TMC सरकार में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम ने 3 जुलाई, 2024 को एक दिए बयान में गैर-मुस्लिमों को बदकिस्मत बताया था. हकीम ने सार्वजनिक तौर पर इस्लाम कबूल करने का आह्वान किया. इसके बाद उनके इस बयान पर विवाद हो गया।
फिरहाद हकीम क्या बोले थे?: फिरहाद हकीम ने कहा था, “जो लोग इस्लाम में पैदा नहीं हुए, वे बदकिस्मत हैं. अगर हम उन्हें दावत (इस्लाम कबूल करने को कहना) दे सकें और उनमें ईमान (इस्लाम के प्रति निष्ठा) ला सकें, तो हम अल्लाह को खुश कर पाएँगे।’इस्लाम फैलाओ, सच्चा मुसलमान बनो’: फिरहाद हकीम यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, “हमें गैर-मुसलमानों के बीच इस्लाम का प्रसार करने की जरूरत है. अगर हम किसी को इस्लाम के रास्ते पर ला सकते हैं, तो हम इसे फैलाकर एक सच्चे मुसलमान साबित होंगे.” उन्होंने आगे जोर दिया, “जब हजारों लोग इस तरह से खोपड़ी पर टोपी पहनकर बैठते हैं तो हम सबको ताकत दिखाते हैं. यह हमारी एकता दिखाता है और साफ़ कर देता है कि देता है कि कोई भी हमें दबा नहीं सकता।पहले भी विवादों में रहे हैं फिरहाद हकीम:ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम गलत बयानों की वजह से चर्चा में आए हैं.अप्रैल 2016 में उन्होंने कोलकाता के मुस्लिम बहुल इलाके को ‘मिनी पाकिस्तान’ करार दिया था. फरवरी 2021 में उन्हें कोलकाता की एक मस्जिद में राजनीति से सम्बन्धित भाषण देते हुए देखा गया था, यह आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन था।’पश्चिम बंगाल के 50 प्रतिशत लोग केवल उर्दू बोलेंगे’
इसी तरह से दिसंबर 2023 में फिरहाद हकीम ने पश्चिम बंगाल की मुख्य भाषा बंगाली पर हमला करते हुए कहा था, कि एक ऐसा समय आएगा जब पश्चिम बंगाल के 50 प्रतिशत लोग केवल उर्दू बोलेंगे।