मणिपुर हिंसा के लिए पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम और सीएम बिरेन सिंह आमने – सामने
अशोक झा, सिलीगुड़ी: मणिपुर में फिर से हिंसा होने से हर कोई परेशान है। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने हालिया हिंसा पर पहली बार बयान दिया है।सीएम ने कहा, कुकी उग्रवादियों द्वारा बंधक बनाकर 3 मासूम बच्चों और 3 महिलाओं की जघन्य हत्या की निंदा करता हूं और गहरा दुख जताता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में बर्बर कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। फिलहाल इन उग्रवादियों की तलाश जारी है और उन्हें जल्द ही न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। सीएम बीरेन सिंह ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बयान पर प्रतिक्रिया दी और मणिपुर में फिर हिंसा के लिए पी चिदंबरम की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।सीएम सिंह ने कहा, पी. चिदंबरम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा संकट मणिपुर के सीएम के कारण है। मैं यह कहना चाहता हूं कि कांग्रेस के समय में केंद्रीय नेताओं की अनदेखी के कारण हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
म्यांमार से थांगलियानपाउ गुइते को लाए थे पी. चिंदबरम?: सीएम एन बीरेन सिंहने कहा, वर्तमान संकट का मूल कारण भी पी चिदंबरम ही हैं. जब वो तत्कालीन कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री थे और ओकराम इबोबी सिंह (मणिपुर के) सीएम थे तो वो म्यांमार के जोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी के अध्यक्ष थांगलियानपाउ गुइते को मणिपुर लेकर आए थे. यह संगठन म्यांमार में प्रतिबंधित है।’अवैध प्रवासियों से हो रही है समस्या’: उन्होंने एक तस्वीर दिखाई, जिसमें पी. चिदंबरम, थांग्लियानपाउ एक-दूसरे से हाथ मिला रहे हैं. बीरेन सिंह का कहना था कि उन्होंने (पी. चिदंबरम) कभी भी उत्तर पूर्व के लोगों की परवाह नहीं की. वर्तमान संकट म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों की समस्या से हो रहा है. वो मणिपुर और पूरे उत्तर पूर्व के मूल निवासियों पर हावी होने की कोशिश करते हैं. मणिपुर में जो भी समस्या है, वो कांग्रेस द्वारा पैदा की गई है. वे इससे आसानी से पीछे नहीं भाग सकते हैं.
‘दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा’: सीएम का कहना था कि हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक उन्हें अमानवीय कृत्यों के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जाएगा. हमले के दौरान करीब 40 से 50 सशस्त्र उग्रवादियों ने एक राहत शिविर में रहने वाले विस्थापित लोगों पर हमला किया. यहां तक कि जिरिबाम के बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और पास के जकुराधोर में CRPF कैंप को भी निशाना बनाया गया।’भय और आतंक फैलाने चाहते थे उग्रवादी’: एन बीरेन सिंह ने आगे कहा, उग्रवादियों का उद्देश्य भय और आतंक फैलाना था. हालांकि, वहां तैनात सीआरपीएफ कर्मियों ने तुरंत मोर्चा संभाला और हमले को विफल कर दिया. त्वरित कार्रवाई में मौके पर ही 10 उग्रवादियों को मार गिराया. राहत शिविरों में रहने वाले सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सकी. मैं सीआरपीएफ और राज्य बलों के उल्लेखनीय साहस और कर्तव्य की सराहना करता हूं और धन्यवाद देता हूं. हम आतंक और हिंसा के खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे और हम हमेशा अपने लोगों की सुरक्षा करेंगे. मैं केंद्र के नेताओं को भी धन्यवाद देता हूं. केंद्र सरकार ने हाल ही में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 20 कंपनियां भेजी हैं और सुरक्षा को मजबूत करने और शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त 50 कंपनियां भेजी जा रही हैं.’यह कृत्य मानवता के खिलाफ’: सीएम ने आश्वस्त किया कि हम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर जरूरी कदम उठाते रहेंगे. हम सभी को मिलकर ऐसी बर्बर हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा करना चाहिए. निर्दोष महिलाओं और बच्चों की हत्या मानवता के खिलाफ अपराध है. ऐसे कृत्यों को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता. हम साथ मिलकर इस सिद्धांत पर विजय प्राप्त करेंगे और शांतिपूर्ण भविष्य की ओर बढ़ेंगे। कहा गया कि जब चिदंबरम यूपीए सरकार में केन्द्रीय गृह मंत्री थे, तब उन्होंने 12 से ज्यादा कुकी उग्रवादी ग्रुप और केंद्र-राज्य सरकार के बीच एक समझौता किया था। तब मणिपुर में कांग्रेस के ओ इबोबी मुख्यमंत्री थे। चिदंबरम और इबोबी म्यांमार के जोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी के अध्यक्ष थांगलियानपाउ गुइते को मणिपुर लाए थे। इस तस्वीर में गुइते और चिदंबरम हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं। सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर चिदंबरम ने अपनी पोस्ट में क्या लिखा था, जिसे बाद में उन्हें हटाना पड़ गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने मणिपुर में चल रहे तनाव को लेकर कहा था कि मैतेई, कुकी-जो और नगा एक राज्य में तभी साथ रह सकते हैं जब उनके पास क्षेत्रीय स्वायत्तता हो। अपनी पोस्ट में उन्होंने क्षेत्रीय स्वायत्तता की वकालत की थी। इस पोस्ट के बाद मणिपुर कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने इसका विरोध किया और निंदा। विरोध के चलते चिदंबरम को अपनी पोस्ट डिलीट करनी पड़ी। लेकिन नेताओं की नाराजगी खत्म नहीं हुई। उन्होंने चिदंबरम पर कार्रवाई करने की मांग की है। पी चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई की मांग: मणिपुर कांग्रेस के नेताओं ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि हम मणिपुर संकट के बारे में चिदंबरम के पोस्ट की पूर्ण रूप से निंदा करते हैं। इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने राज्य की एकता और अखंडता के लिए अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ फौरन कार्रवाई करने की मांग की। पत्र में कहा गया है कि राज्य में बढ़ते तनाव, सार्वजनिक दुख और राजनीतिक संवेदनशीलता के मौजूदा माहौल को देखते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की भाषा और भावनाएं बेहद अनुचित थीं।बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष खरगे को भेजा पत्र: मंगलवार को राज्य कांग्रेस द्वारा बुलाई गई एक बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र भेजा गया है. इसमें कांग्रेस विधानमंडल सदस्यों, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों सहित अन्य लोगों ने हिस्सा लिया. इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह का कहना है कि चिदंबरम का पोस्ट देखने के बाद उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात की थी. उन्होंने कहा कि यह बयान चिदंबरम की निजी राय हो सकती है लेकिन इससे राज्य में पार्टी के खिलाफ गलत संदेश जा सकता है।