हो रही जयजयकार आज है दादी नानु सती का 12 वां भव्य महोत्सव
प्यारा सजा है तेरा दरबार हो नानू सती दादी..., सुहांसरा में जो सजकर बैठी हम उनके दीवाने हैं.. भजनों पर थिरके दादी के भक्त

अशोक झा, सिलीगुड़ी: श्री दादी नानु सती का पूर्वोत्तर भारत का 12 वां भव्य महोत्सव आज सिलीगुड़ी में आयोजित हो रहा है। इस मौके पर भव्य दरबार, मगल पाठ,अखंड ज्योति, छप्पन भोग के साथ भजन की रसधार बह रही है।
दादी नानू सती बोल दादी सुन ले सी, मैया मैया बोल मैया सुन ले सी…, राजस्थान में लाखों सतिया सब के रूप सुहाने हैं, सुहांसरा में जो सजकर बैठी हम उनके दीवाने हैं आदि भजन गाकर श्रोताओं को एक सूत्र में बांधे रखा। मंगल पाठ किया।आयोजन कमेटी की ओर से सीताराम डालमिया ने बताया कि यह डालमिया परिवार को कुल देवी है पिछले 11 वर्षों से दादी का दरबार सजाया जाता है। यह 12 वा साल है। इस वर्ष अग्रसेन भवन हॉल घर, खालपाड़ा सिलीगुड़ी में आयोजन हो रहा है। इसमें ऋषि शर्मा (मुम्बई के सुप्रसिद्ध कथा वाचक) श्री ललित पारीक (सिलीगुड़ी से आगत सुप्रसिद्ध भजन गायक) सुश्री विपुल सिंह राजपूत (सुप्रसिद्ध कलाकार) पहुंचे है। मंगलपाठ सहित भजनों के कार्यक्रम में भाग लेने नेपाल, भूटान असम सहित बिहार ओर उत्तर बंगाल से डालमिया परिवार आए है। बताया की डालमिया परिवार की कुल देवी नानू सती दादी जी का आज मंगल पाठ में बड़ी श्रद्धा से परिजन अपने इष्ट मित्रों के साथ पहुंचे है। मंगल पाठ की शुरूआत शुद्ध घी से ज्योत जलाकर की गयी। साथ ही फलों,खीर,पंचमेवा व के साथ 56 भोग लगाया गया। इस अवसर पर नानू सती दादी जी के पवित्र नामों का जयकारा लगाकर मंगल पाठ का वाचन किया। राजस्थान के लोहारू जिला के सुहांसरा में नानू सती दादी जी का भव्य मंदिर है। इनकी स्वच्छ व सच्चे मन से पूजा करने पर मनोवांछित फल मिलता है। बताते हैं कि द्वापर युग में अज्ञात वास के दौरान पांडव राजा विराट के राज में छिपे थे। दुर्योधन ने अपनी सेना के साथ उस राज पर आक्रमण कर दिया। गौशाला के प्रमुख रक्षक रत्न सिंह गायों की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी गर्भवती पत्नी पद्मावती पति के साथ सती होने की ठान ली। भगवान कृष्ण की प्रेरणा पर द्रौपदी ने उन्हें सती होने से रोक लिया और कहा कि कलियुग में तुम्हारी पूजा होगी। वहीं पद्मावती अग्नि रथ पर सवार होकर नानू सती के नाम से प्रसिद्ध हुई। पूजा का समापन नानू सती दादी जी की आरती से किया गया।