बंद के दौरान उत्तर बंगाल के कई जिलों में झड़प

टीएमसी का दावा बंद बिल्कुल विफल था तो माकपा का कहना है बंद उम्मीद से कही ज्यादा बंद

अशोक झा/ कोलकाता: भारत बंद के दौरान बुधवार को नक्सलबाड़ी में ‘भारत बंद’ को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सदस्यों और ट्रेड यूनियन नेताओं के बीच झड़प हो गई। पश्चिम बंगाल में, वामपंथी दलों की ट्रेड यूनियनें ‘भारत बंद’ कर रही हैं, उनका आरोप है कि केंद्र सरकार ऐसे आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रही है जो श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं। केइसके बाद बंद समर्थकों ने वहां रेलवे लाइन जाम कर दिया। दूसरी ओर, जलपाईगुड़ी के बाउ बाजार में सुबह से ही दुकानें बंद नजर आ रही है। हालांकि, बाद में पुलिस ने धीरे-धीरे बाजार खुलवाने के लिए कदम उठाए। इस दौरान 14 बंद समर्थकों को पकड़ कर थाने ले जाया गया है।जबकि दोपहर तक सिलीगुड़ी में बंद का ज्यादा असर नहीं दिखा है। हाशमी चौक पर ऑटो, बस समेत अन्य वाहन सामान्य रूप से चल रहे थे। कई स्कूल, दुकान भी खुली हैं। शहर में पुलिस गश्त कर रही है। बागडोगरा में भी यही स्थिति देखी गई है। हालांकि, बंद को लेकर कूचबिहार में तनाव फैल गया है। इस दिन समर्थकों ने सागरदिघी चौक पर मार्च निकाला। जिन्हें पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पहले पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हुई और फिर हाथापाई हुई। जिसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें सीपीएम के जिला सचिव अनंत रॉय, महानंद साहा, एसयूसीआई नेता नेपाल मित्रा और अन्य शामिल है।
तृणमूल श्रमिक संगठन आईएनटीटीयूसी ने कूचबिहार में बंद के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया। उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम (एनबीएसटीसी) के चेयरमैन पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा कि इस दिन उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम की बसें सामान्य रूप से चल रही है। वहीं, एसयूसीआई ने दिनहाटा में एक मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने इसे पांचमाथा मोड़ तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया। 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस दिन, तृणमूल पर सीपीएम की रैली पर हमला करने का आरोप भी लगा। हालांकि, तृणमूल ने आरोपों से इनकार किया है। बाद में पुलिस ने आकर स्थिति को नियंत्रण में किया। इस दिन 11 वामपंथियों नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, बंद के दौरान नक्सलबाड़ी में अशांति की खबरें आई है। वहां, तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई हो गई। एक को कथित तौर पर हिरासत में लिया गया है। जबकि चोपड़ा के दासपारा और घिरनीगांव ग्राम पंचायतों में भी हड़ताल का आंशिक असर देखने को मिला है। हड़ताल के समर्थन में जुलूस निकाले गए और सड़कें जाम कर दी गई। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस तैनात है। मालदा के चंचल में सुबह से ही बंद को लेकर तनाव देखा गया। बंद समर्थकों की पुलिस से झड़प की खबर है। जिसके बाद पुलिस ने सभी प्रधान कार्यों को पकड़ कर गाड़ियों में डाल दिया। वहीं, बंद को सफल बनाने के लिए सीपीएम नेता मैदान में उतरे थे। इधर बंद को विफल करने के लिए तृणमूल श्रमिक संगठन के चंचल-1 ब्लॉक अध्यक्ष अमितेश पांडे के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। हालांकि सरकारी बसें चल रही है लेकिन मालदा-चंचल मार्ग पर निजी बसें नहीं चल रही है।
इस बीच, बंद समर्थक सुबह बालुरघाट में सरकारी बस स्टैंड के सामने हड़ताल को सफल बनाने के लिए जमा हो गए थे। बाद में पुलिस ने आकर उन्हें हटा दिया। ज्यादातर दुकानें बंद है। पुलिस इलाके में गश्त कर रही है।

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