वनवासियों को सुशिक्षित कर ही हो सकती है रामराज्य की कल्पना साकार : सीताराम डालमिया
वनबंधु परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मिला मंत्र

अशोक झा/ सिलीगुड़ी: वनबंधु परिषद( फ्रेंड्स आफ ट्राइबल सोसाइटी) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति एवं वार्षिक आम सभा की बैठक का आज समापन है। यह पहली बार रायपुर चैप्टर द्वारा छत्तीसगढ़ के जैनम मानस भवन में आयोजित शुरू हुआ है। इस बैठक में समस्त भारतवर्ष के 38 चैप्टर से 300 के लगभग प्रतिनिधि भाग लें रहे है। सिलीगुड़ी चेप्टर से सीताराम डालमिया , डॉ आर के अग्रवाल, रामावतार बेरलिया, हनुमान डालमिया, नरेंद्र अग्रवाल,नरेश गोयल, पंकज पुरोहित,अशोक अग्रवाल सिरारे, इंदु गोयल,लक्ष्मी मित्तल शामिल हुए है। सीताराम डालमिया ने कहा कि इन दिनों सनातनियों की शक्ति वनवासी या यूं कहे फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल सोसाइटी (एफटीएस) को उन्हें हिंदु संसकृति से ही विमुख किया जा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि वनवास के दौरान श्रीराम ने इन्हीं वनवासियों के सहारे लंका पर विजय प्राप्त किया था। उन्हें संगठित किया था। देश की आजादी में भी इनका सहयोग अदुतीय है। उन्होंने कहा कि देश को विकसित भारत और रामराज्य में परिवर्तित करना है तो इस समाज को सुशिक्षित करना होगा। यही काम पिछले 36 वर्षों से वनवासी या यूं कहे फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल सोसाइटी (एफटीएस) वनबंधु परिषद कर रही है। यह एक गैर-सरकारी संगठन है जो भारत में आदिवासी और ग्रामीण समुदायों के उत्थान के लिए काम करता है। यह संगठन 1989 में स्थापित किया गया था और इसका मुख्यालय कोलकाता में है। एफटीएस मुख्य रूप से एकल शिक्षक स्कूलों (वन टीचर स्कूल या ओटीएस) के माध्यम से शिक्षा प्रदान करता है, जो 6 से 10 साल के बच्चों को अनौपचारिक प्राथमिक शिक्षा प्रदान करते हैं। एफटीएस के मुख्य कार्य और उद्देश्य:शिक्षा:एफटीएस का मुख्य उद्देश्य आदिवासी और ग्रामीण समुदायों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है। वे एकल शिक्षक स्कूलों के माध्यम से बच्चों को साक्षरता और बुनियादी ज्ञान प्रदान करते हैं।
स्वास्थ्य:एफटीएस स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी चलाता है और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने में मदद करता है।
विकास:एफटीएस का लक्ष्य आदिवासी और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना है ताकि वे सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से विकसित हो सकें। सांस्कृतिक संरक्षण: एफटीएस आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने में भी मदद करता है। एफटीएस द्वारा संचालित कार्यक्रम:
एकल शिक्षक विद्यालय (ओटीएस):ये विद्यालय 6 से 10 वर्ष के बच्चों को 3 घंटे की कक्षाएं प्रदान करते हैं, जिसमें 25-30 छात्र होते हैं। एकल ऑन व्हील्स (ईओडब्ल्यू):यह एक मोबाइल कंप्यूटर लैब है जो गांवों में जाकर कंप्यूटर जागरूकता और बुनियादी डिजिटल साक्षरता प्रदान करता है।
स्वास्थ्य शिविर:एफटीएस नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविर आयोजित करता है, जहां डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी आदिवासी समुदायों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं।
एफटीएस का प्रभाव:एफटीएस ने भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में लाखों बच्चों को शिक्षा प्रदान की है और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। संगठन का काम आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने और उन्हें सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से विकसित होने में मदद करने में महत्वपूर्ण है। सवाल मन में आता है कि आप एफटीएस को कैसे समर्थन कर सकते हैं:आप एफटीएस को दान देकर या स्वयंसेवक के रूप में संगठन के काम में योगदान कर सकते हैं।अन्य महत्वपूर्ण बातें:
एफटीएस 25 राज्यों में 38 शाखाओं के साथ काम करता है।
एफटीएस का दृष्टिकोण लाखों आदिवासियों और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना, सामाजिक शक्ति, शिक्षा, आर्थिक जीवंतता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। एफटीएस भारत में सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक बन गया है, जो पूरे भारत में 80,000 एकल-शिक्षक विद्यालय संचालित करता है, जो कुछ सबसे दूरदराज के क्षेत्रों में 2.2 मिलियन बच्चों तक पहुँचते हैं। एफटीएस एक शिक्षक विद्यालय (ओटीएस) या एकल विद्यालय चलाता है, जो 4 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को अनौपचारिक प्राथमिक शिक्षा प्रदान करता है। एक ओटीएस में आमतौर पर कक्षा 1 से 3 तक के लगभग 20 बच्चे होते हैं। कक्षाओं की अवधि तीन घंटे की होती है। एकल विद्यालय पाँच प्रकार की शिक्षा प्रदान करता है: प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा, विकास शिक्षा, जागरूकता शिक्षा और संस्कार शिक्षा। एफटीएस को दिए गए सभी दान आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 जी के अंतर्गत कर मुक्त हैं।
एफटीएस, एफसीआरए के तहत पंजीकृत है और विदेशी दान प्राप्त करने के लिए पात्र है। एफटीएस, सीएसआर गतिविधियों के लिए नए सीएसआर मानदंडों के अनुसार एमसीए के साथ भी पंजीकृत है, जिसका पंजीकरण नंबर CSR00001898 है।
हम नीति आयोग में पंजीकृत हैं और हमारा विशिष्ट पहचान संख्या WB/2016/0110936 है। फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल्स सोसाइटी, भारतीय कॉर्पोरेट मामलों के संस्थान द्वारा सीएसआर परियोजनाओं की कार्यान्वयन एजेंसियों (आईए) में से एक के रूप में पंजीकृत है।