बंगाल में टीएमसी नेता की हत्या में टीएमसी नेता ही गिरफ्तार

लगातार एक के बाद एक हत्या से राजनीतिक माहौल गरमाया

 

अशोक झा/ कोलकाता: वीरभूम जिला में भांगड़ में तृणमूल कांग्रेस नेता रज्जाक ख़ान की हत्या के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तृणमूल के ही प्रभावशाली नेता मोफज्जल मोल्ला को आज गिरफ्तार किया है। बंगाल के बीरभूम जिले में शनिवार को एक और राजनीतिक हत्या ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। टीएमसी के सैंथिया पंचायत समिति में कृषि अधिकारी और श्रीनिधिपुर इलाके के अध्यक्ष पियूष घोष की देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना कोमारपुर गांव में सैंथिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई। जानकारी के मुताबिक, पियूष घोष को देर रात करीब 2 बजे एक फोन कॉल आया, जिसके बाद वह घर से बाहर निकले. जैसे ही वह कोमारपुर चौराहे पर पहुंचे, बदमाशों ने उन्हें सिर में गोली मार दी। घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई।।उनका शव खून से लथपथ हालत में बरामद किया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बोलपुर उप-जिला अस्पताल भेजा।
तीन गिरफ्तार, दो महिलाएं भी शामिल: बीरभूम के पुलिस अधीक्षक अमनदीप सिंह ने जानकारी दी कि पुलिस ने घटनास्थल पर समय रहते कार्रवाई की और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है।हालांकि पुलिस ने फिलहाल ज्यादा जानकारी साझा करने से इनकार किया है और कहा है कि जांच जारी है। राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज:टीएमसी के लवपुर से विधायक अभिजीत सिंह ने अस्पताल पहुंचकर घोष के परिजनों से मुलाकात की और घटना की कड़ी निंदा की।उन्होंने कहा, “यह बहुत ही दुखद घटना है।पार्टी नेता को घर से बुलाकर गोली मार दी गई. हम दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं. पुलिस पर हमें भरोसा है। पीयूष घोष के बहनोई गदाधर बनर्जी ने न्याय की मांग करते हुए कहा, “हम न्याय चाहते हैं। पियूष को घर से बुलाकर मारा गया। उसका एक साल का बच्चा है. दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। बीजेपी के बोलपुर संगठनात्मक जिले के अध्यक्ष श्यामापद मंडल ने भी इस घटना पर दुख जताया और प्रशासन पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “किसी की भी मौत दुखद होती है. अगर प्रशासन मजबूत होता, तो इस तरह की घटना नहीं होती. सभी कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत है।। तीन दिन में दूसरे टीएमसी नेता की हत्या: गौरतलब है कि यह तीन दिनों में टीएमसी नेता की दूसरी हत्या है। इससे पहले भांगड़ में रेजाक खान की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। दोनों घटनाओं ने राज्य में राजनीतिक हिंसा को लेकर नई बहस छेड़ दी है।

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