सावन का पहला सोमवार, हर गौरी मंदिर में लगी भक्तों की भीड़
कहते है जीवन में जो पाना है तो सावन में शिव को मनाना है

अशोक झा/ सिलीगुड़ी: पहला सोमवार श्रावण मास के चौथे दिन, 14 जुलाई आज है। इस दिन सर्वार्थसिद्धि प्रीति योग बना है, जिसे शुभ कार्यों और पूजा के लिए अत्यंत मंगलकारी माना जाता है। ठाकुरगंज हर गौरी मंदिर में सुबह से ही जहां बाबा भक्तों की सेवा के मंदिर में लगातार घोषणा के साथ व्यवस्था बनाई जा रही है। तो दूसरी ओर बाबा और मां पार्वती के लिए खीर पूरी का भीग लगाने की तैयारी चल रही है। शिवपुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में सावन और भगवान शिव की महिमा को वर्णन मिलता है। माना जाता है कि शिव बेहद सरल और सहज स्वभाव के देवता है। वे एक लोटा जल अर्पित करने मात्र से मान जाते हैं। ऐसे में सावन के दौरान उनकी प्रिय चीजें चढ़ाने से भक्त पर अधिक कृपा बरसेगी। बता दें कि भगवान शंकर को भोग-विलास से दूर रहने वाला देव कहा गया है। भोलेनाथ दिखावे और छल-कपट की दुनिया से बहुत दूर रहते हैं और बेहद सहज और सादगी से जीवन जीते हैं। ऐसे में आज हम आपको भगवान शिव की कुछ प्रिय चीजें बताएंगे जिन्हें अर्पित कर आप भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं।
भोलेनाथ को अर्पित करें ये चीजें : भांग: महादेव को भांग अति प्रिय है, इसे अर्पित करने का मतलब है कि आपने अपने अंदर छिपे सभी विकारों, बुराईयों को शिव को सौंप दिया है।
धतूरा: भगवान शिव को धतूरा भी अति प्रिय है, ऐसे में इसे अर्पित कर आप अपने बुरी चीजें के बंधन से मुक्त हो जाते हैं।
केसर: भोलेनाथ को केसर चढ़ाने से भक्त के स्वभाव में सौम्यता और धैर्य आता है। साथ ही आत्मिक संतुलन भी बना रहता है। केसर भगवान शिव के प्रिय चीजों में से एक है।भस्म और चंदन: भगवान शिव के मस्तक पर चंदन और भस्म अर्पित करना बेहद शुभ माना गया है। इससे जातक को समाज में मान-सम्मान मिलता है।इत्र: शिव को इत्र बेहद पसंद है, ऐसे में इसे अर्पित करने से चित्त निर्मल करता है और मानसिक शांति मिलती है।घी: घी को ऊर्जा और तेज का प्रतीक माना गया है, इसे अर्पित करने से शक्ति, आत्मविश्वास और सहनशक्ति में बढ़ोतरी होती है।शहद और शक्कर: भगवान शिव को शहद और शक्कर बेहद पसंद है, इसे अर्पित करने से भक्त के घर धन और संबंधों में मिठास आती है। दूध और दही: भगवान शिव को दूध और दही दोनों बेहद प्रिय हैं, ऐसे में इसके अर्पण से भक्त के स्वभाव में गंभीरता और शरीर निरोगी होता है।जल: शिव को जल अर्पित करने से हमारे भीतर क्रोध, तनाव और अस्थिरता शांत होती है। साथ ही स्वभाव भी विनम्र होता है।इसलिए सावन में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है और शिव कृपा सहज ही प्राप्त होती है। मान्यता है कि सावन के प्रत्येक सोमवार को विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से जीवन की तमाम बाधाएं दूर होती हैं और इच्छाएं पूर्ण होती हैं. आइए जानते हैं कि इस बार सावन का पहला सोमवार को पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और कुछ शक्तिशाली उपाय क्या हैं। कब है सावन का पहला सोमवार? हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई 2025 यानि आज है। मान्यता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए सोलह सोमवार व्रत शुरू किया था। यह सोमवार विवाह, संतान और सुख-शांति की कामनाओं के लिए विशेष फलदायी होता है। सावन सोमवार का महत्व: सावन के सोमवार को शिव की आराधना करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं. कुंडली में आयु या स्वास्थ्य संबंधी दोष हो तो यह पूजा लाभकारी होती है. इस दिन शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और दूध अर्पण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह दिन मानसिक तनाव, शत्रु बाधा और पितृ दोष निवारण के लिए भी उत्तम माना जाता है.
सावन सोमवार व्रत और पूजा विधि: प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।नंगे पांव शिव मंदिर जाएं और घर से जल भरा लोटा साथ ले जाएं।शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी व शक्कर से रुद्राभिषेक करें।
फिर बेलपत्र, भस्म, चंदन, धतूरा, भांग और सफेद फूल अर्पित करें।’ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करें.
दिनभर फलाहार करें और संयम रखें।शाम में फिर से शिव मंत्र का जाप करें और शिव आरती करें।अगले दिन अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान करें और व्रत पूर्ण करें।सावन सोमवार के लिए शुभ मुहूर्त : ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4:12 से 4:53 तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12:55 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 2:46 से 3:41 तक
शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, बेलपत्र, धतूरा, भांग, चावल, चंदन, रुद्राक्ष, भस्म, सफेद फूल इत्यादि. यह सभी सामग्रियां भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं. इन्हें चढ़ाने से शुभ फल प्राप्त होता है और भाग्य का द्वार खुलता है।शिवलिंग पर क्या न चढ़ाएं?: हल्दी, सिंदूर, तुलसी, कुमकुम, रोली, लाल फूल, केतकी/केवड़े के फूल, शंख से जल. शिवपुराण के अनुसार ये चीजें शिव पूजा में निषिद्ध हैं. इसलिए शिव पूजन में कभी भी इन चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
सावन सोमवार के विशेष उपाय: प्रदोष काल (शाम का समय) में शिवलिंग पर जल और बेलपत्र की धारा चढ़ाएं।
शिव मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं।शिवलिंग की तीन बार परिक्रमा करें।शांत मन से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
यदि संभव हो तो इस दिन “महामृत्युंजय मंत्र” का जप अवश्य करें।