सुपरटेक बिल्डर के सताएं सैकड़ों घर खरीदारों की दास्तां सुनकर रो पड़ेंगे
ग्रेटर नोएडा ईको विलेज में घर बुक कराए घर खरीदारों का दर्द सोशल मीडिया पर उमड़ रहा है
नईदिल्ली। नोएडा में भ्रष्टाचार का टिवन टॉवर खड़ा करने वाले सुपरटेक बिल्डर का टॉवर भले ही जमींदोज हो गया लेकिन उसके सताएं घर खरीदारों के दुख का अंत नहीं हो रहा है। हजारों घर खरीदार आज भी सुपरटेक बिल्डर के ठगी के शिकार होकर कभी रेरा तो कभी सुप्रीमकोर्ट से नियुक्ति आईआरपी के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सुपरटेक के सैकड़ों घर खरीदारों का दर्द सोशल मीडिया पर भी दिखाई दे रहा है। सुपरटेक में घर बुक कराने के बाद सालों से परेशान इन खरीदारों के दर्द सोशल मीडिया पर किस तरह दिखाई दे रहा है,आप उनके टविट और पोस्ट देखकर अंदाजा लगा सकते हैं। कोई मोदी को खत लिखकर मदद की गुहार लगा रहा है तो कोई जनता से बिल्डरों के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बनने की उम्मीद लगाकर अपील कर रहा है। ऐसे कुछ घर खरीदारों के दर्द को सोशल मीडिया पर देखकर रोमिंग एक्सप्रेस ने जनता व सरकार के बीच ले जाने का फैसला किया है।
मैं लता टाक, सिंगल मदर हूं। दो बच्चों को पालने के साथ पढ़ाई करके भविष्य बनाने में जुटने के सज्ञथ मैने ग्रेटर नोएडा में घर का सपना देखने के बाद 2014 में सुपरटेक ईकोविलेज में एक छत की आस में बुकिंग करायी। अस्सी फीसदी से ज्यादा धनराशि देने के बाद आज फ्लैट के नाम अधूरा ढांचा खड़ा दिखाई दे रहा है। हमारी कोई सुन नहीं रहा है। आज की तारीख में बैंक लोन के साथ किराए के घर में रहकर किस तरह जीवन यापन कर रही हूं कोई सोच नहीं सकता है। सुपरटेक के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए आईआरपी नियुक्त हुए लेकिन छह माह बीतने के बाद भी कोई काम नहीं हो रहा है। समझ में नहीं आ रहा है क्या करूं। न हमारी शिकायत यूपी रेरा सुन रहा है न कोर्ट इसलिए जनता की अदालत में अपना दर्द रखने के लिए आयी हूं।
मै स्वाती गोयल पति मनोज कुमार के साथ 2014 में ग्रेटर नोएडा में एक घर का सपना देखने के बाद सुपरटेक ईकोविलेज 4 में एक फ्लैट बुक कराया। 35 लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान सुपरटेक को करने के बाद भी आज तक फ्लैट नहीं मिला। बैंक लोन के साथ घर के किराया में ही सेलरी खत्म हो जा रही है। बच्चों को हायर स्टडी का जो सपना देखा उसको भी सुपरटेक बिल्डर की फरेबी चाल के कारण ध्वस्त हो गया। मिडिल क्लास फैमिली की हूं, समझ में नहीं आ रही अपनी लड़ाई किस तरह लड़ूं। बैंक ईएमआई व घर किराए के साथ बच्चों के पढ़ाई के सपने को टूटते देखकर बहुत दुख हो रहा है। सुपरटेक बिल्डर की धोखाधड़ी के कारण मेरे जैसे हजारों लोग रात-रातभर सो नहीं पाते हैं।
मैं कावेरी पति अभिषेक जैन के साथ ग्रेटर नोएडा में एक घर का सपना देखने के बाद सुपरटेक ईको विलेज-4 में घर बुक कराया। दस प्रतिशत डाउन पेमेंट के साथ अस्सी प्रतिशत बैंक लोन की स्कीम में अब तक 90 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान कर दिया लेकिन फ्लैट तो दूर जिस टॉवर का सपना दिखाया वहां अभी अधूरा खड़ा है। घर की कीमत जो 2014 में थी, उसकी तुलना में 125 प्रतिशत भुगतान करने के बाद भी आज तक घर का सपना अधूरा है। सुपरटेक बिल्डर के साथ इंडिया बुल भी हमको सता रहा है। समझ में नहीं आ रहा है क्या करूं।
मैं शशि ज्योति ईकोविलेज-3 में रेंटल स्कीम के तहत घर बुक कराया। सुपरटेक ने वादा किया था कि 2018 तक घर मिल जाएगा। इंडिया बुल से फाइनेंस भी कराया। आज की तारीख तक घर नहीं मिला। बैंक लोन के साथ घर का किराया देना नियति बन गयी है। सुपरटेक वादे से मुकर गया, मेरे जैसे सैकड़ों घर खरीदारों आज भी घर की राह देख रहे हैं। सुप्रीमकोर्ट से आईआरपी नियुक्ति करने के बाद भी अधूरा प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो रहा है। समझ में नहीं आ रहा है कि हम घर खरीदार क्या करें।
मैं अनु शंकर सिंह भी सुपरटेक के सताएं घर खरीदारों में शामिल हूं। सुपरटेक ईको विलेज 4 में मैने 2014 में घर बुक कराया। सौ फीसदी से ज्यादा पेमेंट कर दिया लेकिन आज तक तक फ्लैट नहीं मिला। जिस टॉवर में फ्लैट मिलना है वह आधा अधूरा पड़ा है। यूपी रेरा हम लोगों की समस्याओं को सुन नहीं रहा है, सुप्रीमकोर्ट से नियुक्ति आईआरपी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं, मुझे घर न मिले तो कम से सरकार हमारा पैसा वापस दिलाएं ताकि हम जीवन-यापन ठीक से कर सकें। ग्रेनो में घर का सपना देखने के बाद बिल्डर के जाल में फंसकर किस तरह आर्थिक तबाही के कगार पर पहुंच गयी हूं बता नहीं सकती हूं।
मैं चेतन हूं। ग्रेटर नोएडा ईकोविलेज 3 के जी-4 टॉवर में 2017 में एक फ्लैट बुक कराया। इसपर कब्जा 2017 में मिलना था लेकिन सुपरटेक ईकोविलेज 3 का निर्माण ही नहीं कराया। सुपरटेक बिल्डर को फ्लैट की पूरी कीमत देने के बाद आज की तारीख में किराए के मकान में रह रहा हूं। सुपरटेक से जब अपना पैसा वापस मांगा तो उसे देने से इंकार करके दूसरे निर्माणाधीन टॉवर में फ्लैट देने का वादा करके टरका दिया। जहां वादा किया वहां भी निर्माण अधूरा है। सुपरटेक बिल्डर के सुपरठगी के शिकार मेरे जैसे सैकड़ों घर खरीदार हो गए हैं।