भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने दो गोल किए और भारत को स्पेन के खिलाफ बढ़त दिलाई जो अंत में निर्णायक साबित हुई। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में भी कांस्य पदक जीता था और अब लगातार दूसरी बार टीम पोडियम फिनिश करने में सफल रही है। भारत के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश का यह आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला था और टीम ने इस दिग्गज खिलाड़ी को शानदार विदाई दी है। भारत की दीवार कहे जाने वाले श्रीजेश टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा हैं। भारत ने इस तरह ओलंपिक में हॉकी स्पर्धा में अपना 13वां पदक जीता।

भारत और स्पेन के बीच पहला क्वार्टर गोल रहित बराबरी पर रहा था। इसके बाद दूसरे क्वार्टर में स्पेन ने गोल कर बढ़त हासिल कर ली थी। हालांकि, दूसरा क्वार्टर खत्म होने से कुछ समय पहले ही हरमनप्रीत सिंह गोल कर भारत को बराबरी दिलाई। दोनों टीमों के बीच हॉफ टाइम तक मुकाबला 2-2 की बराबरी पर चल रहा था। इसके बाद तीसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत सिंह ने भारत को बढ़त दिलाई। चौथे क्वार्टर में दोनों टीमों ने गोल करने की काफी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। हरमनप्रीत ने जहां भारत को बढ़त दिलाई, वहीं श्रीजेश ने गोल पोस्ट पर शानदार बचाव कर स्पेन को बराबरी करने से रोके रखा। 1968 और 1972 के बाद यह पहली बार है जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने लगातार दो ओलंपिक में पदक अपने नाम किया है। इस शानदार प्रदर्शन के बाद पीआर श्रीजेश ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया है।

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