ममता के किले में सेंध लगाने के लिए नई चुनाव प्रबंधन समिति का एलान

कोलकाता: भाजपा ने ममता बनर्जी के किले में सेंध लगाने के लिए नई चुनाव प्रबंधन समिति का एलान कर दिया है। नई प्रबंध समिति में गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, शुवेंदु अधिकारी, दिलीप घोष और लॉकेट चटर्जी सहित 15 सदस्य बनाए गए हैं। ये सदस्य 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की रणनीति बनाने का काम करेंगे। भाजपा ने 2024 में पश्चिम बंगाल से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। क्या यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, क्या भाजपा के लिए ममता बनर्जी के किले को भेद पाना संभव होगा?।भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को हराने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी थी। ममता बनर्जी के दाहिने हाथ रहे शुवेंदु अधिकारी के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपनी पूरी टीम के साथ राज्य में कैंप किया था और जबरदस्त प्रचार किया था। इसके बाद भी भाजपा अपनी सीटों की संख्या 3 से बढ़ाकर 77 तक पहुंच पाया। हालांकि, इस हाई प्रोफाइल चुनाव में उसके मत प्रतिशत में लगभग 28 फीसदी का उछाल आया था और उसने लगभग 38 फीसदी वोट प्राप्त किया था। इस चुनाव में कांग्रेस और वाम दलों ने भाजपा को रोकने के लिए खुद को पीछे कर लिया था और पूरा चुनाव केवल भाजपा और तृणमूल कांग्रेस को हुआ था। यही कारण है कि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के साथ भी पूरा गैर भाजपाई वोटर इकट्ठा हो गया और उसका मत प्रतिशत उछलकर 48.02 फीसदी तक पहुंच गया। इसके पूर्व के विधानसभा चुनाव में टीएमसी का मत प्रतिशत 45 से कुछ कम ही था। यानी सही मायने में 2021 के विधानसभा चुनाव में ही बंगाल ने इंडिया गठबंधन का प्रयोग कर लिया था, जिसमें पूरा विपक्ष भाजपा के खिलाफ एकजुट हो गया था। गैर भाजपाई मतों में बंटवारा न होने का परिणाम हुआ कि भाजपा की सीटों में पूरी कोशिश के बाद भी ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हो पाई, जबकि ममता बनर्जी 294 सीटों के सदन में 215 सीटों तक जा पहुंचीं।
कांग्रेस में विद्रोह: लेकिन ममता बनर्जी की मजबूती ही इस चुनाव में उनकी कमजोरी भी साबित हो सकती है। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को बंगाल में कोई भी गठबंधन करने से मना कर दिया है। कथित तौर पर अधीर रंजन चौधरी ने राहुल गांधी को यह बता दिया है कि यदि विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस ने खुद को पीछे कर लिया, तो उससे भाजपा को जरूर नुकसान होगा, लेकिन इस कोशिश में पार्टी बंगाल से समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा है कि जिस तरह दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से हाथ मिलाने के कारण वहां कांग्रेस समाप्त हो गई, वही हाल बंगाल में भी हो सकता है।वहीं, वाम दलों ने भी कह दिया है कि वे अब तृणमूल कांग्रेस से समझौता नहीं करेंगे। इससे वे भी हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो जाएंगे। यदि उन्हें अपना अस्तित्व बचाना है, तो उन्हें इंडिया गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ना होगा। ऐसी स्थिति में पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर तनाव बढ़ सकता है। यदि इन दलों में सहमति नहीं बनी तो भाजपा को इसका लाभ हो सकता है। गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों को संरक्षण देकर राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने इसके साथ ही दावा किया कि 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा बंगाल की 42 में से 35 से अधिक सीटें जीतेगी।केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बंगाल से इकट्ठा की गई कट मनी का इस्तेमाल विदेशों में आलीशान मकान खरीदने में किया जाता है, लेकिन यहां वही लोग हवाई चप्पल पहनकर घूमते हैं। उन्होंने कहा, बंगाल की जनता अब धोखा नहीं खाएगी, जनता हिसाब मांगेगी। वे यहां बंगाल भाजपा के के सभी सोशल मीडिया और आईटी अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने अपील करते हुए कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की धरती से मोदी जी को 35 सीटें दीजिए, मैं गारंटी देता हूं कि मोदी ‘सोनार बांग्ला’ (सोना का बंगाल) बनाएंगे। उन्होंने कहा, यूपीए सरकार ने 10 वर्षों में बंगाल को 2,09,000 करोड़ रुपए दिए और मोदी सरकार ने 9 साल में 7,17,000 करोड़ रुपए दिए। दीदी को एक-एक रुपये का हिसाब देना होगा। शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा अपनी सोशल मीडिया की ताकत के दम पर चुनाव लड़ेगी। गृहमंत्री ने कहा, हमने जो परिणाम हासिल किया है, देखिए। हमारे पास एक भी विधायक नहीं था लेकिन आज हमारे पास बंगाल में 77 और 20 लोकसभा सदस्य हैं। अगर हम 0 से 77 सीटें हासिल कर लेते हैं तो दो-तिहाई बहुमत से भी सरकार बना सकते हैं।।जिनके घर से नोटों की गड्डी मिली, दीदी उनको सिपाही बताती हैं
अमित शाह ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा, बंगाल हर मामले में देश का नेतृत्व करता था और वही बंगाल आज कट मनी, सिंडिकेट, घुसपैठ, वंशवाद, भ्रष्टाचार और बम धमाकों के लिए जाना जाता है। जब दीदी ने बंगाल में कम्युनिस्टों को सत्ता से बाहर किया तो लोग खुश थे और उन्हें उम्मीद थी कि बंगाल की स्थिति बेहतर होगी, लेकिन इसके बदले उसने जो दिया वह उससे भी बदतर था। उनके मंत्रियों के पास से 50 करोड़ रुपए के नोटों की गड्डियां बरामद हुई हैं। लेकिन दीदी उन्हें पार्टी का सिपाही कहती हैं।भाजपा का मतलब होगा, घुसपैठ-गौ तस्करी का खात्मा
अमित शाह ने कहा, पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनने का मतलब घुसपैठ, गौ तस्करी का खात्मा और सीएए के जरिए धार्मिक रूप से प्रताड़ित लोगों को नागरिकता देना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश तेजी से प्रगति कर रहा है लेकिन दीदी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल का विकास रुक गया है। क्योंकि उन्हें डर है कि अगर मोदी की विकास योजनाएं पश्चिम बंगाल में लागू हो गईं तो भाजपा की लोकप्रियता बढ़ जाएगी।दीदी के सांसद करते हैं पासवर्ड शेयर: ।महुआ मोइत्रा का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि उन्होंने उपहारों के बदले कारोबारी के साथ अपने संसद पोर्टल का पासवर्ड साझा किया, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनका बचाव किया। उन्होंने पूछा कि बंगाल में गरीबों के बारे में कितने सवाल थे? उन्होंने कहा कि तृणमूल सांसद ऐसा नहीं करते क्योंकि उन्हें इसके लिए महंगे उपहार नहीं मिलेंगे। सदन की आचार समिति की ओर से मोइत्रा को आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें लोकसभा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। रिपोर्ट अशोक झा

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