भारतीय मूल्यों की रक्षा करते हुये सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाना होगा : शंकराचार्य

बोले- धर्म की सीमा का अतिक्रमण कर नहीं की जा सकती राजनीति

धर्मनगरी चित्रकूट मे पधारे गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि देश के लिये जो संविधान बनाया गया है, वह धर्म और संस्कृति सम्मत नहीं है। यहां के लोग आज भी ब्रिटेन के उप निवेश की तरह जी रहे हैं। जगद्गुरु यहां चित्रकूट के तीन दिवसीय भ्रमण पर आए हुए है। उनके सम्मान मे तीसरे दिन गुरुवार को यहां कामदगिरि मुख्य द्वार के सभागार में धर्मसभा का आयोजन किया गया।
धर्मसभा मे बोलते हुये जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि भारत अगले तीन वर्षों में हिन्दू राष्ट्र बन जाएगा। उन्होने कहा कि हमे भारतीय मूल्यों की रक्षा करते हुए सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाना है। धर्मसभा मे मौजूद चित्रकूट के संतों से कहा कि आप सभी को आगे आना होगा। भारत में नेता धर्म और नीति को नहीं समझते। देश मे राजनेताओं की कमी नहीं है। परन्तु वह राजनीति की परिभाषा से परिचित नहीं है। शंकराचार्य ने कहा कि कभी धर्म की सीमा का अतिक्रमण कर राजनीति नहीं की जा सकती ?
धर्मसभा को कामदगिरि प्रथम द्वार के संत मदन गोपाल दास, महंत दिव्यजीवन दास आदि ने भी संबोधित किया। इस मौके पर संत श्याम जी दास, मोहन दास, बलराम दास, सच्चिदानंद, आनंद दास, रामप्यारे दास, रामलोचन दास, घनश्याम दास आदि सैकडों संत-महंत मौजूद रहे।

 

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