यूपी में पेन्डेमिक की स्थिति बरकरार

यूपी में पेन्डेमिक की स्थिति बनी हुई है। सूबे का संपूर्ण अस्पताल डेंगू/चिकनगुनिया जैसे लक्षणों वाले किसी अनजान बीमारी के मरीजों से पटा पड़ा है। प्राइवेट डॉक्टर और पैथोलॉजी गठजोड़ ग़रीब/मध्यम वर्ग मरीजों को इस महामारी के कहर से कहीं ज्यादा दर्द दे रहे हैं। स्थिति कोरोना महामारी से भी बुरी बनी है। बावजूद इसके आमजन को इससे बचाव हेतु मिलने वाले समस्त सरकारी मदद अखबारों में इस्तेहार और कागजी खानापूर्ति तक ही सीमित हो चुका है। अफसोस, जिम्मेदार लोगों के कानों पर जूं नहीं रेग रहा। ‘मीडियामैन’ लोगों की कलम और कैमरा दोनों कुंद पड़ गये हैं। सूबे के सूबेदार को अफसर बरगलाने में व्यस्त हैं। जमीनी हकीकत से इतर खुशहाल उत्तर प्रदेश होने के अफसरों के सारे गलत आंकड़े कर्मयोगी मुख्यमंत्री को सही निर्णय लेने में बाधक बन रहे है। स्वास्थ्य महकमा संभालने की जिम्मेदारी जिन मंत्री जी के कंधे पर है उनका इस ओर कोई ध्यान नहीं है। वो विभागीय मंत्री के दायित्व से ज्यादा राष्ट्रीय/संगठन मसलों पर बयानबाजी और निरीक्षण/उद्घाटन/कार्यक्रम में शामिल होने की परंपरा को निभाने में ही मशगूल हैं… जनता की जहमत से कोई सरोकार दिखाई नहीं पड़ रहा।
सब भगवान भरोसे!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button