यूरोपीय और अमेरिकियों को भा रहे प्राकृतिक पत्थरों से बने आभूषण

यूरोपीय और अमेरिकियों को भा रहे प्राकृतिक पत्थरों से बने आभूषण

नोएडा। सोने-चांदी के आभूषणों के बजाए आम-तौर पर प्राकृतिक पत्थरों से बनी फैशन जूलरी अमेरिका और यूरोप के लोगों की पसंद आ रहे हैं। इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में लगे स्टॉल पर सबसे अधिक स्टोन का प्रयोग कर बनाए गए आभूषणों की मांग ज्यादा है।

आर्टिफिशियल फैशन जूलरी के फेयर में बनारसी कला का प्रयोग कर बनाए गए आभूषणों का स्टॉल लगाने वाले निर्यातक आरके गुप्ता ने बताया कि यूरोपीय और अमेरिकी महिलाएं और पुरुष अपने ड्रेस से मैच करती हुई आर्टिफिशियल जूलरी पहनना पसंद करते हैं। भारतीय जहां सोने के आभूषण पहनना अधिक पसंद करते हैं वहीं, विदेशियों को प्राकृतिक पत्थरों से बने आभूषण भाते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी चार पीढि़यां यह कार्य कर रही हैं। वह एक-एक पत्थरों को खोजकर, उनको एक जैसी बनावट में माला, टॉप्स और नेकलेस तैयार करते हैं।

फेयर में एरी इनोवेशन एंड स्किल्स स्टॉल पर निर्यातक और डिजाइनर नेहा अग्रवाल ने बताया कि पत्थरों के आभूषण में ब्रास, लकड़ी, कपड़े और कुछ जगहों पर चांदी का भी उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि गर्मियों में अक्सर यूरोपीय और अमेरिकी स्टोन वाली फैशन जूलरी का ही प्रयोग करते हैं।
दो से तीन गुने दामों में यूरोपीय बाजारों में बिकती है फैशन जूलरी
मेले में स्टॉल लगाने वाले निर्यातक राधा गुप्ता ने बताया कि यहां से यूरोपीय खरीदार कंपनियां बड़ी मात्रा में फैशन जूलरी ले जाती हैं। इसके बाद मॉल्स या स्टोर में पहुंचने पर उनकी कीमत दो से तीन गुना तक हो जाती हैं। 300 या 400 वाला ब्रेसलेट या माला 600 से 900 रुपये तक बिकता है।
रैंप पर मॉडल्स ने किया फैशन जूलरी के डिजाइन का प्रदर्शन
फेयर के दौरान दोपहर 12 बजे और शाम 4 बजे फैशन शो का आयोजन किया गया। फैशन जूलरी की डिजाइनर आमना श्रीवास्तव की ओर से पेश किए डिजाइनों को रैंप पर मॉडल्स ने प्रदर्शित किया। इसमें ब्रास में बनी बीडेड फैशन जूलरी और बड़े स्टोन वाली मालाओं की डिजाइन का प्रदर्शन मॉडल्स ने किया। इसके अलावा कपड़ों के बैग के डिजाइनों की भी प्रस्तुति की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में विदेशी खरीदार और कंपनियों के प्रतिनिधियों ने डिजाइनों को देखा।

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