तीर धनुष के साथ कलम चलाना सीखेंगे आदिवासी बच्चे

तीर धनुष के साथ कलम चलाना सीखेंगे आदिवासी बच्चे

*संस्कार प्रशिक्षण शिविर का हुआ उद्घाटन

*आदिवासी बच्चों का वन से शहर तक का सफर शुरू

*नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के साथ तीर धनुष की हुई पूजा, दीपोज्वलन के साथ हुआ उद्घाटन

वाराणसी। सोनभद्र और मध्य प्रदेश के सुदूर जंगल से शिक्षा ग्रहण करने आये आदिवासी बच्चों ने विशाल भारत संस्थान के माध्यम से वन से शहर तक का सफर शुरू किया। विशाल भारत संस्थान द्वारा आयोजित संस्कार प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन विशाल भारत संस्थान की नेशनल कोऑर्डिनेटर आभा देवी ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीपोज्वलन कर किया। आदिवासी बच्चों ने नेताजी सुभाष के साथ तीर धनुष की पूजा कर वन की परंपरा निभाई।

मुख्य अतिथि आभा देवी एवं विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ० अर्चना भारतवंशी ने आदिवासी बेटियों को भारतवंशी संस्कार दिया, बेटियो ने तीर धनुष के साथ सलामी दी। आदिवासी बच्चों को संस्कारित करने के लिए 18 जुलाई से 20 जुलाई तक लमही के सुभाष भवन में शिविर आयोजित किया गया है। प्रतिदिन शिविर दो सत्रों में आयोजित किया गया है।

प्रथम सत्र में बोलते हुए आभा देवी ने कहा कि आदिवासी समाज ने भारतीय परंपरा और संस्कृति को जिंदा रखा। शहर की संस्कृति और वन की संस्कृति के बीच रामसेतु की तरह पुल बनाना होगा। तीर धनुष के साथ कलम को भी पकड़ना जरूरी है। आदिवासी बच्चे शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति के राजदूत बनेंगे। एक तरफ अभावों के बीच संस्कार को आदिवासियों ने जिंदा रखा और दूसरी तरफ भौतिकवाद के बीच विकास की गाथा लिखी जा रही है। अगर आदिवासी समाज को विकास के रास्ते पर ले जाना है तो वन और शहर के बीच समन्वय बनाना पड़ेगा। पूजा करने से लेकर अनुशासन में रहने तक का पाठ सभी के लिए जरूरी है।

द्वितीय सत्र में प्रसिद्ध पत्रकार डॉ० कवींद्र नारायण ने आदिवासी बच्चों को धर्म और संस्कृति का पाठ पढ़ाया। आदिवासी बेटियों को मन्दिरों में पुजारी बनने और लोगों को भगवान राम के चरित्र से जोड़ने हेतु तैयार किया गया। धर्म और संस्कृति के दूत के रूप में आदिवासी समाज को धर्म की रक्षा का भार उठाना पड़ेगा। इसमें बेटियों की बड़ी भूमिका है।

संचालन उजाला भारतवंशी ने किया एवं धन्यवाद खुशी रमन भारतवंशी ने दिया। इली भारतवंशी ने सभी बच्चों को भारतवंशी होने की शपथ दिलाई। प्रशिक्षण में दक्षिता भारतवंशी, शिखा भारतवंशी, राधा भारतवंशी, रिया भारतवंशी, अकांक्षा भारतवंशी, संजू, राजकुमारी, दीपा, शिल्पा, मुन्नी, अनीता, अनु कुमारी, सीनम, विद्यावती, शिवकुमारी, सीमा, शांति, अविनाश, सुरेश आदि बच्चे शामिल रहे।

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