तृणमूल कांग्रेस का राजभवन अभियान गुरुवार को , राज्यपाल उत्तर बंगाल दौरे पर
दिल्ली से आपदा प्रभावित क्षेत्रों का करेंगे दौरा और फिर लौट जायेंगे दिल्ली
सिलीगुड़ी: तृणमूल कांग्रेस का राजभवन दौरा को लेकर एक बार और हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल सकता है। दिल्ली में धरना प्रदर्शन को लेकर बुधवार को दिनभर उत्तर बंगाल में भाजपा नेताओं के घर के सामने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के घर घेराव के दौरान झड़प हुई है। इसको लेकर थाने में मामला। दर्ज किया गया है। पश्चिम बंगाल के आसनसोल में अग्निमित्रा पाॅल के नेतृत्व में बीजेपी के ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत मिट्टी संग्रह कार्यक्रम के दौरान निकाली गई रैली को लेकर अचानक काफी हंगामा शुरु हो गया। इसी बीच राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस सिक्किम में आई प्राकृतिक आपदा और बंगाल के हिल्स में भारी तबाही का आकलन और निरीक्षण करने उत्तर बंगाल पहुंच रहे है। वे दिनभर यहां से जानकारी लेकर शाम को दिल्ली रवाना हो जाएंगे। सिक्किम से मिल रही जानकारी के अनुसार अबतक 8 लोगों के शव को उद्धार किया गया है। 70 से अधिक लोग लापता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है। राज्यपाल के उत्तर बंगाल दौरा को भी राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी छुट्टियां रद्द कर दी हैं। तिस्ता नदी लाल निशान से आगे बह रही है। निचले इलाके से लोगों को सुरक्षित बाहर भेजा जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी और मुख्यमंत्री के विशेष सलाहकार अलापन बनर्जी ने नबन्ना और नबन्ना के अन्य विभागों के सचिवों को फोन स्पीकर पर बिठाकर उनके साथ बैठक की। वहां ममता ने अपने सचिवों को सभी जरूरी निर्देश दिये। ममता ने कहा, पैर में चोट के कारण मैं बाहर नहीं जा सकती। हालांकि मैंने राज्य के कुछ मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों को नियुक्त किया है। वे बाढ़ की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. मेदिनीपुर, सबंग और घाटाल में अतिरिक्त सावधानी बरती गई है। मैंने दो कंट्रोल रूम खोलने का भी आदेश दिया है। मुझे दूसरा नंबर भी दीजिए। मैं आपातकाल की स्थिति में लगातार घर पर सभी आवश्यक प्रशासनिक कार्य करुंगी। फिलहाल सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। क्योंकि पूजा के सामने ऐसी विपदा से पहले निपटने की जरूरत है। हालांकि उस बैठक में ममता ने मुख्य सचिव और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश देने के अलावा राज्य की जनता के लिए कुछ संदेश और सुझाव भी दिये। ममता बनर्जी ने कहा, ‘उन लोगों से कहूंगी जो निचले इलाकों में रहते हैं, कृपया घर से सरकारी शिविर के सुरक्षित आश्रय में आएं। सात-आठ जिलों में आपातकाल की स्थिति बन सकती है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें इलाकों में तैनात
लेकिन साथ ही ममता बनर्जी ने कहा कि आपदा प्रतिक्रिया दल उन सभी इलाकों में पहुंच गए हैं जहां बाढ़ का खतरा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुंच चुकी हैं. ममता ने यह भी कहा कि इस बात पर भी कड़ी नजर रखें कि कहीं बारिश के पानी से बिजली के तार तो नहीं टूट गए हैं। जनता की सुरक्षा हमारी पहली प्रथामिकता है। @ रिपोर्ट अशोक झा